मध्य प्रदेश: सरकारी स्कूल में पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत, जानें यह क्यों है खास!

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल में पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल में पहले रेडियो स्टेशन की शुरुआत
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रेडियो के इस पूरे कार्यक्रम में छात्राएं ही एनाउंसर, समाचार वाचक, रेडियो जोकि की भूमिका निभा रही हैं। छात्राएं खुद ही रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम तैयार करती हैं। कार्यक्रम के विषय से लेकर उसकी स्क्रिप्ट तैयार कर रिकार्डिंग भी खुद ही करती हैं।

भोपाल। राजधानी भोपाल के शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्कूल में रेडियो कार्यक्रम की आवाज सुनाई देने लगी है। यहां छात्राओं ने प्रदेश का पहला अपना पॉडकास्ट रेडियो स्टेशन तैयार किया है। मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड ने प्रदेश के 53 स्कूलों का चयन किया है जिनमें अब स्कूली छात्रों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और रेडियो की बेसिक ट्रेंनिग दी जाएगी। मध्य प्रदेश में 53 शासकीय स्कूलों का ईएफए योजना के तहत चयन किया गया है। 

स्कूल में बनाया गया रेडियो स्टेशन

शासकीय स्कूल की छात्राओं को रेडियो का प्रशिक्षण देने के लिए स्कूल की 54 छात्राएं शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करती हैं। जिन्हें प्रतिदिन स्कूल स्तर पर प्रसारण किया जाता है। स्कूल में एक रेडियो स्टेशन लैब बनाया गया है। स्कूल के रेडियो में प्रसारित हो रहे कार्यक्रमों को यूट्यूब पर भी उपलब्ध कराया जाता है। राज्य ओपन बोर्ड ने एजुकेशन फॉर ऑल के तहत प्रदेश के 53 स्कूलों का चयन किया है। जिसमें भोपाल का सरोजिनी नायडू कन्या स्कूल भी शामिल है। 

इस तरह होता है कार्यक्रम का प्रसारण

भोपाल का शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्कूल प्रदेश का ऐसा पहला सरकारी स्कूल है, जहां रेडियो स्टेशन खुला है। छात्राओं द्वारा रेडियो पर कुछ इस तरह प्रसारण होता है। "नमस्कार भोपाल… और अब आप सुनेंगे आरजे कशिश और आरजे तान्या से स्कूल के कार्यक्रमों की जानकारी।" इसके बाद स्कूल के दिनचर्या के सभी कार्यक्रमों सहित कहानियां, चुटकुलें, सुविचार का भी प्रसारण किया जाता है। 

रेडियो के इस पूरे कार्यक्रम में छात्राएं ही एनाउंसर, समाचार वाचक, रेडियो जोकि की भूमिका निभा रही हैं। छात्राएं खुद ही रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम तैयार करती हैं। कार्यक्रम के विषय से लेकर उसकी स्क्रिप्ट तैयार कर रिकार्डिंग भी खुद ही करती हैं। इसमें स्कूल के कार्यक्रम से लेकर देश-दुनिया की खबरों के आडियो रिकार्डिंग कर यूट्यूब चैनल पर अपलोड करती हैं। यह प्रदेश का पहला स्कूल है जहाँ छात्राएं एक रेडियो स्टेशन को संचालित कर रही हैं।

प्रदेश के 53 स्कूलों का किया गया है चयन

मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड की ओर से एजुकेशन फार आल (ईएफए) के तहत प्रदेश के 53 सरकारी स्कूलों को चयनित किया गया है। लेकिन रेडियो स्टेशन बनने से लेकर संचालित होने तक का काम अभी फिलहाल भोपाल के सरोजनी नायडू गर्ल्स स्कूल में पूरा हो पाया है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए ओपन बोर्ड डायरेक्टर पीआर तिवारी ने बताया कि चयनित किए गए 53 स्कूलों में रेडियो के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के काम-काज की ट्रेंनिग छात्रों को दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि, "ट्रेंनिग देना शुरू कर दिया गया है। छात्र बुलेटिन तैयार करने से लेकर न्यूज़ प्रोग्राम और रेडियो के कार्यक्रम को प्रसारित कर रहे हैं।"

केंद्र सरकार को लिखा पत्र

शासकीय सरोजनी नायडू कन्या विद्यालय में वर्तमान में एक पॉडकास्ट रेडियो स्टेशन है। इसे यूट्यूब पर प्रसारित किया जाता है। इसे कम्युनिटी रेडियो स्टेशन का लाइसेंस दिलाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को पत्र लिखा था। इसके बाद मंत्री ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर इस स्कूल को कम्युनिटी रेडियो स्टेशन का लाइसेंस प्रदान करने की मांग की है। इस मामले में राज्य ओपन बोर्ड के डायरेक्टर पीआर तिवारी ने बताया कि कम्यूनिटी रेडियो लाइसेंस दिए जाने के लिए भारत सरकार से पत्राचार कर अनुमति मांगी गई है, और यह बहुत जल्द मिल भी जाएगा।

क्या है कम्युनिटी रेडियो!

सामुदायिक (कम्युनिटी) रेडियो स्टेशन, प्रसारण से समाज, समूहों और समुदायों को अपनी कहानियां बताने, अनुभव साझा करने और मीडिया-समृद्ध दुनिया में, मीडिया के निर्माता और योगदानकर्ता बनने के लिए सक्षम करने के लिए एक तंत्र प्रदान करते हैं। यह रेडियो सेवा का एक प्रकार है।

54 छात्राओं की टीम करती है रेडियो का संचालन

रेडियो के लिए एक टीम बनाई गई है जो इस पूरे कार्यक्रम को संचालित करती है। स्कूल कैंपस में रेडियो पर कार्यक्रम और प्रसारण देने के लिए 54 छात्राओं की टीम बनाई गई है। इससे अन्य जिलों की 2300 छात्राएं जुड़ी हैं। इन्हें रेडियो जोकि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये स्क्रिप्ट लिखने के अलावा रेडियो प्रसारण सहित कई कार्यक्रम तैयार करती हैं। प्रदेश के अन्य जिलों की छात्राओं को इन्हीं के द्वारा प्रशिक्षण देकर अन्य स्कूलों में भी इसी तरह का नवाचार किया जाएगा।

इन कार्यक्रमों का होता है प्रसारण

छात्रों द्वारा संचालित प्रदेश के पहले इस रेडियो स्टेशन में छात्राएं सप्ताह में एक कार्यक्रम तैयार करती हैं। इसमें कई विषय हैं। जैसे चटपटी कहानियां, स्कूल वर्चुअल, सपने और सवाल, डू यू नो, चलो जानें, अंदाज अपना-अपना, बचपन की बातें, सैर-सपाटा, टैलेंट प्लेटफार्म, खुली किताब सहित कई हस्तियों के साक्षात्कार भी शामिल हैं। फिलहाल इन कार्यक्रमों को यूट्यूब पर अपलोड किया जाता है। लेकिन स्कूल को कम्युनिटी रेडियो लाइसेंस के बाद कार्यक्रमों को और भी विस्तार दिया जाएगा। 

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