झारखंड। पलामू जिले में राज्य अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। 1954 में बने इस छात्रावास में रह रहे दलित छात्रों की अनेक समस्याएँ हैं, लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है। छात्रों ने इस मामले में कई बार छात्रावास के अधिकारी को बताया। 2022 में सीएम हेमंत सोरेन ने भी छात्रावास का निरीक्षण किया था। जिसके बाद सीएम ने व्यवस्था सुधारने के आदेश दिए थे, लेकिन छात्रों का आरोप है कि इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
झारखंड के पलामू जिले के बाईपास रोड रेड़मा मेदिनीनगर में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित एक छात्रावास है। इसमें 300 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। 70 साल बाद इस छात्रावास की हालत देख-रेख नहीं होने के कारण खराब हो गई है। वर्तमान समय में छात्रावास जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। द मूकनायक ने इस छात्रावास में रहने वाले छात्र बब्बन कुमार से बातचीत की। बब्बन ने कहा कि, "छात्रावास में मौजूद सभी कमरे की फर्श टूट चुकी है। छत भी कई जगह टूट रही है। कई जगह पर छत का हिस्सा गिरने की स्थिति में है। इससे छात्र काफी भयभीत रहते हैं। जर्जर छत के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कमरों की स्थिति ठीक न होने के कारण छात्रावास में रह रहे सभी छात्रों को बरामदे में रात गुजारनी पड़ती है।"
बब्बन बताते है, "हमने छात्रावास की समस्याओं के बारे में कई बार छात्रावास अधीक्षक, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला उपायुक्त सहित प्रदेश के कई मंत्रियों को सूचना दी है। इसके साथ ही साथी छात्र अनुराग कुमार भारती ने झारखंड के कृषि मंत्री, वित्त मंत्री, पेयजल मंत्री तथा कल्याण मंत्री को भी पत्र सौंपकर समस्या बताई है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। वर्तमान समय में इस छात्रावास में पलामू, गढ़वा एवं लातेहार जिले के दलित छात्र रहकर विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रावास में 300 छात्र के रहने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त 300 छात्रों के रहने की व्यवस्था करने के लिए भी कई बार पत्र लिखा गया है।"
छात्रों ने कहा कि छात्रावास के पुराने कमरों की जगह नए कमरों का निर्माण कराए जाने की आवश्यकता है। शौचालय खराब स्थित में हैं, आए दिन सीवर चोक हो जाता है। इस कारण नए शौचालय के साथ ही पुराने शौचालय के मरम्मत की आवश्यकता भी है। पीने के लिए साफ़ पानी के साथ ही छात्रावास में पानी की सप्लाई की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है। छात्रावास निकलने वाले गंदे पानी की निकास नाली की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही छात्रावास में पुस्तकालय, पेपर एवं मैगजीन की भी आवश्यकता पड़ती है। छात्रावास की सुरक्षा और दफाई के लिए एक स्थाई सफाईकर्मी और गार्ड की व्यवस्था की जानी चाहिए। छात्रावास में समुचित बिजली की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। पूर्व में मेस का संचालन किया जाता था जो लगभग 20 वर्षों से बंद है, उसे भी चालू किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही छात्रावास में बीपीएल दर पर चावल, दाल एवं गेहूं की व्यवस्था कराई जानी चाहिए।
इस मामले में द मूकनायक ने झारखंड के पलामू जिले के उप आयुक्त शशि रंजन से बातचीत की। उपायुक्त का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है। छात्रावास का निरीक्षण कर जो भी कमियां होंगी उन्हें दूर किया जाएगा।
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