शासकीय माध्यमिक विद्यालय हरदी जिला रीवा
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मध्यप्रदेश के इस सरकारी स्कूल में आलसी गुरूजी ने किया ऐसा काम, फिर हो गए सस्पेंड

मामला कलेक्टर प्रतिभा पाल के पास पहुंचा, तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) सुदामा गुप्ता को जांच के लिए भेजा। शुक्रवार को डीईओ स्कूल पहुंचे तो उन्होंने पाया कि टीचर दिनकर प्रसाद मिश्र स्कूल में आराम फरमा रहे थे, जबकि स्कूल में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। रजिस्टर की जांच करने पर सभी बच्चों की टीसी काटी जा चुकी थी।
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भोपाल। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के हरदी गांव में सरकारी स्कूल के एक शिक्षक द्वारा फैलाई गई अफवाह ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। मिडिल स्कूल के इस एकमात्र शिक्षक ने न केवल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया, बल्कि स्कूल को भी लगभग खाली करवा दिया। गुरुवार को इस घटना की जानकारी कलेक्टर प्रतिभा पाल को मिली, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया।

दरअसल, जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर स्थित हरदी गांव के 1989 से संचालित इस मिडिल स्कूल में वर्तमान सत्र में केवल 15 छात्र थे। जुलाई महीने में स्कूल की एक अन्य शिक्षिका रेखा मिश्रा का तबादला होने के बाद दिनकर प्रसाद मिश्रा अकेले टीचर के रूप में स्कूल में बचे थे। तभी से दिनकर प्रसाद ने गांव में यह अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि स्कूल बंद होने वाला है, और बच्चों से कहा कि वे किसी अन्य स्कूल में एडमिशन ले लें। उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों को यह भी धमकी दी कि यदि वे जल्द किसी अन्य स्कूल में दाखिला नहीं लेते, तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।

कुछ बच्चों के अभिभावक रंगलाल कोल और दया शंकर कोरी ने बताया कि दिनकर प्रसाद मिश्र ने बच्चों को जबरन ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) दे दी। यहां तक कि जिन बच्चों ने टीसी नहीं ली, उन्हें उनके घर जाकर भी उन्होंने जबरन टीसी थमा दी। इसके चलते पूरा स्कूल खाली हो गया और बच्चे अन्य स्कूलों में दाखिला लेने पर मजबूर हो गए।

जांच में हुआ खुलासा

जब यह मामला कलेक्टर प्रतिभा पाल के पास पहुंचा, तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) सुदामा गुप्ता को जांच के लिए भेजा। शुक्रवार को डीईओ स्कूल पहुंचे तो उन्होंने पाया कि टीचर दिनकर प्रसाद मिश्र स्कूल में आराम फरमा रहे थे, जबकि स्कूल में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था। रजिस्टर की जांच करने पर सभी बच्चों की टीसी काटी जा चुकी थी। बच्चों और गांव के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि टीचर ने जानबूझकर स्कूल खाली कर दिया था ताकि उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी से छुटकारा मिल सके।

शिक्षक सस्पेंड, नई नियुक्ति

डीईओ द्वारा जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के बाद कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दिनकर प्रसाद मिश्र को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही, स्कूल में फिर से बच्चों का दाखिला करवाने के लिए प्रयास शुरू किए गए। स्कूल में अब रेखा मिश्रा और अन्य गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की गई है, जिन पर स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

बच्चों का हुआ दोबारा एडमिशन

स्कूल की नवनियुक्त शिक्षिका रेखा मिश्रा ने बताया कि पिछले साल स्कूल में 22 बच्चे पढ़ते थे, जिनमें से 7 पास होकर निकल चुके थे। बाकी बचे 15 बच्चों को दिनकर प्रसाद ने टीसी देकर स्कूल छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। फिलहाल, सात बच्चों का दोबारा एडमिशन हो गया है, और अन्य बच्चों को भी वापस स्कूल लाने की कोशिश जारी है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की, गांव के लोगों के सहयोग से स्कूल की स्थापना की गई थी और करीब डेढ़ लाख रुपए की लागत से स्कूल की इमारत तैयार की गई थी। उन्होंने कहा कि स्कूल की वर्तमान स्थिति देखकर दुख होता है, लेकिन अब कलेक्टर और शिक्षा विभाग की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि स्कूल फिर से अपनी पुरानी स्थिति में लौटेगा।

बाल आयोग ने लिया संज्ञान

मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग ने रीवा के शिक्षक द्वारा बच्चों की टीसी काटने के मामले में संज्ञान लिया है। द मूकनायक के प्रतिनिधि से बातचीत में आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा, "रीवा में शिक्षक द्वारा बच्चों की टीसी काटने का मामला हमारे संज्ञान में आया है। हम कलेक्टर से इस संबंध में जांच प्रतिवेदन मांग रहे हैं। यदि जांच में शिक्षक दोषी पाया जाता है, तो आयोग शासन को शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्यवाही की अनुशंसा करेगा।"

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