भोपाल। मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति/ जनजाति और पिछड़ा वर्ग के स्कूली छात्रों को अभी तक पिछले दो सत्रों की स्कॉलरशिप नहीं मिली है। प्रदेशभर के कक्षा पहली से 12वीं तक के छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया। जबकि 2023-24 सत्र समाप्त हो चुका है।
जानकारी के मुताबिक, दो सत्रों के करीब आठ लाख स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। इसमें सत्र 2022-23 के 3.36 लाख और सत्र 2023-24 के 4.64 लाख विद्यार्थी शामिल हैं। छात्रवृत्ति की राशि भुगतान नहीं होने के पीछे स्कॉलरशिप पोर्टल में विद्यार्थियों का प्रोफाइल अपडेट नहीं होने से खाते त्रुटिपूर्ण होने का कारण बताया जा रहा है।
खंडवा जिले के झिरनिया निवासी निशिकांत शाउमा विद्यालय के 11वीं के छात्र हैं। द मूकनायक से बताया कि वह अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। पहले उन्हें छात्रवृत्ति मिल रही थी, लेकिन पिछले सत्र और वर्तमान वर्ष में उनकी छात्रवृत्ति राशि बैंक खाते में नहीं आई है। निशिकांत ने कहा- " मेरे पिता खेती करते हैं, गाँव से स्कूल भी दूर है। छात्रवृत्ति नहीं मिलने से समस्या हो रही है। स्कूल में टीचर कह रहे हैं। जल्द ही छात्रवृत्ति आ जाएगी पिछली बार भी ऑनलाइन आवेदन टीचर ने कराया था।"
बता दें कि हर साल करीब 12 लाख एससी-एसटी सहित विभिन्न वर्ग के विद्यार्थियों को करीब 400 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसमें 20 प्रकार की छात्रवृत्ति होती है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस बार फेल ट्रांजेक्शन की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए। इसका सीधा असर विद्यार्थियों पर पड़ता है। अब सभी विद्यार्थियों के खाते अपडेट किए जाएंगे।
अब तक स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट किया जाता था। अब शासन की ओर से एमपीटास के माध्यम से डाटा अपडेट किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी है कि प्रोफाइल अपडेट नहीं हो पा रही और विद्यार्थियों की संख्या स्वीकृत नहीं हो पा रही। इसमें सभी विद्यार्थियों के खातों को आधार से लिंक करना है। इसमें आधार, समग्र आइडी और जाति प्रमाण पत्र में जन्मतिथि मिलाकर प्रोफाइल अपडेट करना है। अब तक पोर्टल पर विद्यार्थियों का डाटा अपडेट नहीं हो पाया, इस कारण भुगतान नहीं हो पाया है। इसकी सूची भी संबंधित स्कूलों को भेज दी गई है। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शामिल हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल के मुताबिक एससी-एसटी विद्यार्थियों की कुल संख्या सत्र 2022-23 में 7.84 लाख और 2023-24 में 6.81 लाख थी, जिनमें, 2022 सत्र के 3.36 लाख और 2023 के 4.64 लाख छात्रों की स्कॉलरशिप अटक गई है। जबकि दोनों सत्र में 8.26 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई थी।
स्कूली छात्रों की स्कॉलरशिप अटकने के मामले में अजाक्स छात्र संघ सीएम को पत्र लिखेगा। द मूकनायक से बातचीत करते हुए अजाक्स छात्रसंघ के प्रदेश महासचिव ई. टीकाराम ने कहा- "सरकार वंचित वर्ग के अधिकारों के प्रति सजग नहीं है। समय पर कोई काम नहीं हो रहा। जबकि पिछड़े समाज केछात्रों को छात्रवृत्ति समय पर मिलना जरूरी है। ज्यादातर छात्र स्कॉलरशिप के कारण ही पढ़ाई कर पा रहे हैं। हम सीएम को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराएंगे।"
इस संबंध में राज्य लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के संचालक ने संभागीय संयुक्त संचालकों सहित जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को आदेश जारी कर कहा है कि कई निर्देश देने के बाद भी भुगतान असफल होना खेदजनक है। अब 2023-24 की असफल भुगतान की छात्रवृत्ति की राशि फिर से विद्यार्थियों के संशोधित बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इस वजह से संबंधित विद्यार्थियों के बैंक खाते अपडेट करने के लिए कहा गया है। अगर तय समय सीमा में खाते अपडेट नहीं किए जाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित संभाग या जिला शिक्षा अधिकारी की होगी।
द मूकनायक ने इस संबंध में प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से बातचीत की। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा- "अधिकारियों से जानकारी लेता हूँ, छात्रवृत्ति में क्यों देरी हो रही है।"
अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के स्कॉलरशिप के लिए 357 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है। पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए शासन की ओर से 20 तरह की विभिन्न योजना संचालित की जाती हैं। इसके तहत विद्यार्थियों को 50 रुपये से लेकर 550 रुपये तक की छात्रवृत्ति मिलती है।
मध्य प्रदेश में एक दर्जन से भी ज्यादा छात्रवृत्ति योजनाएं संचालित हैं। जिनमें प्रमुख रूप से निशक्तजन छात्रवृत्ति योजना, राज्य शासन की अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति, राज्य शासन अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति, पितृहीन कन्याओं की छात्रवृत्ति, प्री- पोस्ट मैट्रिक योजना, सुदामा प्री-मैट्रिक योजना, स्वामी विवेकानंद पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं इकलौती बेटी को शिक्षा विकास छात्रवृत्ति योजनाएं शामिल हैं।
12 फरवरी 2924 को डॉ. मोहन सरकार का अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश किया गया था। डिप्टी सीएम (वित्त विभाग) जगदीश देवड़ा ने विधानसभा के पटल पर वर्ष 2024-25 के लिए एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए का लेखानुदान पेश किया था।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंतरिम बजट में आदिवासी कल्याण के लिए 4287 करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति विभाग के लिए 787 करोड़ रुपए, ओबीसी और अल्प संख्यक कल्याण के लिए 514 करोड़ रुपए और स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 11674 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लेखानुदान के माध्यम से विभागों को अप्रैल से जुलाई 2024 तक विभिन्न योजनाओं में खर्च के लिए राशि आवंटित की गई थी। हाल में सरकार ने अब जुलाई में नए बजट पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सभी विभागों से जानकारी मांगी गई है।
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