मध्य प्रदेशः तौल में 8 से 10 किलो निकला स्कूली बैग का वजन, कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र

मध्य प्रदेशः तौल में 8 से 10 किलो निकला स्कूली बैग का वजन, कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र
Published on

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने राजधानी के तीन निजी स्कूलों का किया औचक निरीक्षण। स्कूल प्रबंधन को नियमों के पालना के दिए निर्देश।

भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों को भारी भरकम बैग से राहत दिलाने के लिए बाल संरक्षण आयोग ने कमर कस ली है। आयोग की टीम ने गत दिनों राजधानी के तीन सीबीएसई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूली बैग का वजन आठ से दस किलो पाया गया। इस संबंध में आयोग ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर स्कूल बैग के वजन को लेकर जारी दिसंबर 2020 की पालिसी का पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

आयोग की टीम ने राजधानी के सेंट जोसेफ को-एड स्कूल, कोलार स्थित होलीक्रास व मदर टेरेसा स्कूल में तौल मशीन को लेकर बस्ते का वजन किया। इस दौरान छठवीं व सातवीं कक्षा के बच्चों के स्कूल बैग का वजन आठ से दस किलो तक पाया गया, जबकि मानक वजन दो से तीन किलो तक है। इसे गंभीरता से लेकर आयोग ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर अनुशंसा की है, कि वे स्कूल बैग के वजन को लेकर जारी दिसंबर 2020 की पालिसी का पालन कराएं। टीम में बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान, स्कूल शिक्षा विभाग अधिकारी, यातायात पुलिस और आरटीओ उड़नदस्ता के कार्मिक शामिल थे।

क्या है 2020 की स्कूल नीति?

दिसंबर 2020 में राज्य शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नई स्कूल बैग नीति 2020 में कहा गया है कि कक्षा 1 से 10वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10 फीसद से अधिक नहीं होना चाहिए। साथ ही स्कूली बच्चों के भारी-भरकम बैग से बच्चों के शारीरिक विकास पर विपरीत असर पड़ता है। आयोग की टीम ने जब मशीन पर बच्चे का बस्ता रखा तो वजन 10 किलो निकला। वह भी पानी की बॉटल और टिफिन हटाने के बाद। जबकि स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के मुताबिक छठवीं से 8वीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन 5 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

स्कूल बसों की चेकिंग, 3 वैन जब्त

बाल आयोग ने पुलिस, परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जब स्कूल बसों को जांचा तो कई बसों में स्पीड गवर्नर नहीं थे। सीसीटीवी कैमरे चालू नहीं थे। इतना ही नहीं कई बसों में ओवर लोडिंग भी मिली। वहीं स्कूल वैन में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाने की शिकायत भी बाल आयोग को मिली थी। ऐसे में राजधानी भोपाल में निजी स्कूलों की 3 वैन जब्त की गई हैं। जबकि 25 बसों की चेकिंग की गई। जिन्हें नोटिस भी जारी किया गया है।

टॉयलेट मिले गंदे, कार्रवाई के निर्देश

आयोग को तीनों स्कूल के बच्चों ने साफ-सफाई संबंधी शिकायत भी की। उन्होंने बताया कि स्कूल के टॉयलेट गंदे पड़े रहते हैं। इनकी सफाई नहीं होती है। न तो साबुन है, न ही सैनिटाइजर। आयोग ने जब टॉयलेट चेक किए तो बच्चों की शिकायत को सही पाया।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया, "हमने 3 स्कूलों का निरीक्षण किया। इसमें सेंट जोसफ कोएड व होली क्रॉस में बच्चों के बस्ते का वजन 8 से 12 किलो मिला है। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करने कहा है।"

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com