उत्तर प्रदेश। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) में आंदोलन कर रहे चार छात्रों को कालेज प्रशासन ने तीन माह के लिए निलंबित कर दिया है। इनमें से तीन छात्रों की अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है। जबकि एक छात्र द्वितीय सेमेस्टर का है। शुक्रवार सुबह जेल भेजे गए सभी 23 छात्रों को जमानत मिल गई थी। जिसके बाद शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद यह छात्र शाम को विवि पहुंचे और डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। छात्रों ने मारपीट करने वाले सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, दोषी अधिकारियों को हटाने और छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लिये जाने की मांग रखी थी।
गौरतलब है कि बीबीएयू छात्रों ने आरोप लगाया था कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के नाम पर बने विश्वविद्यालय में बाबासाहेब की जयंती उपलक्ष्य में उनसे जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक लगा दी थी। वहीं, रामनवमी में बिना परमिशन के कैंपस के अंदर डीजे लाया गया और प्रोग्राम करवाया गया था। प्रशासन के इस भेदभाव पूर्ण रवैया के खिलाफ अपनी बात को लेकर छात्र 17 अप्रैल 2024 को कुलपति आवास पर उनसे मिलने गए थे। छात्रों का आरोप है कि इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे सुरक्षाकर्मियों ने पिटाई की थी।
छात्रों ने आरोप लगाया था कि, विश्वविद्यालय प्रशासन कि शह पर सिक्योरिटी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों द्वारा पिटाई करने के बाद साजिशन छात्रों के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। छात्रों ने कुलानुशासक संजय कुमार से इस्तीफा मांगा था। वहीं, सुरक्षा अधिकारी बी.एस.सैनी समेत छात्रों की पिटाई करने में शामिल एसआईएस सुपरवाइजर विनय प्रताप और सुरक्षाकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग भी की थी।
इस मामले में बीबीएयू में तैनात सुरक्षा एजेंसी के एरिया मैनेजर ने विवि के चार छात्रों समेत 25 अन्य के खिलाफ आशियाना थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। छात्र एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे गए थे। विवि कुलपति प्रो. संजय सिंह ने छात्रों से मिलकर जांच कमेटी गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद धरने पर बैठे छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। तीन छात्रों की तबीयत बिगड़ने पर लोक बंधु अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
एफआईआर रद्द करने तथा प्रॉक्टर और सुरक्षा अधिकारी तत्काल हटाए जाने की मांग को लेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ के छात्र हड़ताल पर बैठ गए थे। पांच दिन के लगातार धरने के बाद इस भीषण गर्मी के कारण छात्रों की तबीयत खराब हो गई। लेकिन, इसके बावजूद उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई। हालत बिगड़ने पर छात्रों को लोक बंधु राज नारायण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। प्रदर्शनकारी छात्र कई बार बेहोश हो गये थे।
प्रदर्शनकारी छात्रों के धरना स्थल पर तबीयत खराब होने की खबर से हड़कंप मच गया था। जिसके बाद गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सिटी मजिस्ट्रेट, एडीसीपी, एसीपी, आशियाना इंस्पेक्टर, बीबीएयू के रजिस्ट्रार ने धरने पर बैठे छात्रों से मुलाकात की। रात 10 बजे तक अधिकारियों ने कई बार बातचीत कर धरना समाप्त करने का प्रयास किया लेकिन छात्र शांत नहीं हुए। जिसके बाद रात 11 बजे भारी पुलिस बल विवि पहुँच गया और 26 छात्रों को हिरासत में ले लिया। छात्रों को गोसाईंगंज सीएचसी में परीक्षण के लिए भर्ती कराया गया। इन सब में तीन छात्राएं भी शामिल थी जिन्हें पुलिस ने सीएचसी से ही छोड़ दिया। जबकि सुबह होते 23 छात्रों को जेल भेज दिया था। जिसके बाद भीम आर्मी के लीगल टीम ने सभी 23 छात्रों की जमानत करा ली थी। यह सभी छात्र शनिवार को जेल से छूटने के बाद शाम को विवि पहुंचे और डॉ. अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था। छात्रों ने मारपीट करने वाले सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, दोषी अधिकारियों को हटाने और छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लिये जाने की मांग रखी थी।
विवि प्रशासन ने छात्र अश्वनी कुमार, आलोक कुमार राव, विकास कुमार और राहुल कुमार को तीन महीने तक विवि से निलंबित कर दिया है। इस दौरान यह छात्र विवि परिसर में नहीं आ सकेंगे। भीम आर्मी के अखिल आजाद ने द मूकनायक को बताया कि, "राहुल और विकास इतिहास की पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि अश्वनी समाज शास्त्र का छात्र है. इन सभी का अंतिम सेमस्टर चल रहा है। जबकि आलोक कुमार, पब्लिक एडमिंस्ट्रेशन सेकेण्ड सेमेस्टर का छात्र है।"
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.