लखनऊ के बक्शी का तालाब के विशंभरखेड़ा प्राइमरी स्कूल के हाल, बजट के अभाव में नहीं बने कक्ष
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब विकास खण्ड में अल्दमपुर विशंभरखेड़ा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल बस नाम का है। मौके पर स्कूल के नाम पर बस एक खुला मैदान, एक स्टोररूम और एक इज्जतघर (शौचालय) ही बचा है, जबकि क्लासरूम एक भी नहीं है। ऐसे में बच्चे पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। बारिश का मौसम होने से शिक्षकों व छात्र-छात्राओं दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन दिनों अक्सर पढ़ाई नहीं हो पाती है। अव्यवस्थाओं के चलते स्कूल में बच्चों का नामांकन भी घट गया है।
जर्जर होकर गिर गया स्कूल भवन
विशंभरखेड़ा प्राइमरी स्कूल का कुछ समय पहले तक अपना भवन था। जर्जर हालत में होने के कारण खाली करा दिया गया था। मार्च 2022 में इसे ध्वस्त कर दिया गया। स्कूल में अब इज्जतघर (शौचालय) और स्टोर ही बचा हुआ है। इस स्टोर को ही अध्यापक का कार्यकाल बनाया गया है। इसी कमरे में किताबें और अन्य सामग्री रखी जाती हैं। स्कूल में बैठने के लिए बेंच भी नहीं है।
खुले आसमान के नीचे पढ़ते हैं बच्चे
लखनऊ यूपी की राजधानी है। मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों के सरकारी आवास सहित विधानसभा भी लखनऊ में ही है। सभी विभागों के सरकारी कार्यालय भी लखनऊ में ही मौजूद हैं। इसके बावजूद भी लखनऊ की शिक्षा व्यवस्था बदतर है। बच्चे आज भी खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। सुबह की प्रार्थना से लेकर बच्चों की पढाई खुले में होती है।
नहीं मिला बजट, शिक्षण कार्य पर असर
विशम्भखेड़ा प्राईमरी स्कूल को ध्वस्त करने के बाद से अब तक बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल को बनाने के लिए बजट उपलब्ध नहीं करा पाया है। स्कूल भवन नहीं होने से बच्चों की कक्षाएं व्यवस्थित तरीके से नहीं लग पा रही हैं। इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने सरपंच, विधायक सहित विभागीय अधिकारियों से सम्पर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है।
क्या बोले जिम्मेदार?
इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि, "मामले की जांच कार्रवाई की जाएगी।"
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