मध्य प्रदेश: बीएसपी विधायक ने विधानसभा में उठाया नौरादेही अभयारण्य विस्थापन का मुद्दा

विधायक राम बाई ने कहा - बीएसपी विधायकों की संख्या कम इसलिए सदन में नहीं मिलता बोलने का मौका
मध्य प्रदेश: बीएसपी विधायक ने विधानसभा में उठाया नौरादेही अभयारण्य विस्थापन का मुद्दा
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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुंदेलखंड अंचल के नौरादेही अभयारण्य के विस्थापितों के पुनर्वास का मुद्दा हंगामे के बीच बीएसपी की पथरिया विधायक राम बाई ने सदन में उठाया। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए सरकार को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के विधायकों की संख्या कम है इसलिए उन्हें सदन में बात रखने का मौका नहीं मिलता।

बहुजन समाज पार्टी की पथरिया विधायक रामबाई ने अपने ध्यानाकर्षण की सूचना में कहा कि दमोह जिले के नौरादेही अभयारण्य के विस्थापितों का उचित व्यवस्थापन नहीं हो सका है। बुंदेलखंड बहुत शांत क्षेत्र है और विस्थापितों का उचित पुनर्वास नहीं होने की स्थिति में उनके गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंकाएं हैं।

दरअसल, तीन साल पहले सागर जिले में नौरादेही अभयारण्य में विस्थापित करीब 350 परिवारों का पुनर्वास आज तक नहीं हो पाया है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए विधायक रामबाई ने बताया कि विस्थापित किए गए परिवारों को सिर्फ घर का पैसा दिया गया, लेकिन उनकी खेती की जमीन के बदले जमीन आज तक नहीं मिल पाई है। विस्थापन के समय सरकार ने मुआवजे की रकम के साथ खेती की जमीन के बदले जमीन देने का आश्वासन दिया था, लेकिन विस्थापित परिवारों को आज तक जमीन नहीं दी गई।

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विधायक रामबाई ने कहा कि सदन में कांग्रेस और भाजपा के विधायकों को बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन बसपा विधायकों की संख्या कम होने के कारण उन्हें मौका नहीं मिलता। ध्यानाकर्षण सूचना का उत्तर देते हुए वन मंत्री की ओर से संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये पुनर्वास पूरी तरह स्वेच्छा से हुआ है। किसी को भी हटाया नहीं गया है। लेकिन रामबाई सरकार के मिले जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं और सदन में लगातार अनियमितताओं की शिकायत करती रहीं।

इसी बीच अध्यक्ष गौतम ने कहा कि सरकार की ओर से राशि उपलब्ध कराई गई है और विधायक के संज्ञान में अगर कोई मामला है तो वे आवेदन लगा दें। उसकी जांच हो जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि सरकार की ओर से विस्थापितों के लिए पैसा दिया गया है और अगर कहीं अनियमितताएं हैं तो उनका आवेदन प्राप्त होने पर जांच की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले की जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं।

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