दिल्ली: नर्सरी में दाखिले के लिए EWS प्रमाण पत्रों में देरी, अभिभावकों के लिए बनी मुसीबत!

अप्रैल आ गया है लेकिन EWS की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। अभी तक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में कोई जानकारी जारी नहीं की है। दाखिला जानकारी लेने के लिए अभिभावक स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं।
दिल्ली: नर्सरी में दाखिले के लिए EWS प्रमाण पत्रों में देरी, अभिभावकों के लिए बनी मुसीबत!
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नई दिल्ली: निजी स्कूलों में आर्थिक पिछड़ा वर्ग EWS श्रेणी की सीटों पर दाखिला की प्रक्रिया हर साल में फरवरी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार इंतजार बढ़ता ही जा रहा है, जिससे माता-पिता बहुत परेशान है। अप्रैल आ गया है लेकिन EWS की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। अभी तक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में कोई जानकारी जारी नहीं की है। दाखिला जानकारी लेने के लिए अभिभावक स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं। द मूकनायक ने EWS दाखिला प्रक्रिया का इंतजार कर रहे कुछ माता-पिता से बात की, और उनकी परेशानी को समझने की कोशिश की।

दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में रहने वाली कविता बताती हैं कि, "मेरी बेटी 4 साल की है। मैं दिसंबर महीने से EWS का इंतजार कर रही हूं। पिछले साल यह फॉर्म फरवरी के आसपास निकल चुके थे। लेकिन इस बार स्कूलों का नया सेशन भी शुरू हो गया है, और अब तक यह फॉर्म नहीं निकले हैं. दूसरे स्कूल इतने महंगे हैं कि वहां अपने बच्चों को पढ़ाना हमारे बस में नहीं है। क्योंकि मेरे घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। हम बस EWS का इंतजार कर रहे हैं। उसमें भी नाम आना आसान नहीं है."

प्राइवेट नौकरी करने वाले दिल्ली के रोहिणी इलाके के निवासी, जगदीश (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि, "पहले ही EWS सीट पर दाखिला लेने के लिए स्कूलों में इतना ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है, और अब इस बार प्रक्रिया में देरी से दिक्कतें और ज्यादा बढ़ेंगी। मेरे दो बेटे हैं जिनका पिछले साल भी एडमिशन नहीं हो पाया था। कितनी बार स्कूल में जाकर हम लोग पूछ रहे हैं और कितनी बार साइबर कैफे भी जा रहे हैं यह जानने के लिए कि EWS के फॉर्म कब निकलेंगें। कोई भी स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं दे रहा है."

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के दाखिला संबंधी दिशा-निर्देश व अधिसूचना इस सप्ताह तक जारी की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर स्कूलों ने सीटों के मामले के बारे में आंकड़ों की जानकारी दे दी है। इसे सूचीबद्ध किया जा रहा है।

क्या है EWS?

EWS यानी कि Economically Weaker Section, जिसको हिंदी में आर्थिक कमजोर वर्ग कहते हैं। यह सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के लिए बनाया गया था, जिसके तहत आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाता है। दिल्ली में नर्सरी एडमिशन में EWS यानी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को कुछ खास रियायतें मिलती हैं। इनमें रिजर्वेशन से लेकर दूसरी सुविधाएं शामिल हैं।

क्या सुविधाएं मिलती हैं?

राइट टू एजुकेशन (RTE) अधिनियम 2009 के अनुसार EWS कैटेगरी के कैंडिडेट्स को 25 परसेंट रिजर्वेशन मिलता है। यानी किसी भी स्कूल में कुल जितने एडमिशन होंगे उनमें से 25 सेंट इस कैटेगरी के स्टूडेंट्स होने चाहिए। इन्हें एडमिशन के बाद भी बहुत सी सुविधाएं मिलती हैं जैसे फ्री किताबें, स्कूल यूनिफॉर्म, राइटिंग मैटीरियल वगैरह। इनसे किसी प्रकार की ट्यूशन फीस भी नहीं ली जाती है।

यहां होती है जांच

जो EWS सर्टिफिकेट आप जमा करते हैं उसे edistrict.delhigovt.nic.in विभाग द्वारा जांचा जाता है। जो डीजी कैटेगरी के अंतर्गत एडमिशन पाते हैं उनसे इनकम सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाता। ये रिजर्वेशन EWS डीजी और सीडब्ल्यूएसएन कैटेगरी के लिए है।

कौन है पात्र?

इस कैटेगरी में वे स्टूडेंट्स आते हैं जिनकी फैमिली इनकम साल के दस लाख से कम हो। जो कैंडिडेट्स बीपीएल, आय या फूड सिक्योरिटी कार्ड (जोकि फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट द्वारा इश्यू किया गया हो) जमा कर देते हैं उनसे ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाएगा। इन कैंडिडेट्स को डिस्टेंस के आधार पर स्कूल एडमिशन के लिए मना नहीं कर सकते।

किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत, कब तक होता है वैलिड?

ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको जिन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी वे इस प्रकार हैं – आधार कार्ड, आईडी प्रूफ, पैन कार्ड, बीपीएल कार्ड, कास्ट सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, सेल्फ डिक्लयरेशन फॉर्म, लैंड/प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स, रेजिडेंशियल प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो। कार्ड इश्यू होने के बाद एक साल तक वैलिड रहता है। 

द मूकनायक ने दिल्ली के शिक्षा विभाग और EWS संबंधी अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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