लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते सोमवार को पिछड़ा मोर्चा सम्मेलन में 69000 शिक्षक भर्ती में अपने सरकार की वाहवाही की गई साथ ही उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में विपक्ष पर सवाल खड़ा करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण गड़बड़ियों की वजह से शेष बचे 6800 अभ्यर्थियों को, जो लगातार 2 साल से अधिक समय से अपनी नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें समाजवादी पार्टी का मोहरा तक बता दिया।
सीएम योगी के बयान के बाद लगातार सालों से संघर्ष कर रहे अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर गड़बड़ी की वजह से उनकी नियुक्ति लटक गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछली योगी सरकार में तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी की बात स्वीकार करते हुए शेष बचे अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही थी लेकिन आज तक नियुक्ति नहीं मिली है।
69000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा में शामिल होने वाले प्रतियोगी छात्र बृजेश सिंह द मूकनायक को बताते हैं कि, 2022 में अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री योगी आदियानाथ से मुलाकात करता है, जिसके 10 दिन बाद 5 जनवरी 2022 को चयन सूची जाती की जाती है। और अगले दिन 6 जनवरी को तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण गड़बड़ी की वजह से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कहते हैं।
23 दिसंबर 2021 को यूपी सीएम ऑफिस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल (अब एक्स) से ट्वीट कर यह जानकारी भी दी गई थी कि, "UPCM श्री योगी आदित्यनाथ जी से आज 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री जी ने संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को समस्या के त्वरित एवं न्यायसंगत समाधान हेतु निर्देश दिए।"
69000 शिक्षक भर्ती मामले में 26 दिसंबर 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से एक समाचार पत्र की कटिंग के साथ एक और ट्वीट भी किया जात है कि, आरक्षण गड़बड़ी की वजह से वंचित लगभग 6000 अभ्यर्थियों को जनवरी 2022 में नियुक्ति दी जाएगी।
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि उस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त होने वाला था और प्रदेश में चुनाव का माहौल था।
योगी आदित्यनाथ का पहला कार्यकाल समाप्त होने के लगभग पांच महीने पहले, और चुनाव नजदीक आने के समय 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण गड़बड़ी की वजह से चूके अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाने की बात कही जाती है। लेकिन आज तक वह नियुक्ति अभ्यर्थियों को नहीं मिल पाई है। तब से लेकर आज तक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर सैकड़ों धरना प्रदर्शन किए, कई बार उनपर लाठी चार्ज किए गए जिससे दर्जनों अभ्यर्थी घायल भी हुए, लेकिन सरकार ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी।
हाल ही में सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने 69000 शिक्षा भर्ती का जिक्र करते हुए अपनी सरकार की खुद तो थपथपाई लेकिन इसी भर्ती में आरक्षण गड़बड़ी की वजह से लटके अभ्यर्थियों, जिन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है, की एक बार भी चर्चा नहीं की।
बृजेश का आरोप है कि, "योगी सरकार अपनी बात से मुकर रही है। उसने पहले हमें नियुक्ति देने का वादा किया लेकिन अभी तक हमें नियुक्ति नहीं मिली है।"
अभ्यर्थियों ने मामले पर संकेत दिया है कि अगर उनके मसले पर सरकार ने गंभीरता से गौर नहीं किया तो वह विधानसभा का घेराव भी कर सकते हैं।
आपको बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण में हुई गड़बड़ी की वजह से कुल 6800 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अभी भी लटकी हुई है। इसमें 5800 ओबीसी, 1100 एससी और 100 दिव्यांग अभ्यर्थी शामिल हैं।
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