उत्तर प्रदेश: दलितों ने घर के सामने लगाया ‘मकान बिकाऊ’ का पोस्टर, जानिए क्या है दलितों के पलायन का मामला!

उत्तर प्रदेश: दलितों ने घर के सामने लगाया ‘मकान बिकाऊ’ का पोस्टर, जानिए क्या है दलितों के पलायन का मामला!
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दलित परिवारों ने बताया कि, 19-20 मई से लगाये गए थे मकान बिकाऊ के पोस्टर। पुलिस ने कहा कि, अप्रैल की घटना है, शांति व्यवस्था कायम है।

उत्तर प्रदेश। अलीगढ़ जिले में 100 दलित परिवारों ने अपने घर के बाहर 'मकान बिकाऊ' लिखकर पोस्टर लगा दिए हैं। पॉश कॉलोनी में रहने वाले दलित परिवारों के अनुसार सांगवान बिरादरी (जाट) के लोगों ने 14 अप्रैल को एसडीएम से अनुमति लेकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया था। परिवारों का आरोप है कि, इस दौरान थानेदार ने वहां पहुंचकर उनके तम्बू फाड़ दिया, कुर्सियां इधर-उधर कर दी, हलवाई को भगा दिया और टेंट वालों को धमकाया। पीड़ितों का आरोप है कि, कार्यक्रम को लेकर ऊपर से दबाव पड़ने के कारण कार्यक्रम की अनुमति निरस्त कर दी गई।

आयोजन करने वाले लोगों से कहा गया कि यह ACM-2 (असिस्टेंट सिटी मजिस्ट्रेट) के कार्यक्षेत्र में आता है। ACM-2 की छुट्टी थी इसलिए ACM-1 मौके पर शाम 6 बजे आए थे। ACM-1 ने पुलिसकर्मियों से पूछा कि भंडारे के लिए कब से परमिशन की जरूरत पड़ने लगी। लेकिन पुलिस कोई जवाब नहीं दे पाई।

ACM-1 ने अनुमति दे दी लेकिन शाम 6 बजे के बाद व्यवस्था न हो पाने के कारण लोगों ने प्रोग्राम को स्थगित कर दिया और उस प्रोग्राम को 16 मई को करने का निश्चय किया। दलित परिवारों के मुताबिक 16 मई बुध्द पूर्णिमा के दिन भी उन्हें कार्यक्रम नहीं करने दिया गया जिसके बाद सभी परिवारों ने पलायन करना उचित समझा और घरों के बाहर बैनर लगा दिये। वहीं जब इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो अलीगढ़ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मामला अप्रैल का बताया गया।

क्या था पूरा मामला

मामला यूपी के अलीगढ़ महानगर के थाना महुआ खेड़ा इलाके की पॉश कॉलोनी सांगवान सिटी कॉलोनी का है। इस कालोनी में 100-125 परिवार मकान बनाकर रह रहे हैं। जबकि दलितों के लगभग 250 प्लाट स्थित हैं। सांगवान सिटी के रहने वाले हैं सुल्तान सिंह ने बताया कि, "साल 2017 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती पर प्रशासन से अनुमति लेना चाहते थे। लेकिन कार्यक्रम से 3 दिन पहले ही निर्धारित कार्यक्रम स्थल पर पानी भरवा दिया गया जिससे कार्यक्रम ना हो सके। 14 अप्रैल 2022 को अंबेडकर जयंती के मौके में सांगवान सिटी में बने पार्क में भंडारा करने की अनुमति मांगकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बाद में उस अनुमति को निरस्त कर दिया गया।"

दलित परिवार ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

सांगवान सिटी की रहने वाली सुमन का कहना है कि, "डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर भंडारा करने पर रोक लगा दी गई, इस कारण सभी दलित परिवार मकान बेचकर पलायन करने के लिए मजबूर हैं। इलाके में 100 से ज्यादा घरों पर मकान बिकाऊ है, के बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं।"

सांगवान सिटी में रहने वाले दलित परिवारों ने कालोनी प्रबंधन पर जाति भेदभाव को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया है, इतना ही नहीं कॉलोनी के रहने वाले दलितों ने थाना अध्यक्ष महुआ खेड़ा पर भी जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। दलित परिवारों ने इसकी शिकायत DM (जिलाधिकारी), SSP (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक), मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर की है।

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