महाराष्ट्र: मैट्रिक स्कॉलरशिप में 2100 करोड़ रुपए की हेराफेरी!

बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, 23 अगस्त को होगी सुनवाई.
महाराष्ट्र: मैट्रिक स्कॉलरशिप में 2100 करोड़ रुपए की हेराफेरी!
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महाराष्ट्र। बॉम्बे हाई कोर्ट में राज्य के अनुसूचित जाति (एसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में शिक्षण संस्थानों द्वारा 2100 करोड़ रुपए की हेराफेरी को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका में इसको लेकर साल 2016 में गठित की गई एसआईटी की सिफारिशों पर पूरी तरह अमल करने की मांग की गयी है। अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त रखी गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र के पुणे में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र कुलदीप कचरु आम्बेकर की ओर से वकील भूषण राउत ने एक जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि साल 2010 से 2014 के बीच राज्य में अनुसूचित जाति (एसी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में 2100 करोड़ रुपए की हेराफेरी हुई थी। इस मामले के उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने 15 जनवरी 2016 को जीआर निकाल कर मामले की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) का गठन किया था।

एसआईटी ने 24 जुलाई 2017 को सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। एसआईटी ने एससी एवं एसटी छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में शिक्षा संस्थानों द्वारा किए गए करोड़ों की हेराफेरी के मामले में सरकार से कुछ सिफारिशें की थी। उन सिफारिशों पर पूरी तरह अमल नहीं किया गया है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 4 अक्टूबर 2019 को इस मामले में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि आरटीआई के तहत राज्य सरकार और ईडी से एससी एवं एसटी छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में करोड़ों की हेराफेरी को लेकर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार और ईडी दोनों ने उसे जानकारी देने से मना कर दिया। इसके बाद उसने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर पिछले साल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया।

इस मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति आरिफ एस. डॉक्टर की खंडपीठ ने 12 जुलाई को जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि साल 2016 की एसआईटी की सिफारिशों पर सरकार अमल कर रही है। छात्रों के स्कालरशिप में करोड़ों की हेराफेरी लोगों के आधार नंबर आने से पहले हुआ था। अब छात्रों के मिलने वाला स्कालरशिप सीधे उनके खातों में जाता है। खंडपीठ ने सरकार को हलफनामा दाखिल कर एससी एवं एसटी छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में करोड़ों की हेराफेरी के बाद एसआईटी की सिफारिशों पर अमल को लेकर जवाब देने का निर्देश दिया है।

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