उत्तर प्रदेश: सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराने आई दलित नाबालिग के साथ थाने में रेप, 6 पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश: सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराने आई दलित नाबालिग के साथ थाने में रेप, 6 पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज
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"उत्तर प्रदेश में अब योगी जी की पुलिस भी रक्षक से भक्षक बन गई है, पुलिस द्वारा 13 साल की मासूम सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को ललितपुर के पाली के थाने में न्याय की जगह अन्याय मिला। दरोगा ने थाने में दुष्कर्म किया, योगी जी जवाब दो महिलाएं अब कहां जाए।" – आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद

उत्तर प्रदेश। ललितपुर में तेरह वर्षीय एक दलित बलात्कार पीड़िता के साथ थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज द्वारा कथित तौर पर बलात्कार करने का मामला सामने आया है। पीड़िता पाली के पुलिस स्टेशन में उसके साथ हुए सामूहिक बलात्कार के लिए चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गई थी।

क्या है पूरा मामला?

13 वर्षीय दलित लड़की का ललितपुर में चार लोगों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था और भोपाल में उसके साथ सामूहिक रेप किया। जिसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए दलित नाबालिग पीड़िता पाली थाने पहुंची थी और वहां भी एक पुलिसकर्मी ने उसके साथ कथित रूप से रेप की घटना को अंजाम दिया।

इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले महीने हुई यह घटना एक चाइल्डलाइन एनजीओ की काउंसलिंग के दौरान सामने आई, जिसके बाद मंगलवार को ललितपुर में मामला दर्ज किया गया।

पीड़िता की मां द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, उसकी बेटी का अपहरण 22 अप्रैल को चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया ने किया था, जो उसे भोपाल ले गए जहां चारों आरोपियों ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया।

26 अप्रैल को युवकों ने युवती को स्थानीय थाने में छोड़ दिया। बाद में पुलिस इंस्पेक्टर ने लड़की को उसकी मौसी को सौंप दिया, जिसने उसे उसके माता-पिता को बताए बिना अपने घर पर रखा।

एक दिन बाद पुलिस ने लड़की को बयान दर्ज कराने के लिए थाने बुलाया। शिकायत के मुताबिक शाम को लड़की की मौसी उसे थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज के कमरे में ले गई, जहां उसने उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया।

रेप आरोपियों सहित छः पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

पीड़िता की मौसी पाली सरोज सहित छह लोगों के खिलाफ मंगलवार को चार आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 376, 376-बी, 120-बी आईपीसी, धारा 3, 4 पॉक्सो, और धारा 3(2)(V) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई।

मामले पर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने ट्वीट करते हुए लिखा, "महिलाओं पर अत्याचार के मामले अव्वल उत्तर प्रदेश में अब योगी जी की पुलिस भी रक्षक से भक्षक बन गई है, पुलिस द्वारा 13 साल की मासूम सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को ललितपुर के पाली के थाने में न्याय की जगह अन्याय मिला, दरोगा ने थाने में किया दुष्कर्म, योगी जी जवाब दो महिलाएं अब कहां जाए।"

(यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पीड़िता की पहचान उसकी गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रदर्शित नहीं की गई है)

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