मध्य प्रदेश: आरजीपी घोटाला मामले में फरार चल रहे तत्कालीन कुलपति सहित तीन की संपत्ति होगी कुर्क!

पुलिस कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार की तलाश कर रही है।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
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भोपाल। मध्य प्रदेश का एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी (आरजीपीवी) में हुए घोटाले को लेकर पुलिस ने जांच में तेजी की है। पुलिस कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार की तलाश कर रही है। आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर 3 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है। लुकआउट नोटिस दिल्ली से जारी कराया गया है।

तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार गुप्ता के अलावा, तत्कालीन रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत और तत्कालीन वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। सभी के खिलाफ भोपाल डीसीपी जोन 04 के सुंदर सिंह कनेस ने 3-3 हजार के इनाम का ऐलान भी किया था। पिछले 37 दिन से फरार तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार गुप्ता, रजिस्ट्रार राकेश कुमार राजपूत और वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जानी है।

क्या है मामला?

दरअसल, 3 मार्च को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर कुल 5 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इन सभी पर करीब 9.48 करोड़ रुपये से ज़्यादा के लेनदेन का आरोप था। सभी आरोपियों ने मिलकर विश्वविद्यालय की रकम को गबन कर लिया। कुलपति सहित अन्य पांच अधिकारियों पर आरोप है कि करोड़ों की राशि को सभी ने अपने निजी खाते में ट्रांसफर किया है। 

इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के नाम शामिल हैं। जिसे लेकर कुछ दिन पहले कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, तात्कालीन फायनेंस कन्ट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर मामला दर्ज हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर लगातार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया जिसके बाद सीएम यादव कार्रवाई के आदेश दिए। 

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुये घोटाले का केस भोपाल के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 120(बी), 409 के साथ ही भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। जबकि आरोपी कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी, सुनील रघुवंशी को गिरफ्तार किया गया है। कुमार मयंक से 6 लाख 60 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। इसके अलावा दो आरोपियों के खातों में जमा करीब 52 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं। रामकुमार रघुवंशी, सुनील रघुवंशी अभी पुलिस रिमाण्ड पर हैं।

पुलिस के अनुसार, इस मामले में तीन फरार आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। तीनों फरार आरोपियों पर पुलिस ने तीन हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। आरोपियों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही इनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। इस मामले में तत्कालीन एक्सेस बैक मैनेजर रामकुमार रघुवंशी की संलिप्तता पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इसके अलावा दलित संघ सुहागपुर के सदस्य सुनील रघुवंशी को भी गिरफ्तार किया गया है।

ऐसे किया घोटाला!

संस्था और समिति पंजीयन के नियम के अनुसार विश्वविद्यालय का खाता किसी भी बैंक में खोलते समय कुलपति, रजिस्ट्रार, फाइनेंस कंट्रोलर के हस्ताक्षर होते हैं। बैंक से पैसा निकालने या ट्रांसफर करने के लिए या अन्य किसी तरह का लेनदेन करने के लिए इन तीन अधिकारियों में से दो के हस्ताक्षर होना आवश्यक हैं।

भोपाल के कटारा हिल्स स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में विश्वविद्यालय का खाता है। इसके अलावा नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में भी खाता है। इन खातों में 25-25 करोड़ की चार एफडी मिली हैं। विश्वविद्यालय की लेखा शाखा के अनुसार एफडी 16 व 19 दिसंबर 2022 को खोली गईं। पिपरिया स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में भी 25-25 करोड़ की एफडी 31 मार्च 2022 को खोली गई हैं। बताया जा रहा है, की नोटसीट में निजी बैंक खातों को विश्वविद्यालय का बता कर पैसे ट्रांसफर किए गए जिसमें बैंक मैनेजर की भी मिलीभगत थी।

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