MP: इंग्लिश नहीं पढ़ पाई तो छात्रा को टीचर ने पीटा, बाल उखाड़े! बाल आयोग करेगा कार्यवाही

कॉर्पोरल पनिशमेंट (शारीरिक और मानसिक सजा देना ) के मामलों में वृद्धि, शिक्षा महकमा नहीं लगा पा रहा घटनाओं पर लगाम।
जिला कार्यालय में जनसुनवाई में अधिकारियों को शिकायत करती बच्ची।
जिला कार्यालय में जनसुनवाई में अधिकारियों को शिकायत करती बच्ची।The Mooknayak
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भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के एक शासकीय स्कूल में टीचर ने एक बच्ची को सिर्फ इसलिए पीटा की वह इंग्लिश की किताब ठीक से नहीं पढ़ पाई। महिला टीचर ने बच्ची के बाल पकड़कर खींचे, जिससे उसके सिर के बाल उखड़ गए। 9 साल की बच्ची चौथी कक्षा की छात्रा है। उक्त घटना की शिकायत परिजनों ने गत मंगलवार को जनसुनवाई में की है। इधर, राज्य बाल संरक्षण आयोग आरोपी टीचर के खिलाफ कार्यवाही करेगा।

क्या है पूरा मामला?

जिले के आमला ब्लॉक में खेड़ली बाजार प्राथमिक शाला का है। यह घटना 15 दिसंबर की बताई जा रही है। बच्ची के पिता ने कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर जन सुनवाई में शिकायत कर बताया, करीब 15 दिन पहले स्कूल शिक्षका पूर्णिमा साहू ने बच्ची को इंग्लिश की किताब पढ़ने के लिए कहा। वह नहीं पढ़ पाई। जिस पर उसके बाल खींचे, जिससे वे उखड़ गए। पिता का आरोप है कि बच्ची को टीचर ने पीटा है।

पिता ने कहा कि बच्ची के साथ पढ़ने वाले छात्र ने भी बताया कि टीचर ने पहले बाल खींचें फिर उसे थप्पड़ मारे। हमने आपत्ति जताई तो स्कूल वाले समझौता करने के लिए बोलने लगे। गांव के लोगों ने जनसुनवाई के बारे में बताया तो यहां शिकायत करने चले आए। वहीं आरोपी टीचर पूर्णिमा साहू का कहना है कि उन्होंने किसी बच्चे को नहीं पीटा है।

इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि जिस तरह से टीचर ने छात्रा से मारपीट की है। वह अमानवीय है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए जन शिक्षा केंद्र के डीपीसी संजीव श्रीवास्तव ने बताया- बच्ची से हमने बात की है। उसने मारपीट की बात कही है। जांच दल गठित कर दिया है, जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बच्ची के उखड़े बाल दिखाता अभिभावक।
बच्ची के उखड़े बाल दिखाता अभिभावक।The Mooknayak

अब स्कूलों में शिक्षक बच्चों के साथ मारपीट व दंडित नहीं कर सकेंगे। स्केल से पीटने अथवा अन्य प्रकार से प्रताडि़त करने पर शिक्षक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरोप साबित होने पर शिक्षक को तीन माह तक की सजा हो सकती है। संस्था पर एक लाख रुपए जुर्माना हो सकता है।

बाल आयोग करेगा कार्यवाही

द मूकनायक ने इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह से बातचीत की, उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। हम जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर जांच प्रतिवेदन मांगेंगे। किशोर न्याय अधिनियम के मुताबिक बच्चों को शिक्षकों द्वारा पीटा जाना, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देना अपराध की श्रेणी में आता है। जांच के बाद आयोग आरोपी शिक्षका के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुशंसा करेगा।

किशोर न्याय अधिनियम-2015

आठ साल पहले केंद्र सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम-2015 लागू किया था। स्कूल में टीचर या अन्य कर्मियों द्वारा मारपीट करने पर धारा 82 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। बच्चों या अभिभावक द्वारा शिकायत करने पर पुलिस को संबंधित शिक्षक के खिलाफ उक्त धाराओं में प्रकरण दर्ज करना होगा।

सजा का प्रावधान

  • धारा 82(1) : शारीरिक दंड देना का दोष सिद्ध होने पर शिक्षक पर 10 हजार रुपए जुर्माना। दूसरी बार दोष सिद्ध होने पर तीन माह जेल से दंडित किए जाने का प्रावधान है। 

  • धारा 82(2) : संबंधित शिक्षक को बर्खास्त करना अनिवार्य।

  • धारा 82(3) : जांच में सहयोग नहीं शिक्षक और कर्मचारियों को तीन माह सजा। संस्था पर एक लाख का जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है।

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