उत्तर प्रदेश: लखनऊ विश्वविद्यालय में दलित व पिछड़ी जाति के प्रोफेसरों की हुई 'उपेक्षा'

भाजपा की दलित महिला विधायक ने लिखा कुलपति को पत्र, महिला विधायक के पति केंद्रीय मंत्री।
लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ विश्वविद्यालयफोटो साभार- kouniv.ac.in
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय में दलित और पिछड़ी जाति से आने वाले प्रोफ़ेसरों की भर्ती को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। यह विवाद प्रोफेसर की भर्ती को लेकर है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री और सांसद कौशल किशोर की विधायक पत्नी जय देवी ने एक पत्र कुलपति को लिखा है। उन्होंने बिना देरी किये सामान्य भर्ती की जगह पहले बैकलॉग रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कमेटी गठित कर प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी की तरफ से एक भर्ती नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके अनुसार संस्थान में कई पदों पर भर्ती की जाएगी। इस अभियान के लिए आवेदन प्रोसेस चल रही है। जिसके लिए उम्मीदवार आधिकारिक साइट lkouniv.ac.in पर जाकर आवेदन सकते हैं। भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 07 दिसंबर 2023 थी। नोटिफिकेशन के मुताबिक ये भर्ती प्रक्रिया कुल 128 पदों के लिए चल रही है, जिनमें से 84 पद असिस्टेंट प्रोफेसर और 29 पद एसोसिएट प्रोफेसर के लिए हैं। भर्ती प्रक्रिया के तहत प्रोफेसर के 13 पद और डायरेक्टर के 2 पद भी भरे जाएंगे। अभियान के जरिए अलग-अलग विषयों में फैकल्टी के खाली पद भरे जाएंगे। भर्ती के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक साइट पर जाकर शैक्षिक योग्यता और उम्र सीमा जैसे पात्रताएं चेक कर सकते हैं। इस भर्ती अभियान के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क भी देना होगा। आवेदन करने वाले सामान्य/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के रूप में 1500 रुपये का भुगतान करना होगा। जबकि एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 1200 रुपये तय किया गया है।

अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने भर्ती को लेकर किया विरोध

इस मामले में अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने भर्ती को लेकर एक पत्र गवर्नर को लिखा है। इसकी एक एक प्रति पीएम मोदी,सीएम अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ), एससी-एसटी आयोग और पिछड़ा आयोग को भेजी है। महासंघ का कहना है पिछले 4 वर्षों से इस भर्ती में आरक्षण का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी पत्र के बाद विधायक जय देवी ने एक पत्र लखनऊ के कुलपति को लिखा है।

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