Environment: उत्तर भारत में धूलभरी आंधी के साथ बारिश के आसार, जानिए मौसमी आपदाओं की पूर्व घटनाएं और बचाव के उपाय!

उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शुक्रवार की रात तेज धूल भरी आंधी और गरज के साथ हुई बारिश ने गर्मी से तो राहत दी लेकिन तबाही भी मचाई जिसमें जानमाल की हानि भी हुई।
धूलभरी आंधी
धूलभरी आंधीसांकेतिक तस्वीर
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नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले रविवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में हल्की बारिश और गरज के साथ धूल भरी आंधी चलने व ओले पड़ने की संभावना है।

मौसम विभाग ने तेज रफ्तार हवाओं व वज्रपात को लेकर पीली चेतावनी [पीला यानि येलो अलर्ट मौसम की आगामी स्थिति से चेताना होता है. मौसम विभाग के इस अलर्ट का मतलब होता है कि मौजूदा स्थिति में बेशक खतरा नहीं है, लेकिन कभी भी मौसम की खराब स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.] दी है और इससे बचाव के उपाय भी सुझाए हैं। विभाग ने बताया कि हिमालय के ऊपर मौजूद पश्चिमी विक्षोभ सहित देश भर में बने मौसमी हालातों के कारण शुक्रवार को शाम के बाद मौसम ने एकदम से करवट बदल दिया और देखते ही देखते तेज आंधी के साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी और गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई।

विभाग ने बताया कि छिटपुट जगहों पर ओले पड़ने की सूचना भी मिली है। जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तटीय ओड़ीशा, पूर्वी असम, आंध्र प्रदेश उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु केरल और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, विदर्भ, में भी हल्की बारिश हुई। साथ ही पश्चिमी राजस्थान में एक दो स्थानों पर लू चली। लेकिन आम तौर से मौसम ठंडा हो गया।

मौसम संबंधी निजी वेबसाइट स्काइमेट के मुताबिक इस अनियमित मौसम के पीछे उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बना चक्रवाती परिसंचरण है, जो वायुमंडलीय अस्थिरता पैदा कर रहा है। इससे दिल्ली, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश, आंधी और धूल भरी आंधी के साथ अलग- अलग स्थानों पर ओले पड़ने की संभावना है।

पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार में भी हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे) चलने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी जारी की है कि जर्जर इमारतों, कच्चे घरों, अस्थायी छत वाले घरों एवं झोपड़ियों को क्षति पहुँचने की सम्भावना है। तेज झोंके दार हवाओं व आंधी-तूफान में हवा की गति सामान्य से अधिक तेज होने से पेड़ों की शाखाओं के गिरने की संभावना अधिक होती है। बागवानी व खड़ी फसल को भी नुकसान की आशंका है। बिजली गिरने या ओले से घायल होने की आशंका को देखते हुए लोगों से घरो में रहने को कहा है।

यदि 2023 की बात करें तो पिछले साल दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र के मुकाबले एशिया को सबसे ज्यादा मौसमी आपदाओं से जूझना पड़ा था। डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक 2023 के दौरान एशिया ने 79 चरम मौसमी आपदाओं का सामना किया। इन आपदाओं की वजह से जहां 2,000 से ज्यादा जिंदगियां तबाह हो गईं। वहीं 90 लाख से ज्यादा लोगों का जीवन इन आपदाओं की वजह से अस्त-व्यस्त हो गया था। यह जानकारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा आज जारी नई रिपोर्ट "स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन एशिया" में सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2023 के दौरान एशिया में बाढ़ और तूफान के चलते सबसे ज्यादा लोग हताहत हुए थे। साथ ही इनकी वजह से भारी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा था। इतना ही नहीं इस दौरान एशिया में आई चरम मौसमी आपदाओं में से 80 फीसदी बाढ़ और तूफान की घटनाएं थी।

आंधी से बचने के लिए, ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • घर के अंदर ही रहने की कोशिश करें

  • बिजली के सभी सामानों के प्लग हटा दें

  • पेड़ों के नीचे या आस-पास न जाएं

  • अगर गाड़ी, बस या किसी अन्य ढकी हुई गाड़ी के अंदर हैं तो उसी में रहें

  • साइकिल और मोटरसाइकल पर चलने से बचें

  • पूल, तालाब, छोटी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं

  • गाड़ी चलाते समय डिपर और पार्किंग लाइट का इस्तेमाल करें

  • खुले स्थान पर जमीन पर नीचे लेट जाएं

  • बिजली के खंभों, तारों से दूर रहें

  • तेज आंधी-तूफान आने पर किसी दीवार के आस-पास या पीछे खड़े ना हों

  • सभी खिड़कियों, रोशनदानों और कांच के दरवाजों से दूर रहें

  • किसी सुरक्षित क्षेत्र में जाएँ, जैसे आंतरिक कमरा, कोठरी या नीचे का बाथरूम

  • इससे पहले कि इस बात की पुष्टि हो जाए कि तूफ़ान उस क्षेत्र से गुज़र चुका है, कभी भी अपने घर या आश्रय स्थल से बाहर न जाएँ

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