मध्य प्रदेश: हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में छात्रावास का नाम भीमराव आंबेडकर कराने के लिए छात्र कर रहे प्रदर्शन

मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र
मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रफोटो- सतीश भारतीय
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भोपाल। डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर में डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर नए छात्रावास का नामकरण हो, इस मांग को लेकर हजारों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं जो शोषित, वंचित और अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इन छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है।

इस प्रदर्शन को लेकर द मूकनायक ने विवि के छात्रों से बातचीत की। लॉ के विद्यार्थी आशीष अहिरवार का कहना हैं कि, "हम विवि में वंचित तबके की मांगो को लेकर अक्सर ज्ञापन देते रहते हैं। मैं विवि में 6 साल से अध्ययनरत् हूं। तब से देखता आ रहा हूं, विवि में मुख्यतः एससी/एसटी के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। विवि के नये छात्रावास का नाम डॉ. आंबेडकर के नाम पर हो, यह सहमति एसटी/एससी और ओबीसी सहित सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की भी है। ऐसे में हमें पूरा भरोसा है कि पदाधिकारी हमारी मांग को स्वीकार करेंगे। हमारी एक प्रमुख मांग यह भी है कि इस बार के दीक्षांत समारोह में एसटी/एससी के विद्यार्थियों की सहभागिता हो।"

विश्वविद्यालय के पदाधिकारी को ज्ञापन देते छात्र
विश्वविद्यालय के पदाधिकारी को ज्ञापन देते छात्रफोटो- सतीश भारतीय

आशीष आगे कहते हैं कि, "हमारी मांगें यदि 20 फरवरी तक पूरी नहीं होती। तब विशाल आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की रहेगी।"

भीम आर्मी के विश्वविद्यालय अध्यक्ष और छात्र विशाल सूर्यवंशी द मूकनायक को बताते हैं कि, "विश्वविद्यालय में डॉ. भीमराव आंबेडकर के अलावा सभी महापुरुषों के नाम पर कुछ ना कुछ है। चूंकि बाबा साहब का विश्व में कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका तक नाम है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को भीम आर्मी, गौर यूथ फोरम जैसे तमाम प्रकार के संगठनों ने दसों बार ज्ञापन दिया। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमें भ्रमित किया। प्रशासन बोलने लगा कि डॉ. आंबेडकर के नाम पर छात्रावास का नाम हो रहा है। फिर विवि के प्रॉक्टर बोर्ड ने कहा गया हो जायेगा! हो जायेगा! लेकिन हुआ नहीं। जब हम विवि की प्रोक्टर और कुलपति से इस मामले में मिलने गये तब उन्होंने कहा हमारे पास ये प्रस्ताव आया ही नहीं कि छात्रावास का नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर किया जाए।"

"इसके अलावा विवि में छात्रवृत्ति प्रवेश में भेदभाव होता है। हम आवाज उठाते हैं तब उसे फेल करने जैसी धमकी मिलती है", विशाल ने कहा।

छात्र उदय नारायण कहते हैं, "नवीन छात्रावास का नाम इसलिए बाबा साहब के नाम पर होना चाहिए ताकि वंचित समूह के छात्रों में एक राष्टीय चेतना की बढ़ोत्तरी हो। हम देख रहें कि विवि में दबे, पिछड़े वर्ग से आये विद्यार्थियों की भावनाओं को समझा नहीं जाता है। विवि में प्रतीकात्मक स्वरूप में भी डॉ. आंबेडकर का कोई स्थान नहीं हैं जो विद्यार्थियों के लिए प्रेरणात्मक हो सके।"

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वहीं समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष और एलएलएम के छात्र पुष्पेन्द्र कुमार ने द मूकनायक को बताया किए नये छात्रावास का नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर होने की मांग विगत वर्षों से उठती आ रही थी। ऐसे में इस मांग ने अब और जोर पकड़ लिया है। सागर विवि में एक आंबेडकर चेयर भी है जो महज नाम की रह गयी है। आंबेडकर चेयर इस लक्ष्य से बनायी गयी थी कि सामाजिक विषयों पर शोध, विमर्श और कार्य हो सकें। लेकिन जब से चेयर की स्थापना हुई है, तब से कोई सार्थक कार्य नहीं हो सका है।

नवीन छात्रावास का नामकरण डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर कराने के लिए जो हजारों छात्र विरोध कर रहे हैं। उस पर विवि फैकल्टी के पदाधिकारियों का क्या रुझान है। यह जानने के लिए द मूकनायक ने एक विशेष पदाधिकारी से बात की। लेकिन पदाधिकारी की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया।

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