नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर (Narayanpur) जिले के एक सरकारी स्कूल में नाबालिग छात्राओं से स्कूल के पुरुष शिक्षक मासिक धर्म (पीरियड) को लेकर पूछताछ कर रहे थे। वहीं जब कोई छात्रा इस बात को छिपाती थी तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा रहा था। बाल विकास विभाग ने पूरे मामले में एक रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। इस मामले में तीन शिक्षकों के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
नारायणपुर जिले से मात्र 10 किमी की दूरी पर यह सरकारी स्कूल ग्रामीण इलाके में स्थित है। जानकारी के मुताबिक इस स्कूल में पुरुष शिक्षक नाबालिग छात्राओं से उनके मासिक धर्म के बारे में पूछते थे। मासिक धर्म आने और उसे नहीं बताने पर 500 रुपए का जुर्माना बच्चियों पर लगाया जाता था। नाबालिग छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक बैड टच करवाते थे। आरोप है कि एक बार शिक्षक ने एक शिक्षक छात्रा को घर भी बुलाया था।
लंबे समय से बच्चियों के साथ छेड़छाड़ हो रही थी। लेकिन शिक्षकों की धमकी के आगे वह कुछ नहीं कह पा रही थीं। हाल में यूनिसेफ (UNICEF) की टीम दौरे पर स्कूल पहुंची थी। इस दौरान टीम को छात्राओं ने आपबीती सुनाई। यूनिसेफ की टीम ने इस घटना को संज्ञान लेते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग को जानकारी दी। जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम छात्राओं से मिली और उनके बयान दर्ज किए।
इस घटना में 3 शिक्षको को आरोपी बनाया गया है। महिला एवं बाल विकास की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है। वहीं इन तीनों शिक्षकों के खिलाफ पॉक्सो की धारा में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। बच्चियों से यौन प्रताड़ना के इस केस में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस की एक टीम भी मौके पर पहुंची और गंभीर आरोप लगाए। घटना के बाद से स्कूल के हेड मास्टर और दो अन्य शिक्षक फरार बताए जा रहे हैं।
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