मध्य प्रदेश: मॉडल कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों पर रहेगा प्रतिबंध!

उच्च शिक्षा विभाग का फैसला, पढ़ाई का माहौल बरकरार रखने के लिए कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे।
मध्य प्रदेश: मॉडल कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों पर रहेगा प्रतिबंध!
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भोपाल। विश्वविद्यालय व कॉलेजों में होने वाले छात्रसंघ चुनावों को राजनीति की नर्सरी की संज्ञा दी जाती है, जहां से भावी राजनेता तैयार होते हैं, जो आगे चलकर देश की दशा और दिशा तय करते हैं। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार मॉडल कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों को प्रतिबंधित रखेगी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 50 सरकारी कॉलेजों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग हर जिले में एक कॉलेज को मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है। मॉडल कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने के साथ ही छात्रों का पढ़ाई से संबंधित हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही पढ़ाई का माहौल बरकरार रखने के लिए इन मॉडल कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाएंगे।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को विश्व बैंक व राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से मिलने बाले अनुदान के तहत शुरू किया जा रहा है। विभाग ने मॉडल कॉलेजों के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार इन कॉलेजों में केवल अच्छे शैक्षणिक रिकार्ड वाले शिक्षकों को ही रखा जाएगा। इसके लिए बाकायदा शिक्षकों की स्क्रीनिंग कर उनके परफॉरमेंस के हिसाब से ही उनकी नियुक्ति होगी। इन कॉलेजों में जिन शिक्षकों को पदस्थ किया जाएगा उनका तबादला कम से कम पांच साल तक नहीं होगा।

उच्च शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

मॉडल कॉलेज के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। कॉलेज के विकास के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी जो पब्लिक पार्टनरशिप से संचालित होगी। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. संजय तिवारी के अनुसार हर जिले के अग्रणी कॉलेजों को मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव लगभग तैयार हो चुका है। यह प्रस्ताव जल्द ही शासन के पास भेजा जाएगा। छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनावों के चलते महाविद्यालय का शैक्षिक माहौल प्रभावित होता है। इसलिए चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया गया है।

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मॉडल कॉलेज में यह होंगी सुविधाएं

मॉडल कॉलेज की लाइब्रेरी को अपग्रेड किया जाएगा। पुरानी किताबों को हटाकर नई किताबें रखी जाएंगी। लाइब्रेरी खुलने का समय भी 12 घंटे रहेगा। हर कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा रहेगी। अतिरिक्त भाषा की पढ़ाई की सुविधा छात्रों के लिए रहेगी। इसके अलावा छात्रों के लिए यूपीएससी, पीएससी व बैंकिंग परीक्षाओं के लिए कोचिंग क्लासेस की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ के लाइब्रेरी और आधुनिक कम्प्यूटर लैब भी बनाई जाएगी।

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कोर्स के अनुसार रहेगी सीटों की संख्या

मॉडल कॉलेजों में विषयवार सीटों की संख्या निर्धारित होगी। इन कॉलेजों में छात्रों का प्रवेश मेरिट के आधार पर होगा। छात्र संख्या के हिसाब से ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। मॉडल कॉलेजों में 45 प्रतिशत से कम अंक वाले छात्रों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। 200 कार्यदिवस होंगे और छात्रों की उपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य रहेगी।

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