भोपाल। मध्यप्रदेश में परीक्षा में गड़बड़ी के मामले आम हो चले है। दरअसल प्रदेश की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गत शुक्रवार को हुई ऑनलाइन पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2022 में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। परीक्षा उम्मीदवारों का आरोप है कि एमसीए डिपार्टमेंट में बनाए गए सेंटर पर परीक्षा का सर्वर ठप था, जिसके कारण पहली शिफ्ट में पेपर समय पर अपलोड नहीं हो पाया। साथ ही बाद में परीक्षा ऑफलाइन आयोजित करानी पड़ी। इस मामले के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही के साथ परीक्षा में गड़बड़ी किए जाने के आरोप लग रहे है। वहीं एनएसयूआई ने भी विवि पर धांधली करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार पीएचडी में प्रवेश के लिए सुबह 10 बजे होने वाली परीक्षा लगभग 10.45 बजे शुरू हुई। इसके साथ ही उम्मीदवारों का आरोप है कि पेपर अपलोड हुए तो एक प्रश्न से दूसरे प्रश्न में जाने पर 6 मिनट तक का समय लगा। जिससे परीक्षा दे रहे उम्मीदवार घबरा गए और वहां मौजूद परीक्षा दल से शिकायत की। जब मामला तूल पकड़ता हुआ दिखा तो परीक्षा आयोजित करा रहे अफसरों ने परीक्षा के समय को बढ़ा दिया। उम्मीदवारों ने कहा कि यह समस्या शुरुआत में ही पता चल गई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई निराकरण नहीं किया। एक घंटा से ज्यादा समय बीत जाने के बाद जब समस्या बरकरार रही तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षा कराना शुरू किया।
उम्मीदवार ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
आरजीपीवी की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद उम्मीदवारों का आरोप है कि ऑनलाइन परीक्षा पूरी तरह से बंद नहीं कराई और ऑफलाइन परीक्षा शुरू करा ली गई। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एप्लाइड मैथ्स सहित अन्य ब्रांच की परीक्षा भी ऑफलाइन ली गई। अब आरोप है कि न तो इंटरनेट बंद हुआ और न ही कंप्यूटर सिस्टम। जिससे कुछ उम्मीदवार इंटरनेट पर देखकर प्रश्नपत्र हल कर रहे थे। इसके साथ ही उम्मीवारों का आरोप है कि कुछ उम्मीदवारों का पेपर सबमिट नहीं हुआ और पोर्टल बंद कर दिया गया
परीक्षा में हुई गड़बड़ी से नाराज उम्मीदवारों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उनकी मांग है कि दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए। परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों का कहना है। दूसरी शिफ्ट दोपहर 1 बजे की बजाय लगभग 1.45 बजे से शुरू हुई, जबकि तीसरी शिफ्ट 4 बजे की जगह पर लगभग साढ़े 4 बजे शुरू हो सकी और शाम साढ़े 6 बजे परीक्षा चली।
जब द मूकनायक ने इस मामले में आरजीपीवी परीक्षा समन्वयक डॉ. अर्चना तिवारी से बात की तो वह सवालों से बचती हुई नजर आईं। हमने उनसे पूछा कि परीक्षा में कितने उम्मीदवार शामिल हुए इसके साथ ही सर्वर ठप होने के कारण परीक्षा ऑफलाइन करानी पड़ी आपको क्या लगता है, कहा गलती हुईं है? सवाल सुनते ही डॉ. तिवारी ने कहा "मैं मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हूँ। मैं कोई भी जानकारी नही दे सकती।"
वहीं इस मामले में एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरजीपीवी के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि एमसीए डिपार्टमेंट में सर्वर की दिक्कत थी, इसलिए ऑफलाइन परीक्षा ली गई है। उन्होंने कहा अन्य सेंटर पर कोई दिक्कत नहीं हुई है। इंटरनेट पर उत्तर सर्च करने के आरोप निराधार हैं। इन्होंने इस मामले में कहा विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा के पास भार अधिक है, उन्होंने परीक्षा कराने से इनकार कर दिया था। इसलिए हमने को-आर्डिनेटर बनाकर परीक्षा कराई।
एनएसयूआई ने लगाया धांधली का आरोप
आरजीपीवी पीएचडी प्रेवश परीक्षा में हुई लापरवाही के मामले में मध्यप्रदेश एनएसयूआई ने विवि प्रबंधन को घेरा है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना तैयारियों के परीक्षा आयोजित की है। यदि गड़बड़ी हुई या सर्वर बन्द हो गया तो ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर नई तारीख में परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया जा सकता था। आशुतोष ने कहा परीक्षा में धांधली की जाने की आशंका है। मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
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