राजस्थान: शिक्षा मंत्री के बुलडोजर वाले बयान पर शिक्षक संगठनों ने क्या कहा?

शिक्षक संगठनों ने कहा, बुलडोजर चलाने का शिक्षा मंत्री को नहीं अधिकार, दोषी को मिले सजा, संपति पर बुलडोजर क्यों?
बुलडोजर
बुलडोजरग्राफिक- द मूकनायक
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जयपुर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के शिष्यों के साथ शिक्षक के दुराचार करने पर निलंबन व बर्खास्तगी के बाद सम्पूर्ण संपति पर बुलडोजर चलाने के बयान के बाद अब शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।

राजस्थान शिक्षक संघ के सियाराम ने संपति पर बुलडोजर चलाने के शिक्षा मंत्री के बयान पर कहा कि, नए-नए शिक्षा मंत्री बने हैं। जोश में होश खो गए हैं। समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। साथ ही दोषी शिक्षक पर नियमानुसार निलंबन व बर्खास्तगी की कार्रवाई के बयान का समर्थन भी किया है।

जबकि, राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर ने बुलडोजर की कार्रवाई वाले बयान को संविधान विरोधी बताते हुए शिक्षामंत्री को अपने बयान पर सफाई देने की मांग की है।

आपकों के बता दें कि गत दिवस शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में साइकिल वितरण कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, "गुरु अगर किसी शिष्य के साथ इस तरह का व्यवहार करेगा तो काहें का शिक्षक है? मैं आप सबके माध्यम से पूरे प्रदेश के लोगों से आग्रह कर रहा हूं कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं छोडूंगा। इस तरह (दुराचार) का व्यवहार करता पाया जाएगा तो, निलंबित करने के बाद उसको बर्खास्त तक करूंगा और उसकी जितनी भी संपत्तियां हैं उस पर बुलडोजर चलाऊंगा। नियमों की अवहेलना करने पर चाहे मुझे फांसी की सजा हो जाए।"

यहां शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने ही शिष्यों के साथ गलत आचरण करने वाले शिक्षकों को चेतावनी दी है। उन्होंने मंच से कहा कि यदि कोई शिक्षक स्कूल में गलत आचरण से जुड़े मामलों में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे ही, साथ ही उसकी संपति पर भी बुलडोजर चलाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि कोई अधिकारी दुराचारी शिक्षकों की पैरवी करेगा तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्हेांने कहा कि विद्या के मंदिर में जब ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं तो बहुत बुरा लगता है। इस दौरान मंत्री ने नागौर के परबतसर में शिक्षक द्वारा नशे की हालत में स्कूल में आने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक शिक्षक गणतंत्र दिवस समारोह में शराब के नशे में डांस कर रहा था। हमें जैसे ही जानकारी मिली। उसे तत्काल निलंबित किया गया। स्कूलों में अशोभनीय बर्ताव नहीं चलेगा, ऐसे लोगों की सिफारिश करना या हल्के में लेना, अपराध में शामिल होना माना जाएगा और उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेंगे।

शिक्षा मंत्री के शिक्षक द्वारा शिष्य से दुराचार पर निलंबन के बाद बर्खास्त करने तथा संपति पर बुलडोजर चलाने वाले बयान पर द मूकनायक ने राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के प्रदेशाध्यक्ष सियाराम शर्मा से बात की। प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने द मूकनायक से कहा कि, शिक्षकों के साथ गलत होगा तो शिक्षक संघ उनके साथ खड़ा रहेगा। लेकिन शिक्षक ही गलत होगा तो कानून उसे सजा मिलना चाहिए। ना कोई संगठन उसकी मदद कर सकता है, ना कोई नेता। सब कानून से बंधे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही क्यों? कोई भी गैर सामजिक कार्य या गलत आचरण करेगा तो उसे दंड मिलना ही चाहिए। फिर वो नेता या बड़ा अफसर ही क्यों ना हो।

संपति पर बुलडोजर वाले बयान पर सियाराम शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नए-नए मंत्री बने हैं। जोश में होश खो गए हैं। समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को अधिकार है क्या कि वो कहीं भी बुलडोजर चला सके? जब तक प्रदेश में सरकार इस तरह का कोई कानून नहीं बना दें कि इस तरह के आचरण पर दोषी की संपति पर बुलडोजर चलाया जाएगा, कोई भी किसी की संपति पर बुलडोजर नहीं चला सकता है। बुलडोजर चलाना शिक्षा मंत्री के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

उन्होंने कहा कि, जोश में कहीं भाषण दे दिया होगा उन्होंने। नए शिक्षा मंत्री हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े नहीं हैं। पहली बार इतना बड़ा विभाग मिला है। बड़ा विभाग मिले तो कोई भी चकाचौंध हो जाता है। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं कि जो गलत आचरण करता है उसको दंड मिलना चाहिए।

राजस्थान शिक्षक संघ (अंबेडकर) प्रदेशाध्यक्ष मित्रलोक चंद मोहर ने भी शिक्षा मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए द मूकनायक से कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान में दो धारणाएं छिपी है। पहला जो शिक्षक शिष्यों के साथ गलत आचरण करते हैं। अमानवीय व्यवहार करते हैं। उन्हें सजा मिलना चाहिए। यह कानून में भी है। इस बात से हम सहमत है। दूसरा बुलडोजर वाले बयान से हम सहमत नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार भी देखा जाए तो आरोप के बाद दोष सिद्ध होने पर किसी भी दोषी को सजा न्यायालय देता है। अपराधी को ही सजा दी जाती है। ना कि उसकी चल अचल संपति पर न्यायालय कोई संज्ञान लेता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के बुलडोजर वाले बयान से हमारे शिक्षक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। शिक्षा मंत्री को इस मामले में सफाई पेश करना चाहिए। संपति पर क्यों बुलडोजर चलाया जाए?

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