उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में तैनात एक महिला वेटनरी डॉक्टर ने अनुसूचित जाति की बीपीएल धारक महिलाओं से बकरी लोन का चेक देने के लिए आठ हजार की रिश्वत मांग ली। शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने बुधवार 18 जनवरी को इस पशु चिकित्साधिकारी डॉ. मोनिका गोयल को रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया। गिरफ्तार हुई डॉ. मोनिका वर्ष 2011 से उत्तरकाशी के नौगांव में पशु चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात हैं, जिन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति की बीपीएल महिलाओं के लिए बकरी पालन योजना में मिलने वाले सरकारी अंशदान का चेक देने के एवज में आठ हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वखोर डॉक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस की टीम उसे देहरादून ला रही है।
विजिलेंस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, गांव की एक शिकायकर्ता दलित महिला ने पहले तो 12 जनवरी को हेल्पलाइन पर इस बाबत एक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अगले दिन 13 जनवरी को पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर, देहरादून के कार्यालय में भी महिला ने खुद आकर इस मामले में एक शिकायती पत्र देते हुए क्षेत्र की अनुसूचित जाति/जनजाति की बीपीएल कार्डधारी महिलाओं के लिये बकरी पालन योजना में मिलने वाले सरकारी अंशदान का चैक देने के एवज में पशुपालन विभाग नौगांव में नियुक्त पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोनिका गोयल द्वारा आठ हजार रुपये रिश्वत मांगने का इल्जाम लगाया था।
सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर की एसपी रेनू लोहानी ने शिकायती प्रार्थना पत्र में लगाए गए आरोपों की गोपनीय रूप में जाँच करायी तो जांच में शिकायती पत्र में लगाये गये आरोप पहली नजर में सही पाये गये, जिसके बाद विजिलेंस ने रिश्वतखोर डॉक्टर को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक ट्रैप टीम का गठन किया।
बुधवार 18 जनवरी को ट्रैप टीम ने पशु चिकित्साधिकारी डाम्टा बड़कोट डॉ. मोनिका गोयल जिसके पास नौगाँव का भी अतिरिक्त प्रभार था, के कार्यालय में शिकायतकर्ता के साथ डॉक्टर को दबोचने के लिए प्लान तैयार किया। मौके पर तयशुदा ढंग से शिकायतकर्ता ने इधर महिला डॉक्टर को रंग लगे आठ हजार रुपए थमाए, उधर पहले से ही ताक में बैठी विजिलेंस की टीम ने डॉक्टर को पकड़कर उनके हाथ धुलवाते हुए हाथ से छूटे रंगीन पानी और बरामद नोट को सील करते हुए डॉक्टर को अपनी हिरासत में ले लिया। डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। डॉक्टर को हिरासत में लेकर विजिलेंस की टीम देहरादून के लिए रवाना हो गई। इस मामले में थाना सर्तकता अधिष्ठान में गिरफ्तार डॉक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित 2018) के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
नोट : यह समाचा मूलरूप से janjwar.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से पुनः प्रकाशित किया गया है।
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