मध्य प्रदेशः पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।
जबलपुर हाईकोर्ट
जबलपुर हाईकोर्ट
Published on

भोपाल। मध्यप्रदेश में पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। जबलपुर हाईकोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर सुनवाई हुई थी। राज्य शासन की ओर से सोमवार को जवाब पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले में 24 करोड़ में से अब तक सिर्फ चार करोड़ की वसूली हुई है। इसको लेकर कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई। आपको बता दें कि कॉलेजों ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर फर्जीवाड़ा किया था।

क्या है पूरा मामला ?

मध्य प्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेज में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली थी, इस मामले में उस समय कई शिकायतें की गईं थीं। शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो सामने आया कि जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि ली गई थी उन्होंने कभी परीक्षा नहीं दी। इसके अलावा एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली थी।

सिर्फ चार करोड़ की वसूली

पैरामेडिकल कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाले की शिकायत के बाद इस पूरे मामले में जांच के उपरांत प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। साथ ही प्रदेश में निजी पैरामेडीकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे, लेकिन अधिकारियों और कॉलेजों की मिलीभगत से करोड़ों रुपयों की वसूली आज तक नहीं हो सकी है, जिसके बाद इस मामले में घोटाले में शामिल कॉलेजों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई। इस मामले में सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि एक संस्था से 4 लाख और 1 अन्य से 76000 और वसूल लिए गए हैं। बचे हुए पैरामेडीकल संस्थाओं से वसूली के लिए आरआरसी और कुर्की वारंट भी जारी किए जा चुके हैं। अभी तक सरकार 24 करोड़ में से सर्फ 4 करोड़ की वसूली कर पाई है।

कॉलेज और अधिकारियों पर दर्ज है मामले

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में प्रदेश भर के कॉलेजो और अधिकारियों के विरुद्ध 100 से ज्यादा मुकदमें लोकायुक्त में दर्ज हैं। जबलपुर के 5 कॉलेजों ने सरकार के रिकवरी नोटिस को सिविल कोर्ट में चेलैंज किया था और स्टे मांगा था, कोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया था और वसूली पर स्थगन देने से इंकार कर दिया था।

कोर्ट ने सरकार पर लगाया था, 25 हजार का जुर्माना

जबलपुर हाईकोर्ट में 2 अप्रेल 2023 को सुनवाई के दौरान पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। स्कॉलरशिप घोटाले की राशि वसूली मामले में सरकार द्वारा जवाब न देने पर जुर्माना लगाया गया था। जबाब देने के लिए कोर्ट ने 2 सप्ताह की मोहलत भी दी थी। जिसके बाद सोमवार को सरकार की ओर से कोर्ट को जवाब दिया गया। प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने कागजों में फर्जी छात्रों को दिखाकर सरकार से करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली थी।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com