नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई कॉलेजों के हाल में जारी परीक्षा परिणामों में कई छात्रों को अनुपस्थित बताया गया है, जबकि उन्होंने परीक्षा दी है। इसके अलावा कई छात्रों को एसेंशियल रिपीट (ईआर) भी परिणाम में दिखाया जा रहा है। हालांकि, डीयू प्रशासन का कहना है कि तकनीकी खराबी के कारण कुछ समस्या आई हैं।
डीयू ने तकनीकी दिक्कत के कारण हुई इस समस्या को दूर कर दिया है। डीयू की ओर से करीब एक हजार से अधिक छात्रों के परिणाम अपडेट कर दिए गए हैं। वहीं इस समस्या के कारण जिनके भी परिणाम में गड़बड़ी हैं, वे परीक्षा शाखा में संपर्क कर सकते हैं। एक कॉलेज में करीब 500 छात्रों के रिजल्ट में ईआर है। करीब इतने ही छात्रों के रिजल्ट में बैक लिखा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छात्रों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर ईआर या बैक नहीं आ सकती हैं। ऐसे रिजल्ट में कई ऐसे भी छात्र हैं जिनका कभी बैक नहीं आया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीयू छात्रसंघ कार्यालय में बड़ी संख्या में छात्र इस तरह की शिकायतों के साथ पहुंचे हैं, जिसके बाद डीयू सचिव ने कुलसचिव से मुलाकात की। इस पर उन्होंने डीयू सचिव को इस समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है। छात्रों की परेशानी को देखते हुए Revaluation Fess न लेने और उस गड़बड़ी को जाँचने के लिए एक कमेटी के गठन की मांग की.
इस मामले पर द मूकनायक ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक शिक्षिका से बात की। वह बताती है कि, "अभी जो हमारे बच्चों के जो रिजल्ट आए हैं, वह काफी हद तक ठीक हैं। मुझे ऐसी कोई शिकायत उन्होंने नहीं बताई है। बाकी यह पूरी दिल्ली यूनिवर्सिटी की बात है, तो कुछ अलग बात हो सकती है। लेकिन अभी तक मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। मेरे बच्चे पास हो गए हैं."
दिल्ली भीम आर्मी स्टूडेंट के प्रेसिडेंट व दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र आशुतोष द मूकनायक को बताते हैं कि, "दिल्ली यूनिवर्सिटी में काफी समय से यह ज्यादा हो रहा है कि बच्चों को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा है। मेरे पास कितने स्टूडेंट के फोन आए हैं कि पेपर अच्छा जाने के बाद भी उनका ER आया है। सत्यावती कॉलेज के स्टूडेंट को काफी चक्कर लगाने के बाद, उनकी यह शिकायत दूर की गई है। एक बात समझ में नहीं आ रही है कि इतने बड़े पैमाने पर कैसे खराबी आ सकती है। अभी कुछ तीन-चार दिन पहले 5000 स्टूडेंट की एक साथ 5th सेमेस्टर में बैक आई है। फिफ्थ सेमेस्टर में बैक आना मतलब आपको 1 साल कॉलेज रिपीट करना होगा। हम लोग इसी को लेकर काम कर रहे हैं। लोगों से मिलकर जानने की कोशिश कर रहे हैं। तीन-चार स्टूडेंट तो मेरे आस-पास के हैं। जिनको इन समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हम प्रशासन से बात कर रहे हैं। सभी छात्र इस समय मानसिक तौर पर परेशान हो रहे हैं."
द मूकनायक ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंधित परीक्षा अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की। लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.