फॉलोअप: पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले में आठ कॉलेजों पर हुई कुर्की की कार्यवाही

घोटाले में शामिल 55 कालेजों से 7 करोड़ 87 लाख रुपए की वसूली कर ली गई है।
फॉलोअप: पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले में आठ कॉलेजों पर हुई कुर्की की कार्यवाही
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भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में अब सरकार ने आठ कॉलेजों पर कुर्की की कार्यवाही की है। हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में शासन की ओर से बताया गया कि अब तक घोटाले में शामिल 55 कालेजों से 7 करोड़ 87 लाख रुपए की वसूली कर ली गई है। वहीं आठ कॉलेजों पर कुर्की की कार्रवाई की गई है। यह भी जानकारी सामने आई है कि आगे चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्य संस्थानों पर भी बड़ी कार्यवाही कर सकता है।

मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लिया और कुर्की वाले मामलों में आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई समर वेकेशन के बाद होगी। दरअसल, इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल पैरामेडिकल कालेजों से 24 करोड़ रुपए की वसूली करनी थी। अभी भी 37 संस्थाओं से लगभग 16 करोड़ की वसूली शेष है। शासन ने इस रकम को भी जल्दी वसूलने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेज में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प कर ली थी, इस मामले में उस कई शिकायतें की गई थीं। शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो सामने आया कि जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि ली गई थी उन्होंने कभी परीक्षा नहीं दी। इसके अलावा एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली थी। जांच के बाद करीब 100 कॉलेज संचालकों पर एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

फॉलोअप: पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले में आठ कॉलेजों पर हुई कुर्की की कार्यवाही
मध्य प्रदेशः पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

फिलहाल जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में इंदौर बेंच से ट्रांसफर होकर आए वसूली के मामलों में भी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कुल वसूली योग्य राशि में से 50 फीसदी राशि जमा करने की शर्त पर ही इंदौर के 8 मामलों में स्थगन जारी रखा। कोर्ट ने कहा कि यह राशि इंदौर कलेक्टर के पास जमा होगी, जो कि कॉलेजों की याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल इन 8 कालेजों ने पूर्व में वसूली पर स्थगन ले रखा था।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति पेश की गई कि ग्वालियर संभाग से संबंधित मामलों और रिकवरी के स्टेटस का सरकार की रिपोर्ट में कोई उल्लेख नहीं है। कोर्ट ने ग्वालियर से संबंधित कॉलेजों की स्थिति से अवगत कराने के लिए सरकार को निर्देश दिए है। इस मामले की की सुनवाई अब समर वेकेशन के बाद होगी।

कोर्ट ने सरकार पर लगाया था, 25 हजार का जुर्माना

जबलपुर हाई कोर्ट में 2 अप्रेल 2023 को सुनवाई के दौरान पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। स्कॉलरशिप घोटाले की राशि वसूली मामले में सरकार द्वारा जवाब नहीं देने पर जुर्माना लगाया गया था। जवाब देने के लिए कोर्ट ने 2 सप्ताह की मोहलत भी दी थी। जिसके बाद सोमवार को सरकार की ओर से कोर्ट को जवाब दिया गया। प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने कागजों में फर्जी छात्रों को दिखाकर सरकार से करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली थी।

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