बेंगलुरु। पिछले दो हफ्तों में कम से कम तीन ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट के बाद, कर्नाटक में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शौचालय साफ करने के लिए छात्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। सोशल मीडिया पर घटनाएं सामने आने के बाद विपक्ष की आलोचना के बाद, सरकारी निकाय ने आदेश का पालन करने में विफल रहने पर संस्था प्रधानों को कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए एक परिपत्र जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि द मूकनायक ने 13 दिसम्बर को ’तुम्हारी जाति के लोग यही काम करते है’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर बच्चों द्वारा टॉयलेट साफ करने वाली घटना का कवरेज किया था। इसीक्रम में कर्नाटक सरकार ने उपरोक्त निर्णय लेकर स्कूलों में बच्चों से ऐसे काम करवाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
शिक्षा विभाग ने संस्थानों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बच्चों को केवल शैक्षणिक, खेल और ऐसी अन्य पाठ्येतर गतिविधियों में ही शामिल किया जाना चाहिए। ये निर्देश तीन अलग-अलग स्कूलों में हुए हालिया विवादों के बाद दिए गए हैं, जहां छात्रों को सोक पिट और शौचालय साफ करने के लिए मजबूर किया गया था।
सबसे हालिया घटना में, प्राथमिक शिक्षा मंत्री के गृह जिले शिमोगा में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को छात्रों से शौचालय साफ कराने के लिए निलंबित कर दिया गया था। इस घटना ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री मधु बंगारप्पा को झकझोर दिया क्योंकि यह ऐसी दो घटनाओं की सूचना मिलने के बाद शिक्षकों और स्कूल अधिकारियों को मंत्री की कड़ी चेतावनी के बाद भी हुआ। पहली घटना में, कोलार जिले में वंचितों के लिए एक आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल और एक शिक्षक को छात्रों, जिनमें से कुछ दलित थे, को सोखता हुआ गड्ढा साफ करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जबकि दूसरी घटना में, एक सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका को गिरफ्तार किया गया था।
यदि बाल अधिकारों के ऐसे उल्लंघन की अनुमति दी जाती है तो प्रत्येक क्षेत्र में क्षेत्राधिकारी शैक्षिक अधिकारियों और प्रशासन के उप निदेशकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। स्थानीय अधिकारियों को निजी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों पर भी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भी परिपत्र का अनुपालन करें।
बता दें कि दक्षिणी राज्य में इस तरह की यह तीसरी घटना है। पिछले हफ्ते कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी शौचालय साफ करते हुए पाया गया था। जिसके बाद गुस्साए अभिभावकों और कार्यकर्ताओं ने शहर के आंद्रहल्ली इलाके में स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। इस घटना की शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने निंदा की थी। हालांकि उन्होंने अपने गृह जिले में हुई घटना पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बेंगलुरु और शिवमोग्गा की घटनाओं से पहले, कोलार जिले में सेप्टिक टैंक की सफाई कर रहे दलित छात्रों का वीडियो सामने आने के बाद एक हॉस्टल स्कूल के प्रिंसिपल और एक शिक्षक को गिरफ्तार किया गया था, वहीं चार संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था। एक अन्य वीडियो में छात्र भारी बैग लेकर घुटनों के बल बैठे नजर आ रहा था।
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