नई दिल्ली: नीट परीक्षा फिर से आयोजित करने और नीट-यूजी 2024 ((NEET-UG 2024)) परीक्षा के परिणाम रद्द करने की मांग का विरोध करते हुए गुजरात के 65 मेडिकल छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने वर्तमान परिणामों के आधार पर मेडिकल प्रवेश जारी रखने की मांग की है और कहा है कि इसमें उन्हें शामिल न किया जाए जिन्होंने परीक्षा में अनुचित तरीके अपनाएं हों।
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से प्रतिवादियों-राष्ट्रीय परीक्षण एजंसी (एनटीए) को रिट जारी करने का आग्रह किया है। ताकि याचिकाकर्ताओं द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षा पास करने के लिए लगाई गई कड़ी मेहनत और समय के मद्देनजर उन्हें नीट यूजी 2024 (NEET-UG 2024) परीक्षा रद्द करने से रोका जा सके। यह तर्क दिया गया है कि फिर से नीट परीक्षा की अनुमति देना उन छात्रों के लिए अनुचित होगा, जिन्होंने निष्पक्ष और ईमानदार तरीकों से परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त की। यह अनुच्छेद 14 और 21ए के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।
याचिका में कहा गया है कि न्यायालय प्रतिवादियों को पांच मई 2024 को आयोजित नीट-यूजी 2024 रद्द करके नीट यूजी 2024 को फिर से आयोजित न करने का निर्देश दे सकता है क्योंकि यह न केवल ईमानदार और मेहनती छात्रों के लिए अनुचित और कठोर होगा, बल्कि शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन भी होगा। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।
याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि फिर से नीट परीक्षा के आने पर लगातार मीडिया कवरेज ने उन छात्रों के बीच बहुत चिंता और दबाव पैदा किया है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त की।
याचिकाकर्ता लगभग 17-18 वर्ष की आयु के युवा छात्र हैं और डाक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अपना 100 फीसद समर्पित रूप से दिया और तीन-चार वर्षों से अधिक की लगातार कड़ी मेहनत के बाद, नीट यूजी)-2024 परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उल्लेखनीय है कि प्रधान न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ आठ जुलाई को एनटीए द्वारा आयोजित नीट यूजी 2024 परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और अनियमितताओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।
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