लखनऊ - उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की समस्याओं को लेकर नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख, चंद्रशेखर आजाद ने राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री मा० संदीप सिंह को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने शिक्षा मित्रों की आर्थिक और मानसिक समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि यह स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई शिक्षा मित्र आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
आजाद ने पत्र में बताया कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 23 वर्षों से कार्यरत शिक्षा मित्र, जो स्नातक और बीटीसी योग्यता प्राप्त हैं, वर्तमान में महज 10,000 रुपये का मानदेय पा रहे हैं। यह मानदेय उन्हें 11 महीने तक ही मिलता है, जिससे इस महंगाई के दौर में उनके परिवारों का भरण-पोषण संभव नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वर्तमान में मंहगाई को देखते हुये नियमितीकरण होने तक अन्य राज्यों (राजस्थान, उत्तराखण्ड, हरियाणा, बिहार) की भांति शिक्षा मित्रों को वेतन/मानदेय की मांग की।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस पत्र में शिक्षा मित्रों की निम्नलिखित समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया:
नियमित वेतनमान और स्थायीकरण: नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मित्रों को स्थायी किया जाए और उन्हें नियमित वेतनमान दिया जाए।
वेतन वृद्धि: जब तक स्थायीकरण न हो, तब तक अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा और बिहार की तर्ज पर शिक्षा मित्रों को उचित वेतन/मानदेय दिया जाए।
मूल विद्यालय में समायोजन: जो शिक्षा मित्र अपने मूल विद्यालय से वंचित हैं, उन्हें फिर से अपने मूल विद्यालय या उसी ग्राम पंचायत के किसी अन्य विद्यालय में समायोजित किया जाए।
महिला शिक्षा मित्रों का स्थानांतरण: शादी के बाद, यदि महिला शिक्षा मित्र चाहें, तो उन्हें उनके ससुराल के जिले में स्थानांतरित किया जाए।
ईपीएफ और मेडिकल सुविधा: शिक्षा मित्रों को ईपीएफ योजना में शामिल किया जाए और उन्हें आयुष्मान योजना के तहत मेडिकल सुविधाएं दी जाएं।
मृतक शिक्षा मित्रों के परिवारों की मदद: जिन शिक्षा मित्रों की मृत्यु हो चुकी है, उनके परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए और परिवार के एक सदस्य को रोजगार प्रदान किया जाए।
चंद्रशेखर आजाद ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देशन में 14 नवम्बर 2023 को एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसने कई बैठकों के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। हालांकि, चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण उस रिपोर्ट पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि इस कमेटी की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू किया जाए।
इस पत्र के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद ने शिक्षा मित्रों के जीवन में स्थिरता लाने और राज्य की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार से त्वरित कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाएगा, बल्कि प्रदेश के लाखों बच्चों को भी बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
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