यूपी: कमजोर ईंटों से बन रही प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग, मिलीभगत के खेल में हाईरिस्क पर बच्चों की चिंता किसे?

करोड़ों रुपए बजट के बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूल में निर्माण सामग्री पर उठे सवाल. बिल्डिंग बनाने के लिए जोड़ी गई ईंटो में ठीक से मसाला भी नहीं भरा गया.
कमजोर ईंट, जिससे स्कूल का निर्माण होना है.
कमजोर ईंट, जिससे स्कूल का निर्माण होना है. फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। यूपी में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस बार के बजट में हजार करोड़ से भी ज्यादा का बजट प्राइमरी स्कूलों के लिए रखा गया है। इस पैसे का हरदोई स्थित एक स्कूल में दुरूपयोग होता नजर आया है। ग्रामीण इलाके में बने इस स्कूल की बिल्डिंग के निर्माण में पीली ईंट का इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं। द मूकनायक ने ग्राउंड पर पहुंचकर सारी तस्वीरों को कैमरे में कैद किया। इस मामले में स्कूल के प्रधानध्यापक ने भी मामले का विरोध किया है।

द मूकनायक की टीम लखनऊ से लगभग 100 किमी और हरदोई जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर कोथावां ब्लॉक के उमरारी प्राइमरी स्कूल पहुंची थी। स्कूल जाने का रास्ता हरदोई संडीला रोड पर कोथावां बाजार के पास एक नहर के बगल से होकर गुजरता है। इस रोड पर लगभग छह किमी चलने पर यह स्कूल नहर किनारे दाई ओर बना हुआ है।

प्राथमिक विद्यालय उमरारी 1 विकास खण्ड कोथावां जनपद हरदोई में मौजूद बिल्डिंग
प्राथमिक विद्यालय उमरारी 1 विकास खण्ड कोथावां जनपद हरदोई में मौजूद बिल्डिंगफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

इस प्राइमरी स्कूल में तीन कमरों वाली एक बिल्डिंग सहित एक रसोई और तीन अन्य बिल्डिंग मौजूद हैं। स्कूल में प्रवेश करते ही दाई तरफ एक नई बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। स्कूल में निर्माणाधीन इस भवन के बाहर मौरंग, ईंट और डस्ट का ढेर लगा हुआ है। हमारी टीम तीन कमरों वाली एक बिल्डिंग की तरफ बढ़ी तो कमरे से बच्चों के गणित के अंकों को दोहराने की आवाज आ रही थी। कक्षा में एक शिक्षक बच्चों को गणित पढ़ा रहे थे। शिक्षक ने द मूकनायक को निर्माणधीन बिल्डिंग में इस्तेमाल हो रही सामग्री के विषय में बताया। उन्होंने जानकारी दी कि स्कूल के प्रधानाध्यापक राम प्रताप सिंह ही पूरी जानकारी दे पाएंगे।

राम प्रताप सिंह द मूकनायक को बताते हैं, "इस बिल्डिंग का काम स्कूल की शीतकालीन छुट्टियों से कुछ समय पहले ही शुरू हुआ था। तब नींव की खुदाई ही चल रही थी। दिसंबर में हुई छुट्टियों के बाद स्कूल 23 जनवरी को जब स्कूल खुल गया था तब स्कूल की नींव भरी जा चुकी थी। लिंटर भी पड़ चुका था। पास में ही पीली ईंटों का ढेर लगा हुआ था। मैंने ठेकेदार से जानकारी की तो पता चला इसी ईंट से स्कूल की नींव तैयार की गई थी। मैंने इसका विरोध किया। एक शिकायती पत्र खंड शिक्षा अधिकारी को भी लिखा था। मैं इस मामले में जांच चाहता था। मैं चाहता था कि, इस बिल्डिंग का निर्माण नए सिरे से गुणवत्ता के साथ हो। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेरी शिकायत के बाद ऊपरी भाग अव्वल ईंटो से बनाया जाने लगा।"

प्राथमिक विद्यालय उमरारी 1 विकास खण्ड कोथावां जनपद हरदोई में मौजूद बिल्डिंग
प्राथमिक विद्यालय उमरारी 1 विकास खण्ड कोथावां जनपद हरदोई में मौजूद बिल्डिंगफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

प्रधानाध्यापक आगे ठेकेदार की शिकायत करते हुए बताते हैं, "स्कूल में लिंटर डाला गया उसके इस्तेमाल में मसाला भी बहुत घटिया क्वालिटी का डाला गया है। यह मसाला हाथ मारते ही उखड़ने लगता है। बिल्डिंग की तराई भी नहीं की जाती है। अगर इस तरह से निर्माण हुआ तो यह बिल्डिंग जल्दी ही बैठ (धंसना) जाएगी। हो सकता है इसमें पढ़ने वाले बच्चों को भी क्षति पहुंचे।"

द मूकनायक उस निर्मणाधीन बिल्डिंग के पास पहुंची। निर्माणाधीन बिल्डिंग के पास ही बनी एक बिल्डिंग के बाहर आंगनबाड़ी संचालिका बैठी हुई थीं। इस महिला ने अपना नाम शिल्पी गौतम बताया। उन्होंने द मूकनायक को बताया कि, "जब स्कूल की नींव का मसाला भरा जा रहा था तब मैंने थोड़ा मसाला उठाकर रख लिया था। मैंने सोचा कि कोई अधिकारी आएगा तो उसे यह दिखाउंगी", शिल्पी द मूकनायक को मसाला दिखाती हैं। इस मसाले में डस्ट और हल्की सीमेंट मिली हुई थी। मजबूती के लिहाज से यह बिलकुल भी टिकाऊ नहीं दिख रहा था। साथ ही बिल्डिंग बनाने के लिए जोड़ी गई ईंटो में ठीक से मसाला भी नहीं भरा गया था। इस कारण दो ईंटो के बीच से देखने पर दीवार के पीछे का हिस्सा सब कुछ साफ दिख रहा था।

स्कूल के भवन में जोड़ी गई ईंट क बीच ठीक से नहीं भरा गया मसाला.
स्कूल के भवन में जोड़ी गई ईंट क बीच ठीक से नहीं भरा गया मसाला.फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

उमरारी गाँव की रहने वाली उर्मिला देवी का बच्चा इसी स्कूल में पढ़ता है। वह घटिया निर्माण की शिकायत करते हुए कहती हैं कि "इस बिल्डिंग को बनाने के लिए ठेकेदार खराब सामान इस्तेमाल कर रहा है। स्कूल के शिक्षकों ने इसकी शिकायत भी की थी। तमाम लोग आते जाते रहते हैं लेकिन इसका काम नहीं रुका। नींव खराब ईंटो से बनाई गई है। बच्चों के धक्का मारने पर ही उखड़ जाती है। अब हम लोग शिकायत करने कहाँ जायें। स्कूल के शिक्षक ही सब कुछ कर सकते हैं।"

एक अन्य महिला जिनका नाम राजरानी है, उनका बेटा कुलदीप इसी स्कूल में चौथी का छात्र है। वह इस स्कूल में मिड डे मील बनाने का काम भी करती हैं। वह द मूकनायक को बताती हैं, "स्कूल में पीले ईंट का निर्माण करना गलत है। इस तरह से स्कूल की बिल्डिंग जल्दी गिर जाएगी। बरसात में यहां अपनी तीन से चार फ़ीट तक भर जाता है, ऐसे में नींव सहित पूरी बिल्डिंग बैठ जायेगी।"

कोथावां ब्लॉक में बने उमरारी 1 प्राइमरी स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग
कोथावां ब्लॉक में बने उमरारी 1 प्राइमरी स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंगफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

द मूकनायक की टीम से वहां काम कर रहे एक मजदूर ने अपने ठेकेदार से बात कराई। ठेकेदार का कहना था कि इस मामले में शिकायत हुई थी जिसके बाद मामले की जाँच भी हुई थी। पीले ईंटो को हटा दिया गया है। अब अच्छे सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। जब टीम ने तैयार हो चुके नींव और लिंटर के विषय में पूछा तो कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

योगी सरकार ने दिया हजार करोड़ का बजट

यूपी के शिक्षा को बेहतर करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन के 144 पद सृजित किए गए हैं तो गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण के लिए 168 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

उमरारी प्रथम प्राथमिक विद्यालय की निर्माणाधीन बिल्डिंग को लेकर द मूकनायक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह से बातचीत की। विजय प्रताप सिंह ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए निर्माणाधीन बिल्डिंग में इस्तेमाल हो रही सामग्री और हो चुके निर्माण के जाँच के आदेश जारी किए हैं।

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