जयपुर। दलित-आदिवासी छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप की चोरी का बड़ा मामला प्रकाश में आने के बाद 7 विश्वविद्यालयों सहित 40 शिक्षण संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की गई है। छात्रवृत्ति चोरी के गम्भीर आरोपों के बाद राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राज्य के सात निजी विश्वविद्यालयों सहित 40 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट एवं डिबार कर दिया है। यह आदेश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं सयुंक्त शासन सचिव जगजीत सिंह मोंगा ने जारी किए।
मोंगा ने आदेश जारी कर बताया कि विभाग ने 12 दिसम्बर 2023 को एक आदेश जारी कर निजी विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति की जांच के लिए उच्च स्तरीय समति का गठन किया था।
जांच के बाद समिति ने 26 दिसम्बर को अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में दर्शाये गए छात्रवृत्ति संबंधी गंभीर अनियमितता के तथ्यों एवं जांच समिति की अभिशंषा के आधार पर लिए गये विभागीय निर्णय के बाद कुल 40 शिक्षण संस्थानों (07 निजी विश्वविद्यालयों सहित) को छात्रवृति पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट एवं डिबार किया गया है।
जारी आदेश में कहा गया कि इन संस्थानों से विभाग द्वारा कोई भी नवीन आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। इन संस्थानों के प्रकरण में जिन विद्यार्थियों को जांच समिति द्वारा अपात्र पाया गया है, उनको भी विभाग ने छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही विभागीय जिलाधिकारी (छात्रवृत्ति स्वीकृतकर्ता अधिकारी) को भी आदेशित किया गया है कि ब्लैकलिस्टेड की गई संस्थानों के आदिनांक तक समस्त स्तरों पर लंबित/ होल्ड/ विहेल्ड / अप्रूव्ड / सेंक्शन्ड एवं बिल जनरेटेड वाले आवेदन पत्रों को गुणावगुण के आधार पर क्षेत्राधिकारानुसार परीक्षण कर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें।
सामाजिक कार्यकर्ता हरि प्रसाद योगी ने कहा कि अधिकतर बच्चे जो गरीब और समाज में वँचित और पिछड़े परिवारों के होते है, उनको शिक्षा देने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए छात्रवृत्ति जैसी कल्याणकारी योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जाती है, इनमें अगर घोटाले होते है तो यह किसी गरीब वँचित छात्रों का हक छीने जाने जैसा शर्मनाक कृत्य है।
ब्लैकलिस्टेड शिक्षण संस्थानों के प्रकरण में अपात्र विद्यार्थी, संबंधित शिक्षण संस्थान के संस्था प्रधान अथवा संस्थान में छात्रवृत्ति के लिए प्राधिकृत अधिकारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। साथ ही जिन छात्रवृत्ति आवेदनों में जिला कार्यालय द्वारा अनियमित भुगतान कर दिया गया है उनकी तत्काल वसूली भी की जाएगी।
इन संस्थाओं को किया गया डिबार, यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति भगवंत यूनिवर्सिटी अजमेर, निर्वाण यूनिवर्सिटी जयपुर, श्रीधर यूनिवर्सिटी, श्याम यूनिवर्सिटी लालसोट, सिंघानिया यूनिवर्सिटी, सनराइज यूनिवर्सिटी अलवर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी जयपुर, अग्रसेन प्राइवेट आईटीआई हिंडौन सिटी करौली, बाबा रामदेव प्राइवेट आईटीआई कॉलेज जयपुर, बालाजी प्राइवेट आईटीआई जयपुर, भैरव आईटीआई शाहपुरा जयपुर, बियानी आईटीआई जयपुर, सिटी आईटीआई सीकर, जय मिनेश आईटीआई लालसोट, जया प्राइवेट आईटीआई जयपुर, जेडी आईटीआई मोजमाबाद जयपुर, केजीआर आईटीआई जमवारामगढ़ जयपुर, लक्ष्मण आईटीआई गंगापुर सवाई माधोपुर, लक्ष्मण आईटीआई बौंली सवाई माधोपुर, महर्षि अंगिरा आईटीआई दौसा, नव प्रतीक आईटीआई चाकसू, न्यू मां भगवती आईटीआई दौसा, न्यू श्री बालाजी प्राइवेट आईटीआई जयपुर, प्रतीक आईटीआई चाकसू, क्वालिटी आईटीआई, राधा माधव आईटीआई शाहपुरा जयपुर, रघुकुल प्राइवेट आईटीआई दौसा, राजस्थान आईटीआई जमवारामगढ़ जयपुर, रुक्मणी आईटीआई सांगानेर जयपुर, शिवलोक आईटीआई आमेर जयपुर, श्री राम आईटीआई दौसा, श्री अग्रसेन आईटीआई करौली हिंडौन, श्री गणेश आईटीआई निवारू जयपुर, श्री मोहन आईटीआई दौसा, श्री रामकृष्ण आईटीआई दोसा, सौरभ आईटीआई दोसा, सनराइज मून आईटीआई जयपुर, सनराइज प्राइवेट आईटीआई बस्सी जयपुर, वैदिक गुरुकुल आईटीआई सांगानेर जयपुर, विजय प्राइवेट आईटीआई शाहपुरा जयपुर, गौरव टीटी कॉलेज सांगानेर जयपुर, हाडोती प्राइवेट आईटीआईज़ कोटा, एसपीडीएम प्राइवेट आईटीआई झोटवाड़ा जयपुर, स्वामी विवेकानंद टीटी कॉलेज बस्सी जयपुर हैं। इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
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