MP: अतिथि शिक्षकों से एक वर्ष अनुबंध का वादा कर मुकरी सरकार, 9 महीने में की सेवा समाप्त!

तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 सितंबर 2023 को घोषणा की थी कि अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार एक वर्ष का अनुबंध करेगी, लेकिन भाजपा की पुनः बनी सरकार ने पूर्व सरकार की घोषणा पर पूर्णता अमल नहीं किया।
धरने पर बैठे अतिथि शिक्षक.
धरने पर बैठे अतिथि शिक्षक.फाइल फोटो
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भोपाल। बीते 30 अप्रेल 2024 को प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों की सेवा 9 माह की अवधि में ही समाप्त कर दी गई हैं। मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में आदेश जारी किया था। जबकि तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने अतिथि शिक्षकों से एक वर्ष का अनुबंध कर बाहर नहीं किए जाने का वादा किया था। इसके साथ ही अभी तक मार्च-अप्रेल का मानदेय प्रदेश के करीब 70 हजार अतिथि शिक्षकों को नहीं मिला है।

द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए दतिया के अतिथि शिक्षक राहुल कुमार ने बताया कि अचानक से 9 महीनों में ही हमारी सेवा समाप्त की गई हैं। राहुल ने कहा- "हमारे पास इस नौकरी के अलावा आय का कोई साधन नहीं तभी इतने कम मानदेय में स्कूलों में पढ़ा रहे थे, घर चलाने के लिए उधार ले चुके हैं।"

विदिशा जिले के मोहती गाँव के अतिथि शिक्षक अरविंद प्रजापति बताया कि वह साल 2008 से अतिथि शिक्षक के पद पर सेवाएं देते हुए स्कूली बच्चों को पढ़ा रहे हैं। कई वर्षों से सरकार से मांग करते आ रहे हैं कि हमें स्थाई कर दिया जाए। हाई कोर्ट जबलपुर के याचिका दायर भी की गई थी। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने यह कह दिया कि नियमों के आधार पर अतिथि शिक्षकों को नियमित नियुक्ति नहीं दी जा सकती। उन्होंने आगे कहा- "हमारा कीमती वक्त बीत चुका है, अब हम कोई दूसरा काम नहीं कर सकते, सरकार चाहे तो कोई और रास्ता निकालकर हमें नियमित कर दे।"

बता दें, 2 सितंबर 2023 को राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में शिक्षकों की महापंचायत में भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से घोषणा की थी, कि अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार एक वर्ष का अनुबंध करेगी। लेकिन भाजपा की पुनः बनी सरकार ने पूर्व सरकार की घोषणा पर अमल नहीं किया और अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 9 माह की अवधि में ही 30 अप्रेल को समाप्त कर दी।

सरकारी स्कूलों में पिछले 15 सालों से सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा सकता यह बात बीते महीने लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) की आयुक्त के आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया था। आदेश के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित करने का कोई प्रविधान नहीं है। उन्हें सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसद का आरक्षण दिया जाएगा। हाई कोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की याचिका का लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर आदेश जारी कर दिया है। सभी की सेवाएं भी 30 अप्रेल 2024 से समाप्त कर दी गई।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। इसमें से कई अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में सेवाएं देते हुए 15 साल तक का समय हो चुका है। इसे लेकर प्रदेश के कई अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं और डीएड-बीएड प्रशिक्षित हैं।

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उन्हें तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक लगातार अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में भी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्यप्रदेश में भी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए। जिसके बाद डीपीआई ने नियमों का हवाला देकर कहाँ की अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा सकता है।

जुलाई में फिर हो सकती हैं भर्तियां

मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इतनी जल्दी स्थाई भर्तियां हो पाना मुमकिन नहीं है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जुलाई के अंतिम सप्ताह में अतिथि शिक्षकों की भर्ती पुनः की जा सकती है। इनमें पूर्व में सेवाएं दे चुके अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह प्रक्रिया अगस्त तक पूरी हो सकती है।

द मूकनायक को संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि वह लगातार सरकार से बात करते आए है। अभी लोकसभा के चुनाव चल रहे है। इसलिए स्कूल शिक्षा मंत्री से भी बात नहीं हो पाई है। चुनाव के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव से मिलेंगे। पूर्व की सरकार के तत्कालीन सीएम ने भोपाल में मंच से वादा किया था, किसी को बाहर नहीं किया जाएगा। यह सरकार एक वर्ष के लिए अनुबंध करेगी, लेकिन यह वादा नहीं निभाया गया। यदि अतिथियों की पुनः भर्ती नहीं होती और सरकार वादे पूरे नहीं करती तो हम आंदोलन करने को भी तैयार है।

इधर, उक्त संबंध में राज्य शासन के कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा (राज्य मंत्री दर्जा) ने द मूकनायक को बताया कि कुछ अतिथि शिक्षकों ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की थी, चुनाव के बाद वह सीएम डॉ.यादव से बात करेंगे। अचार सहिता के चलते सरकार आदेश पर फैसला नहीं कर सकती, चुनाव बाद देखेंगे।

आदेश में क्या?

डीपीआई के द्वारा जारी किए गए आदेश में उल्लेखित है कि "मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम एक दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रविधान है। सीधे नियमित किए जाने का कोई प्रविधान/नियम नहीं है।"

अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी। जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं 200 दिन मप्र शासन द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया गया है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।"

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