नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के कैला भट्ठा में कंपोजिट विद्यालय प्राथमिक विद्यालय कैला जनरल प्रथम व द्वितीय संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें कैला भट्ट-प्रथम में मरम्मत कार्य चल रहा है। यहां के 143 बच्चों को कैला भट्टा द्वितीय विद्यालय में मर्ज किया गया है, जिसमें महज दो कमरे है। इससे छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग में बच्चों की सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं और सभी विद्यालयों में जल्द ही स्मार्ट कक्षाएं चलाने का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद कक्षाओं में मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई हो रही है। साथ ही बच्चों के बैठने के लिए बेंच तक का इंतजाम नहीं है। बच्चे जमीन पर दरी बिछाकर बैठ रहे हैं।
स्कूल में 143 बच्चे पंजीकृत हैं जो एक कमरे में नहीं आ पाते जिसकी वजह से आधे बच्चों को बाहर बैठाना पड़ता है। बच्चों को संभालने के लिए एक ही शिक्षक है। उन्होंने बताया कि लगभग दो महीने पहले स्कूल का स्थानांतरण किया गया था, तभी से बच्चे नीचे बैठते हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालय कैला जनरल-दो के बच्चों के लिए दो कमरे हैं। स्कूल में 140 बच्चे पंजीकृत हैं।
प्रधानाचार्य तबस्सुम प्रवीन ने बताया कि स्कूल का स्थानांतरण किए एक साल से ज्यादा समय हो गया है। मंगलवार को स्कूल में बिजली नहीं थी जिसकी वजह से कुछ बच्चों को बाहर बैठाकर पढ़ाया जा रहा था और कक्षा में बैठे बच्चों को मोबाइल की लाइट जलाकर पढ़ाया जा रहा था।
कंपोजिट विद्यालय कैला बालक, प्राथमिक विद्यालय कैला जनरल-एक और प्राथमिक विद्यालय कैला जनरल-दो, ये तीनों स्कूल एक ही जगह संचालित किए जा रहे हैं। स्कूल में चार शौचालय हैं, लेकिन तीन शौचालयों पर ताला लगा हुआ है। शासन से स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों के आदेश हैं और यहां तीन स्कूलों के बालक-बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय की व्यवस्था है।
स्कूलों में काम चलने की वजह से स्थानांतरण किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश देकर स्कूल की व्यवस्था की जांच कराई जाएगी। शौचालयों के लिए भी प्रधानाचार्य को बोला जाएगा। बच्चों के बैठने के लिए जल्द ही बेंचों का इंतजाम किया जाएगा।
प्रकरण में गाजियाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी पी यादव ने कहा कि एक स्कूल में मरम्मत कार्य चल रहा है। इसलिए बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया है। शेष टार्च लेकर पढ़ाई कराने की बात झूठी है।
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