उत्तर प्रदेश: IIT कानपुर में छात्र ने फिर की आत्महत्या, क्यों नहीं थम रहे मामले?

IIT कानपुर के हॉस्टल में एमटेक छात्र ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हाल ही में जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में शोध स्टाफ सदस्य डॉ. पल्लवी ने भी आत्महत्या कर ली थी।
उत्तर प्रदेश: IIT कानपुर में छात्र ने फिर की आत्महत्या, क्यों नहीं थम रहे मामले?
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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में कल्याणपुर थानाक्षेत्र स्थित आईआईटी में एमटेक कर रहे मेरठ निवासी छात्र विकास कुमार मीना (31) ने देर रात पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कथिततौर पर छात्र दलित समाज से था। यह परिसर में बीते तीन महीनों में आत्महत्या का दूसरा मामला है। इससे पहले शोध छात्रा पल्लवी ने आत्महत्या कर ली थी। देश के अलग-अलग शहरों में स्थित आईआईटी परिसरों में बीते 12 महीनों में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं।

इधर, आईआईटी निदेशक द्वारा सभी छात्रों को साझा किए गए एक संदेश में कहा गया है- गहरे दुख के साथ, मैं आपको एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के छात्र विकास कुमार मीणा के दुखद और असामयिक निधन के बारे में सूचित करता हूं। ईमेल में आगे विकास को मेधावी छात्र के रूप में वर्णित किया गया है, जो 2021 में संस्थान में शामिल हुआ था।

मूल रूप से मेरठ लक्ष्मी विहार नियर बेस्ट प्राइस करखेड़ा निवासी नेमचंद मीना के बेटे विकास आईआईटी में एमटेक सेकेंड ईयर के छात्र थे। थाना प्रभारी धनंजय पांडेय ने बताया कि बुधवार रात करीब दस बजे हॉस्टल के कमरे में विकास का शव पंखे के सहारे फंदे से लटकता मिला।

आस-पास के कमरों में रहने वाले छात्रों के अनुसार कमरे में कोई हलचल नहीं दिखी, तो उन्होंने झांककर देखा। विकास का शव लटकता देखकर छात्रों ने सूचना दी। हालांकि उनके पहुंचने से पहले ही छात्र शव को नीचे उतारकर पहले हेल्थ सेंटर ले गए। वहां से हैलट अस्पताल ले जाया गया।

शोध स्टॉफ सदस्य डॉ. पल्लवी ने भी कर ली थी आत्महत्या

थाना प्रभारी ने बताया कि कई दिन से विकास के तनाव में रहने की बात कही जा रही है। फोरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए हैं। साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर परिजनों की तहरीर मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें, हाल ही में जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में शोध स्टाफ सदस्य डॉ. पल्लवी ने भी आत्महत्या कर ली थी।

तनाव से मौत, भेदभाव कारण नहीं

अप्रैल 2023 में, केंद्र सरकार ने आंकड़े सार्वजनिक किए जो दर्शाते हैं कि 2018 से 2023 तक, आईआईटी में एससी/एसटी छात्रों द्वारा कुल सात आत्महत्याएं (छह एससी और एक एसटी) हुईं। इसके अतिरिक्त, 2017 और 2021 के बीच, अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों की सात आत्महत्याओं की सूचना मिली।

शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऐसे मामलों में, संस्थानों द्वारा आंतरिक जांच पुलिस और जिला अधिकारियों द्वारा जांच के साथ की जाती है। इन दुखद घटनाओं के पीछे के कारणों में अकादमिक तनाव, पारिवारिक मुद्दे, व्यक्तिगत कारण और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं शामिल हैं।

कानपुर आईआईटी में अब तक हुईं खुदकुशी की घटनाएं

19 अप्रैल 2018: फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।

30 दिसंबर 2019: संस्थान में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर जान दे दी।

09 जुलाई 2020: आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

12 मई 2021: संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।

07 सितंबर 2022: वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।

12 दिसंबर 2023: जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में शोध स्टाफ सदस्य डॉ पल्लवी ने फंदा लगाकर की थी आत्महत्या।

पिछले साल, देश के आईआईटी परिसरों कई छात्रों ने आत्महत्या की। इनमें से अधिकांश दलित-आदिवासी समाज से आते थे और उनके साथ जातीय उत्पीड़न किया गया था।

12 फरवरी: केमिकल इंजीनियरिंग के 18 वर्षीय छात्र दर्शन सोलंकी ने अपने छात्रावास की इमारत की 7वीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

13 फरवरी: महाराष्ट्र के 27 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर स्टीफन सनी के आईआईटी मद्रास में आत्महत्या करने के बाद साल की दूसरी आत्महत्या की सूचना मिली।

14 मार्च: आईआईटी मद्रास में बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र पुष्पक का शव अलकनंदा छात्रावास के अपने कमरे में लटका मिला।

31 मार्च: मध्य प्रदेश के रहने वाले 20 वर्षीय केदार सुरेश ने आईआईटी मद्रास में आत्महत्या कर ली।

9 जुलाई: गणित और कम्प्यूटिंग विभाग से संबंधित चौथे वर्ष के छात्र आयुष आशना ने आईआईटी-दिल्ली में आत्महत्या कर ली।

1 सितंबर: अनुसूचित जाति से आने वाले छात्र अनिल कुमार ने आईआईटी दिल्ली में आत्महत्या कर ली।

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