उत्तर प्रदेश: "हम लोग दलित हैं, विरोध नहीं कर सकते, इसलिए पुलिस भी हमारी जमीन पर कब्जा कर ले रही है"- पीड़ित परिवार

विवादित जमीन राम बुझारत और राम जमुना के सहखातेदार के रूप में दर्ज है। इसका मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। इसके बावजूद भी इसपर पुलिस परिसर का निर्माण शुरू किया गया।
उत्तर प्रदेश: "हम लोग दलित हैं, विरोध नहीं कर सकते, इसलिए पुलिस भी हमारी जमीन पर कब्जा कर ले रही है"- पीड़ित परिवार
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लखनऊ। यूपी के बलरामपुर जिले में पुलिस प्रशासन पर जबरन जमीन को कब्जा करने का आरोप एक दलित परिवार ने लगाया है। पीड़ित मामले की शिकायत लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से एक बार गोरखपुर और एक बार लखनऊ जनता दर्शन में भी मिल चुका है। अधिकारियों के रसूख के कारण किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। इससे छुब्ध होकर दलित युवक ने थाने के सामने ही खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। घटना का वीडियो वायरल होते ही हड़कम्प मच गया। थाने में चल रहा काम रुकवा दिया गया। पुलिस और प्रशासन की टीम जांच में जुट गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

बलरामपुर के गैंडास बुजुर्ग थाना परिसर के पास दलित राम बुझारत परिवार के साथ रहते हैं। राम बुझारत के भाई राम उजागर ने द मूकनायक को बताया, "हमारी जमीन जिसका गाटा संख्या 2375 है। इसके रकबे का 0.127 हैक्टेयर हमारी जमीन है। यह जमीन थाने सामने मौजूद है। यह जमीन राम बुझारत और राम जमुना के सहखातेदार के रूप में दर्ज है। इसका मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बावजूद भी इसपर पुलिस परिसर का निर्माण शुरू किया गया।"

दलित युवक आत्मदाह के बाद जमीन पर पड़ा हुआ, मौक़े पर मौजूद पुलिस और भीड़
दलित युवक आत्मदाह के बाद जमीन पर पड़ा हुआ, मौक़े पर मौजूद पुलिस और भीड़

राम उजागर बताते हैं, "मेरे भाई राम बुझारत ने थाने द्वारा कराए जा रहे अवैध निर्माण की शिकायत थाने में लिखित रूप से 23 अक्टूबर 2023 को की थी, लेकिन काम नहीं रुका। इससे पहले भी इस अवैध निर्माण को लेकर मेरा भाई एक बार सीएम योगी से गोरखपुर में और एक बार लखनऊ में हुए जनता दरबार में मिलकर आया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।"

सीएम योगी के कार्यालय से आई शिकायत पर थाने में बैठाया

राम उजागर बताते हैं, "जब मेरे भाई ने सीएम से शिकायत की तो शिकायती पत्र थाने आया। इस पर उसे थाने बुलाकर बैठा लिया गया। काफी सिफारिश करने के बाद उसे छोड़ा था।"

थाने परिसर का बनाया जा रहा गेट

पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में राम बुझारत के भाई राम उजागर ने लिखा, "मैं रामराज गैंडास बुजुर्ग के पुरवा धोबहा, उतरौला जनपद बलरामपुर का रहने वाला हूं। गैंडास बुजुर्ग में गाटा संख्या 2375 रकबा 0.127 हैक्टेयर में मैं और राम बुझारत और जमुना प्रसाद आदि सह खातेदार हैं। निर्माणाधीन थाना गैंडास बुजुर्ग परिसर के गेट की भूमि लगभग 60 फीट रोड साइड का हम सह खातेदारों की है। इस पर थाना परिसर का गेट कल 23 अक्टूबर से बनाया जा रहा है। इसको लेकर काम रुकवाने का प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसके बावजूद निर्माण कार्य नहीं रोका गया है।"

बेटे के उठाए गए कदम के बाद मां विमला देवी रो-रोकर बुरा हाल है। विमला देवी ने द मूकनायक को बताया, "मेरा बेटा सोमवार को थाने गया था। उसने कहा था कि मेरी जमीन है, लेकिन उसे वहां थाने में बैठाकर रखा गया। बाद में उसे छोड़ा गया। उसने सभी अधिकारियों की चौखट पर चक्कर काटे, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।"

विमला देवी ने कहा, "हमारी जमीन पर पुलिस का क्वार्टर बन रहा है। गांव के प्रधान, लेखपाल को सब मालूम है कि जमीन किसकी है। लेकिन वो लोग भी इस पर अपनी मनमानी चलाते रहे। हमारा घर देखिए, हम कैसे रह रहे हैं, वो किसी को नहीं दिखता। मेरा बेटा सीएम के पास तक गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सोमवार को ही वहां जमीन पर गड्ढा खोदा गया और पिलर खड़े किए गए हैं। इसके बाद मेरा बेटा बहुत दुखी हो गया। उसने उस दिन खाना तक नहीं खाया। फिर वो प्रार्थना पत्र लेकर थाने गया था। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं सुना। वो रात में भी बिना किसी से बात किए सो गया था। अगले दिन उसने ऐसा कदम उठाया।"

क्या कहते हैं अफसर?

दलित युवक के आत्मदाह के मामले में एसपी केशव कुमार ने द मूकनायक को बताया, "गैंडास बुजुर्ग में राम बुझारत ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने तत्काल उन्हें लखनऊ के बॉर्न वार्ड में भर्ती करवाया है। राम बुझारत ने थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया था। इस प्रार्थना पत्र के आधार पर मामले को पुलिस हल्का प्रभारी एवं लेखपाल को प्रेषित किया गया था। इस मामले की जांच अपर जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा। कठोर कार्यवाही की जाएगी।"

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