द मूकनायक ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा, राज्य सरकार ने जारी किए स्थानांतरण आदेश।
रिपोर्ट- अब्दुल माहिर
सवाईमाधोपुर। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर राजनीतिक उठा पाठक के बीच राजस्थान सरकार ने द मूकनायक द्वारा खबर प्रकाशन के बाद परियोजना के सुचारू संचालन के लिए 86 अधिकारी व कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति के तहत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम में भेज दिया है। यह सभी अधिकारी कर्मचारी ईआरसीपी निगम के मुख्य अभियंता के निर्देशन में कार्य करेंगे। ईआरसीपी को लेकर आन्दोलन से जुड़ी आदिवासी महिला राजेश्वरी मीना ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। जल संसाधन विभाग के सहायक शासन सचिव कैलाश चंद मीणा ने आदेश जारी कर बताया कि प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त उक्त सभी कार्मिकों को ईआरसीपी निगम में स्वीकृत पदों पर मुख्य अभियंता ही आवश्यकतानुसार स्थानांतरित कर सकेंगे।
इन्हें लगाया ईआरसीपी में
जल संसाधन विभाग के सहायक शासन सचिव कैलाश चंद मीणा ने आदेश जारी कर बताया कि ईआरसीपी निगम में एक अतिरिक्त मुख्य अभियंता, 5 अधीक्षण अभियंता, 12 अधिशाषी अभियंता, 22 सहायक अभियंता, 32 कनिष्ठ अभियंता लगाए गए हैं। इसी तरह मंत्रालयिक संवर्ग से एक अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, 3 वरिष्ठ सहायक व 10 कनिष्ठ सहायक लगाए हैं।
सरकार का कदम सराहनीय
द मूकनायक से बात करते हुए ईआरसीपी आंदोलनकारी आदिवासी महिला राजेश्वरी मीणा ने बताया कि हमारी केंद्र व राज्य सरकार से एक ही मांग है कि ईआरसीपी को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए। राजस्थान सरकार ने 86 अधिकारी व कर्मचारियों की ईआरसीपी में प्रतिनियुक्ति कर योजना के सफल क्रियान्वयन की ओर कदम बढ़ाया है। पूर्वी राजस्थान का किसान सरकार के इस कदम का सहयोग करता है। राजेश्वरी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार अपना अपना अहम छोड़ कर टेबल पर बैठ कर ईआरसीपी की तकनीकी अड़चनों को दूर करें। हमें पानी चाहिए और कुछ नही।
गांव व ढाणियों तक जन जागरुकता
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने व योजना में शामिल सभी 13 जिलों में पूर्व में बनाए तकमीने में छूटे बांध, नदी व नहरों को जोड़ने की मांग को लेकर ईआरसीपी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जन जागरुकता रैली भी निकाली जा रही है। ईआरसीपी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मंगलवार 26 जुलाई को दौसा जिले के राहुवास गांव में रैली का आयोजन हुआ। रैली में राजेश्वरी मीणा ने भी भाग लिया। मीणा ने रैली में कहा कि, "ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के लिए जीवन रेखा साबित होगी। इसके लिए हमें हर तरह तैयार रहने की जरूरत है। हर घर से महिला, पुरुष व बच्चों को भी आवाज उठाना होगा। तब हमें पीने का पानी नसीब होगा।"
उन्होंने कहा कि, ईआरसीपी के लिए किसानों के साथ व्यापारियों को भी आगे आना चाहिए। ईआरसीपी योजना के तहत पूर्वी राजस्थान के उद्योगों के लिए भी पानी मिलेगा। अकेले किसानों को ही इस योजना का लाभ नहीं मिलने वाला है। ईआरसीपी संयुक्त मोर्चा में शामिल आदिवासी जवान सिंह मोहचा ने भी योजना को जल्द शुरू करवाने के लिए अब बड़े आन्दोलन की ओर इशारा किया है।
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