लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थी 'हम भी मोदी के परिवार से हैं' की तख्ती लेकर गुरुवार को शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पहुँच गए। वहीं जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यह पहली बार नहीं हुआ है। पिछले 631 दिनों से यह अभ्यर्थी लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक दर्जनों बार सीएम, डिप्टी सीएम सहित शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव कर चुके हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में 6800 आरक्षित पदों को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 6800 आरक्षित पदों पर विसंगतियां हुई हैं। इसे लेकर सूबे के सीएम ने भी इन विसंगतियों को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके साथ ही संबंधित को इसमें जांच के आदेश देकर नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। अभ्यर्थियों का कहना है इसके बावजूद भी न तो कोई अधिकारी सुन रहा है और न ही शिक्षा मंत्री इस पर गौर कर रहे हैं।
इन सभी अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी की। इससे पहले बुधवार को भी अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास से लेकर निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय तक घेराव कर चुके हैं। मंत्री के आवास पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए कहा- "शिक्षा मंत्री न्याय करो,मोदी की गारंटी है।" वहीं कुछ अभ्यर्थी- "हम भी मोदी के परिवार से हैं कि तख्तियां लेकर शामिल रहे।"
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को शांत करने की बहुत कोशिश की पर वह नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने शिक्षा मंत्री से मीटिंग कराने की बात कही। एक एडिशनल एसपी रैंक की महिला अफसर का कहना था कि शिक्षा मंत्री से बात कि जा रही है,समय मिलने पर शाम तक अभ्यर्थियों के एक दल को मंत्री से मिलवाया जायेगा।
दरअसल, हाईकोर्ट लखनऊ की डबल बेंच में 69000 शिक्षक भर्ती संबंधित मामले की सुनवाई चल रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने मीटिंग में जो वादे किए थे, उसके मुताबिक सरकार के वकील कोर्ट में पक्ष नहीं रख रहे हैं। बल्कि आरक्षित अभ्यर्थियों का विरोध कर रहे हैं। इसी बात से नाराज अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री आवास का घेराव कर रहे हैं। अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई। जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया।
इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था। जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की,लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका।
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