जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना की तरह 'राजस्थान अम्बेडकर डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) बाउचर योजना' व 'राजस्थान बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना' भी उच्च शिक्षा के लिए घरों से दूर अन्य शहरों में रहने वाले छात्रों और घर बैठकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं को आर्थिक सम्बल देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग से आने वाले कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ ही अब इस योजना में अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को भी शामिल करते हुए आवासीय सुविधा के लिए वाउचर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना से आरक्षित वर्ग के छात्रों की उच्च शिक्षा में आर्थिक तंगी बाधक नहीं बनेगी। वहीं राजस्थान बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना के तहत छात्राएं व महिलाएं घर बैठे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। माना जा रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी।
राजस्थान अम्बेडकर डीबीटी बाउचर योजना (Rajasthan Ambedkar DBT Voucher Yojana) का लाभ केवल वे छात्र उठा पाएंगे जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने घर से दूर शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। सत्र 2021-22 से संचालित योजना के नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल जारी किया है। इस दौरान मंत्री जूली ने कहा कि विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर संचालित सभी स्नातक एवं स्नातकोत्तर (केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय हेतु) राजकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र (बालक) जो अपने घर से दूर रहकर कमरा किराए पर लेकर अन्य स्थान पर अध्ययन करते हैं, उन छात्रों के आवास, भोजन एवं बिजली पानी आदि सुविधाओं के लिए पुनर्भरण राशि के रूप में प्रतिमाह 2000 रुपए अधिकतम 10 माह तक अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना के तहत लाभार्थी के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
राजस्थान अम्बेडकर डीबीटी बाउचर योजन के माध्यम से प्रदेश सरकार वर्तमान में केवल 5000 हजार छात्रों को लाभान्वित करेगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए छात्र शैक्षणिक 2021-22 से राजकीय महाविद्यालय के स्नातक या स्नातकोत्तर कक्षाओं में नियमित रूप से अध्ययनरत होना अनिवार्य है। इसके अलावा इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के परिवार की वार्षिक आय एससी, एसटी, एमबीसी के छात्रों के लिए 2.5 लाख रुपए, ओबीसी के छात्रों के लिए 3 लाख रुपए तथा ईडब्ल्यूएस के छात्रों के लिए 1 लाख रुपए वार्षिक निर्धारित की गई है। सरकार की ओर से संचालित छात्रावासों में रहने वाले छात्र इस योजना के पात्र नहीं हैं। वे छात्र जो रेगुलर पढ़ाई नहीं कर रहे हैं वह भी योजना का लाभ नहीं प्राप्त कर सकते।
राजस्थान अम्बेडकर डीबीटी योजन की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट सत्र 2020-21 में की थी। इस योजना की क्रियान्वयन कि जिम्मेदारी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग को सौंपी गई। प्रारम्भ में योजना के तहत आरक्षित वर्ग से चयनित (केवल छात्र) के लिए प्रतिमाह 2000 हजार रुपए अधिकतम 10 माह के लिए बाउचर निर्धारित किया गया। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना में अल्पसंख्यको को शामिल करते हुए उच्च शिक्षा के लिए संभागीय मुख्यालय पर आवास करने वाले छात्र को 7000 रुपए प्रतिमाह व अन्य जिला मुख्यालय पर आवास करने वाले छात्र को 5000 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत 5000 छात्रों को मेरिट के आधार पर 10 माह के लिए वाउचर उपलब्ध करवाया जाना है, लेकिन सीएम की घोषणा के बावजूद अभी तक बाउचर राशि नहीं बढ़ाई गई।
सवाईमाधोपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मनोज मीना ने द मूकनायक को बताया कि, राजस्थान अम्बेडकर डीबीटी बाउचर योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन की तिथि 15 दिसम्बर थी, लेकिन अल्पसंख्यक वर्ग से कम आवेदन होने से राज्य सरकार ने आवेदन की अंतिम तिथि में बदलाव कर 16 जनवरी निर्धारित की है। 16 जनवरी तक जिला मुख्यालयों पर संचालित सभी यूजी व पीजी स्तर के राजकीय कॉलेजो के (शैक्षिक पाठ्यक्रमों कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय) नियमित विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि "एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी, ईडब्ल्यूएस एवं अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, जैन, ईसाई, सिख, बौद्व और पारसी) विद्यार्थी जो घर से दूर रहकर अन्य स्थान पर कमरा किराए पर लेकर या पेइंग गेस्ट के रूप में अध्ययन करते हैं, योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। चयन होने पर आवास, भोजन, बिजली, पानी आदि सुविधाओं के लिए पुनर्भरण राशि दी जाएगी।"
मीना ने बताया कि, "अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना के तहत अभी तक 2 हजार रुपए प्रतिमाह (अधिकतम 10 माह के लिए) राशि दी जाएगी। 7000 व 5000 हजार योजना के तहत देने के अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।"
सवाईमाधोपुर समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेशक मीना आर्य ने बताया कि, "अम्बेडकर डीबीटी बाउचर योजना का यह दूसरा सत्र है। योजना के तहत दूसरे जिलों व शहरों में उच्च शिक्षा के लिए रहने वाले नियमित छात्रों को आर्थिक सम्बल मिलेगा। राजस्थान बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना भी महत्वपूर्ण है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में यह महत्वपूर्ण कदम है।"
राजस्थान की बालिकाओं और महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने 'राजस्थान बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना' लागू की है। विभिन्न कारणों से महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में नियमित अध्ययन नहीं कर पाने वाली बालिका व महिलाएं इस योजना का लाभ के सकेंगी। साथ ही सरकार इन बालिकाओं व महिलाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संस्थाओं को भुगतान की गई फीस का पुनर्भरण भी देगी।
योजना के माध्यम से हर साल राज्य की 36 हजार 300 बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान करवाई जाएगी। योजना के तहत पुनर्भरण राशि के लिए सरकार ने 14.83 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट में इस योजना को राज्य में लागू करने की घोषणा की थी।
राज्य सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत अनुदानित विश्वविद्यालय, राज्य के राजकीय संस्थान/वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पात्र बालिकाओं और महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करवाई जाएगी। प्रदेश सरकार ने बालिकाओं और महिलाओं की फीस पुनर्भरण के लिए स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में 16000 सीटें, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 5300, डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 10000, पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 3000 एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों में 2000 सीटों का प्रावधान किया है।
"राजस्थान बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना राज्य में नियमित अध्ययन से वंचित छात्राओं व महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण योजना है। अब नियमित अध्ययन नहीं करने वाली बालिका व महिलाओं का उच्च शिक्षा का सपना साकार होगा। 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। यह पहली बार है इसलिए अभी राज्यस्तर से आवेदनों की चयन प्रक्रिया की मॉनिटरिंग होगी। चयनिय अभ्यर्थियों को राज्य सरकार कॉलेज फीस की पुनर्भरण राशि भी देगी", राजकीय रिपुदमन सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय सवाईमाधोपुर के एसोसिएट प्रोफेसर व इग्नू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्व विद्यालय) के कॉर्डिनेटर डॉ. हरिचरण मीना ने द मूकनायक को बताया।
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