जयपुर। यूं तो राजस्थान में अतिआवश्यक होने पर राज्य सरकार पेड़ों की कटाई की अनुमति देती है, लेकिन बीकानेर उपखण्ड क्षेत्र में बिना अनुमति के ही राज्य वृक्ष खेजड़ी के सैकड़ों हरे वृक्ष काट दिए गए। पेड़ काटने का आरोप क्षेत्र में बिजली उत्पादान के लिए सोलर प्लांट लगा रही कंपनियों पर लगाया गया है। इस सम्बंध में ग्रीन टेक नामक एक कंपनी के खिलाफ किसान सुमेर सिंह ने अवैधानिक तरीके से उसकी खाातेदारी भूमि से राज्य वृक्ष खेजड़ी काटने का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई है। इसके अतिरिक्त ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों की ओर से अलग-अलग सोलर कंपनियों पर खेजड़ी काटने का आरोप लगाते हुुए उपखण्ड स्तर से जिला कलक्टर तक शिकायत की गई है। बीकानेर उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि उनके यहां किसी ने भी पेड़ काटने की अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया है। इसके बावजूद राज्य वृक्ष की अवैध कटाई नहीं थम रही है।
ऐसे में अब जिम्मेदार विभागीय अधिकारी और सोलर कंपनियों के बीच मिलीभगत से राज्य वृक्ष को काट कर पर्यावरण को नुकसान पंहुचाने के आरोप भी लग रहे हैं। जीव रक्षा संस्था बीकानेर अध्यक्ष मोखराम धरणिया ने आरोप लगाया कि बीकानेर में हजारों खेजड़ी के पेड़ों की बलि दे दी गई है। यह सब प्रशासन और सोलर कंपनियों की मिलीभगत से सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में सोलर कंपनियां प्रशासन पर हावी है। पेड़ काटे जा रहे हैं। जिम्मेदार मौन है। पर्यावरण प्रेमी शिकायत कर रहे हैं। सुनवाई नहीं हो रही है।
बीकानेर में कृषि खातेदारी भूमि से बिना अनुमति के राज्य वृक्ष खेजड़ी की अवैध कटाई का विरोध बढ़ने लगा तो राजस्व विभाग और वन विभाग ने खानापूर्ति करते हुए खेतों में इधर-उधर पड़ी राज्य वृक्ष की लकड़ियों की जब्ती की कार्रवाई शुरू की। वन विभाग और राजस्व विभाग ने गुरुवार से शुक्रवार तक अलग-अलग खेतों से 30 टन से अधिक खेजड़ी की लकड़ियों को जब्त किया है। जब्त की गई लकड़ियों को सुरक्षार्थ वन विभाग की नर्सरी में रखा गया है।
बीकानेर रेंज उत्तर के क्षेत्रीय वन अधिकारी बिशन सिंह राजपुराहित ने द मूकनायक को बताया कि गुरुवार को उन्होंने राजस्व कर्मियों के साथ मिलकर 28 टन 30 क्विंटल लकड़ी जब्त की है। अभी भी जब्ती की कार्रवाई चल रही है। वाहनों को खेतों से उठाकर नर्सरी के लिए संसाधन राजस्व विभाग ने मुहैया करवाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ वनकर्मी कांटे पर लकड़ियों को तोल कर नर्सरी में खाली करवा रहा है।
उधर, जीव रक्षा संस्था बीकानेर के अध्यक्ष मोखाराम ने बताया कि जब्त की गई लकडियों को उठाने के लिए अधिकारियों को ग्रीन टेक नाम की कंपनी ने जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली तथा मोबाइल आरा कटर उपलब्ध करवाए हैं। इन्हीं संसाधनों से कंपनी ने पहले अवैध तरीके से पेड़ो को काट कर इधर उधर खेतों में पटका था। उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभागीय अधिकारी सब कुछ जानकर मौन है। राज्य वृक्ष को काटने वालों पर कार्रवाई से बच रहे हैं।
जीव रक्षा संस्था बीकानेर महासचिव रामकिशन डेलू ने द मूकनायक को बताया कि बीकानेर के अलग-अलग उपखण्ड क्षेत्रों में 70 से अधिक सोलर कंपनियां बिजली उत्पादन के लिए प्लांट लगानेे वाली है। इनमें से दर्जनों कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण सरंक्षण लिए सोलर बिजली उत्पदान कर रही है, इससे हमे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पर्यावरण को सरंक्षित करने के नाम पर आप राज्य वृक्ष खेजड़ी को काट कर पर्यावरण को दोहरा नुकसान पहुंचाऐंगे तो बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक नाल बड़ी, कावनी, हापासर, जैमलसर इलाकों में सोलर कंपनियों द्वारा राज्य वृक्ष काटे गए हैं। इन सबकी शिकायत हमने अधिकारियों को करदी है, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिम्मेदार अधिकारी सभी सोलर कंपनियों से मिले हुए हैं।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने एक आदेश जारी कर अनुमति से काटे गए पेड़ों की जगह क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए तहसीलवार भूमि चिह्नित की है। आदेशानुसार क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण हेतु चयन की गई भूमि पर संबधित पटवारी हल्का स्वयं अपने स्तर पर एवं ग्राम पंचायत के माध्यम से पानी की व्यवस्था करेगा, पेड़ों एवं वृक्षों की देखभाल एवं उनके सरंक्षण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उक्त क्षेत्र को विकसित करेंगे। सम्बंधित पटवारी उक्त क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के सम्बंध में इंन्द्राज हेतु एक रजिस्टर संधारण कर पूर्ण मोनेटरिंग सुनिश्चित करेंगे। सम्बंधित तहसीलदार एंव उपखण्ड अधिकारी भी समय-समय पर उक्त स्थलों का निरीक्षण करेंगे।
उपखण्ड अधिकारी बीकानेर अशोक कुमार विश्नोई ने द मूकनायक को बताया कि बिना अनुमति के हरे वृक्ष को नहीं काट सकते हैं । बीकानेर उपखण्ड क्षेत्र में राज्य वृक्ष खेजड़ी के पेड़ों को काटने की शिकायत मिली है। इस सम्बंध में सम्बंधित पटवारी और गिरदावार को मौके पर भेज कर जांच करवाई है। अवैध तरीके से खेजड़ी के पेड़ काटने वालों पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी सोलर कंपनी ने उनके पास पेड़ों की कटाई की अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया है। अनुमति के लिए राज्य सरकार ने नियम बना रखा है। इन्हीं नियमों के तहत सक्षम अधिकारी पेड़ काटने की अनुमति दे सकता है। एसडीएम ने कहा कि यदि किसानों ने पेड़ काटे हैं तो उन पर कार्रवाई करेंगे।
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