मध्य प्रदेश: दस जिलों में छात्रवृत्ति घोटाला, दूसरे छात्रों के नाम पर निकाले गए पैसे

ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा घोटाले की जांच शुरू
मध्य प्रदेश: दस जिलों में छात्रवृत्ति घोटाला, दूसरे छात्रों के नाम पर निकाले गए पैसे
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भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले का मामला उजागर हुआ है। प्रदेश के दस जिलों के स्कूलों में स्कॉलरिशप घोटाला हुआ है। इस मामले का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है, जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा घोटाले की जांच शुरू की है।

मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, भिंड, बैतूल, आगरमालवा, सागर, छिंदवाड़ा, देवास और उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारियों को लोक शिक्षण संचालनालय ने पत्र जारी किए हैं, जिसमें शासन द्वारा छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में स्कूलों के द्वारा गड़बड़ी की गई है। जानकारी के अनुसार स्कूलों ने छात्रवृत्ति छात्रों के अकाउंट में सीधे न भेजते हुए अन्य बैंक अकाउंट में ली है। जिसका खुलासा ऑडिट के बाद सामने आया है। अब इन दस जिलों में स्कॉलरशिप घोटाला की जांच शुरू हो चुकी है।

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पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक की ओर से प्रदेशभर के स्कूलों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक पोस्ट व प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति वर्ष 2017-18 से 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कराई गई। इस ऑडिट रिपोर्ट में कई तरह की गड़बड़िया सामने आईं है। ऑडिट रिपोर्ट सामने आने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त द्वारा दस जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया है, जिसमें जांच कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

ऐसे हुआ घोटाला

इस मामले में स्कूलों द्वारा बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया। ऑडिट के अनुसार अनुसूचित जाति के छात्रों को अनुसूचित जनजाति के बताते हुए किसी छात्रवृत्ति ले ली गई। इसके साथ ही जो छात्रों के अभिभावकों के खाते लगाए बगैर शिक्षा विभाग के लोगों ने अपने अन्य लोगों और रिश्तेदारों के खाते में स्कॉलरशिप की राशि प्राप्त कर ली। कई छात्रों के नाम से स्कूलों ने दो से तीन बार स्कॉलरशिप की राशि का गमन कर लिया।

प्रदेश में पहले भी हुए छात्रवृत्ति घोटाले

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में पहले भी छात्रवृत्ति घोटाले की खबरें सामने आ चुकी हैं। गौरतलब है कि शाजापुर जिले में फरवरी 2019 से जनवरी 2021 के बीच छात्रवृत्ति के साथ स्काउट गाइड व रेडक्रॉस क्रीडा गतिविधियों की राशि का आहरण कर अनियमितता का मामला जांच में उजागर हुआ था। यहाँ पर दो वर्षों से छात्रों को गणवेश नहीं मिलने और संबंधित राशि छात्रों के खाते में डालने की मांग की गई थी।

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