लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के थाना पुवायां के ग्राम इटौली में जातिगत भेदभाव के चलते हत्या का मामला सामने आया है। मामले में जब पीड़ित वाल्मीकि समाज के परिजनों ने ग्रामीणों के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की तो कथित रूप से पुलिस ने लगभग 60 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया।
इटौली ग्राम निवासी मुकेश कुमार (35) ने द मूकनायक से फोन पर बताया कि उनके भाई रवि वाल्मीकि (21) को पिछले माह 20 जून को शाम लगभग 6:30 बजे कुछ लोग घर पर बाइक से लेने आए और साथ बैठाकर ले गए। उस समय उनकी पत्नी घर पर थी जिसने उन लोगों के साथ जाने का कारण भी पूछा था।
मुकेश का आरोप है कि “उस दिन मेरे पास ग्राम प्रधान का फोन आता है कि —‘आपके भाई के साथ कुछ हो गया है।’ — कुछ देर बाद रवि को वही लोग मोटरसाइकिल पर लाद कर घर लाते हैं और हड़बड़ी में घर छोड़कर भाग जाते हैं।”
मुकेश ने बताया कि जब वह घर पहुंचे तो अपने भाई को चारपाई पर देखा, उसके मुंह और सिर से खून गिर रहा था। आननफानन में आटो को बुलाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया जहां डाक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
इस घटना के पीछे मुकेश हत्या की साजिश बताते हैं। उन्होंने द मूकनायक को बताया कि “हम वाल्मीकि समाज से आते हैं। इसलिए यहां इटौली गांव में नाई हम लोगों के बाल नहीं काटते हैं। एक बार इस बात को लेकर झगड़ा भी हो चुका है। कई साल पहले जिन लोगों से झगड़ा हुआ था वही लोग मेरे भाई को उस दिन बाइक पर लेकर गए थे।”
बड़े भाई मुकेश ने बताया कि रवि सहित हम कुल छः भाई थे। रवि तीसरे नंबर का भाई था। रवि का उन लोगों के साथ आना जाना था जिन लोगों से बाल काटने को लेकर विवाद हुआ था।
मामले में मुकेश के परिवार की महिला पुन्नी देवी ने थाने में दिए गए लिखित शिकायती पत्र में बताया कि, “उमेश श्रीवास्तव पुत्र रामकुमार, और अशर्फीलाल पुत्र बहादुर घर आए थे और रवि को अपने साथ बुलाकर ले गए थे। उन लोगों ने रवि से पोल पर चढ़कर तार जोड़ने के लिए कहा। लेकिन रवि ने बिजली की जानकारी न होने की बात कही, फिर भी जबरदस्ती उन लोगों ने रवि को खंभे पर चढ़ाया, तभी मेरे देवर रवि को करंट लग गया। उसके बाद वह दोनों ने रवि को अपने साथ लाकर घर छोड़कर भाग गए।”
महिला ने उक्त मामले में दो लोगों का नाम शामिल करते हुए उनपर आरोप लगाया है कि उन लोगों से पहले रवि का विवाद था इसलिए उन्होंने उसे जानबूझकर पोल पर चढ़ाया।
मुकेश बताते हैं कि, रवि का इलाज लगभग 5 दिन तक चला। लेकिन आईसीयू में भर्ती के दौरान उतने पैसे नहीं थे कि उसकी इलाज और अच्छे से करा सकें। इलाज के दौरान छठे दिन रवि की मौत हो गई। “हम लोग उसकी मौत के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए प्रशासन से न्याय की मांग करने लगे। हमें ऐसा करते देख हमारे साथ गांव के और स्थानीय लोग भी हमारे साथ आ गए। महिलाओं ने रवि का शव सड़क पर रखकर जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। मेरे और मेरे भाई व परिवार सहित 60 लोगों पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर दिया है,” मुकेश वाल्मीकि ने कहा।
घटना के बाद पुलिस ने उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 304A में मुकदमा दर्ज कर लिया। हालांकि, यह धारा पीड़ित परिजनों के आरोप से हल्की थी। जब पीड़ित परिवार ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया तब धारा 304 और एससी एसटी की धाराओं को भी पुलिस ने शामिल कर दिया।
थाना पुवायां के क्षेत्राधिकारी पंकज पंत से द मूकनायक ने मामले में गिरफ्तारियों के बारे में पूछा तो उन्होंने “विवेचना चल रही है” कहकर फोन काट दिया। हालांकि, यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि घटना को लगभग 18 दिन बीत चुके हैं। खबर लिखे जाने तक कोई गिरफ्तारी की जानकारी नहीं मिली है।
मामले को लेकर भीम आर्मी बरेली मंडल की टीम पीड़ित परिवार से मिलने मृतक रवि वाल्मीकि के गांव पहुंची। भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने मृतक के माता पिता और भाई से मुलाकात कर घटना की पूरी जानकारी ली और तत्काल एसपी शाहजहांपुर से बात करके अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग और चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों में गिरफ्तारी नहीं होती है तो भीम आर्मी शाहजहांपुर में बड़ा आंदोलन करेगी। इस दौरान भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष विकास बाबू एडवोकेट, तौफीक प्रधान, शाहजहांपुर जिला अध्यक्ष राजीव गौतम, पीलीभीत जिला अध्यक्ष सौरभ भारतीय, सुशील गौतम, सुरेश चंद्र बौद्ध, विजय राज, मंडल प्रचारक विनय सिंह अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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