राजस्थान। राजनीतिक लाभ के लिए कथित रूप से भाजपा ने जैसलमेर के दलित किसान माधूराम मेघवाल के चेहरे का उपयोग किया है। 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान की फोटो के साथ प्रदेश के 19 हजार किसानों की भूमि नीलाम की बात लिख कर बड़े-बड़े पोस्टर व होर्डिंग चस्पा कर दिए गए। किसान के गांव के लोगों ने जयपुर शहर की सड़कों पर दलित किसान की फोटो कर्जदार किसानों वाले पोस्टर पर देखी तो बात पीड़ित किसान तक भी पहुंची। हालांकि, बाद में किसान माधूराम की फोटो वाले पोस्टर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी नजर आने लगे।
राजनीति की चौसर पर पोस्टर बॉय बनकर उभरे जैसलमेर जिले के रामदेवरा थाना इलाके की रिखियों की ढाणी के 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान माधुराम को भाजपा के पोस्टर फरेब के कारण मानसिक प्रताड़ना हुई है। यही वजह है कि माधूराम के बड़े पुत्र भूराराम ने रामदेवरा थाना में भाजपा पर मानहानि करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दी है। हालांकि पुलिस ने इस सम्बंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की।
थानाधिकारी खम्माराम ने द मूकनायक से कहा कि इस संबंध में एक लिखित शिकायत मिली है। आरोप है कि भाजपा ने उनकी बिना अनुमति के फोटो लगाकर उनकी भूमि नीलाम होने की बात लिखकर जयपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पोस्टर लगवा दिए। जबकि उनकी कोई भूमि नीलाम नहीं हुई है। इस तरह के पोस्टरों से पीड़ित किसान को मानहानि हुई है। थानाधिकारी ने कहा कि जिस तरह से तहरीर दी गई है उससे कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है। इसलिए एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हमने पीड़ित किसान को न्यायालय में जाने की सलाह दी है।
किसान माधुराम के पुत्र भूराराम ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि हमने रामदेवरा थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। भाजपा के द्वारा इजाजत के बिना पिता माधूराम का फोटो अपने पोस्टर पर लगा दिया और यह पोस्टर पूरे राजस्थान में लगाया है। भाजपा के इस पोस्टर पर यह लिखा गया है कि 19 हज़ार किसानों की ज़मीन नीलाम हुई है। भूराराम ने कहा कि भाजपा के पोस्टर पर मेरे पिता की फोटो देखने के बाद लोग फोन कर पूछ रहे हैं। गांव व समाज में तरह-तरह की बाते बनाई जा रही है। जबकि हमारे उपर किसी का कोई कर्ज नहीं है। बैंक में केसीसी है, लेकिन समय पर जमा करवाते हैं। आज तक एक रुपए का सरकारी कर्ज बाकी नहीं है।
उन्होंने कहा कि "भाजपा ने झूठ फैलाया है। उनके द्वारा जारी पोस्टर पर मेरे पिता की फोटो लगने से लोग कह रहे हैं कि यह लोग बड़े जमीदार बने फिरते हैं। इनकी तो जमीन नीलाम हो गई। भाजपा के झूठ के कारण मेरे पिता के मान सम्मान को ठेस पहुंची है। हम समाज व गांव वालों को जवाब देते थक गए हैं।"
भूराराम ने कहा कि मेरे पिता के पास 180 बीघा जमीन है। हमारा परिवार इसमें खेती करता है। इस वर्ष बारिश कम हुई है, लेकिन बाजरी व ग्वार की फसल है। हमारे पास दूधारू पशु भी है। हम अपनी खेती करते हैं, और सम्मान से जीते हैं, लेकिन भाजपा वालों ने हमारा मान गिराया है। ऐसे में जैसलमेर भाजपा वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि फिर किसी किसान को यह लोग साजिश का शिकार नहीं बना पाए।
प्रदेश में भाजपा ने 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान के तहत पहले यात्राएं निकाली, लेकिन फेल रही। बाद में इसी अभियान के तहत भाजपा ने राजस्थान में पोस्टर कैंपेन शुरू किया। इसी कैंपेन के तहत राजस्थान भाजपा ने जैसलमेर के दलित किसान माधूराम मेघवाल की फोटो लगा कर 19 हजार किसानों की भूमि नीलाम लिखकर पोटर चस्पा कर दिए। 23 को जैसलमेर से किसान माधूराम का रिश्तेदार भंवरराम व इसी इलाके में रहने वाले अशोक जयपुर पहुंचे। जहां इन्होंने देखा कि बाबो सा तो जयपुर जा रहा है। इन्होंने जयपुर की सड़कों पर लगे इन पोस्टरों की फोटो खींची और गांव वालों के पास भेज दी। कुछ देर में ही किसान माधूराम की फोटो लगे भाजपा के पोस्टर विरोध के साथ वायरल होने लगे। बात किसान व उसके बच्चों तक पहुंची। तो उन्हें बुरा लगा।
द मूकनायक ने जयपुर शहर में किसान माधूराम की फोटो लगे पोस्टर देखने वाले भंवरराम व अशोक से बात की। भंवराम ने कहा कि मैंने जैसे ही जयपुर की सड़कों पर बाबो सा की फोटो देखी तो में अचंभित हुआ। फिर मैंने पोस्टर लिखा हुआ पढ़ा तो कुछ समझ आया। बाद में फोटो खींच कर गांव वालों को भेज दी। यही बात अशोक ने कही। अशोक कहते हैं कि पोस्टर पर इलाके के दलित किसान की फोटो देख कर में खुद सोच में पढ़ गया। उन्होंने कहा मैंने पोस्टर को कई बार पढ़ा। इसके बाद माजरा समझ आया। यह सब भाजपा का झूठ था। मैं माधूराम जी को पहले से जानता था। वह सम्मान से जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं। उन पर कोई कर्ज नहीं है, लेकिन भाजपा ने झूठ फैलाकर दलित किसान का अपमान किया है।
किसान के बेटे भूराराम ने बताया कि पोस्टर छापने से पहले किसी ने भी उनसे फोटो के लिए नहीं पूछा था। अचानक फोटो छपने की बात पता चली तो हम खुद अचंभित थे। हमने स्थानीय भाजपा वालों से भी बात की, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। यह फोटो भाजपा के पास कैसे पहुंची इस बात की भी हमें कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद स्थानीय मीडिया में खबरें प्रकाशित होने लगी। मीडिया कर्मी भी बार-बार उनसे पोस्टर में लगी फोटो के बारे में पूछने लगे। गांव व समाज के लोगों ने भी पूछा। उन्होंने कहा कि हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
उधर भाजपा का झूठ मीडिया में आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सक्रिय हो गए। उन्होंने किसान माधूराम को जयपुर बुलाकर पोस्टर में चस्पा फोटो के बारे में जानकारी ली। मुलाकात के बाद सीएम अशोक गहलोत ने दलित किसान की फोटो के साथ लगे झूठे पोस्टरों को हटाने के निर्देश भी दिए। यहां से जाने के बाद पीड़ित किसान व उसे पुत्र ने मंगलवार को ही रामदेवरा पुलिस थाने में भाजपा के खिलाफ मानहानि करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
भूराराम ने कहा कि पुलिस थाने में तहरीर देने के बाद कई लोगों के फोन उनके पास आ रहे हैं। कह रहे हैं कि अब जो हुआ सो हुआ पुलिस में देने से क्या होगा। कुछ नहीं होगा। शिकायत वापस ले लो। भूराराम ने फोन करने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि अब जो होगा देखा जाएगा। पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो हम न्यायालय की शरण लेंगे। अभी फसल तैयार करने में लगे हैं। जल्द ही आगे कार्रवाई करेंगे।
रामदेवरा थानाधिकारी खम्माराम से द मूकनायक ने बात की। इस दौरान थानाधिकारी ने कहा कि हमें तहरीर मिली है। शिकायत ले ली है। शिकायत में जिस तरह भाजपा पर मानहानि के आरोप लगाए हैं उनसे कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है। हमने पीड़ित किसान को न्यायालय के जरिए मानहानि का दावा करने की सलाह दी है।
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