उत्तर प्रदेश। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार सुबह बुलंदशहर के ककोड़ से डेढ़ साल का बच्चा गोद में लेकर दलित नाबालिग सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास न्याय की गुहार लगाने अपनी मां के साथ पहुंची थी। पीड़िता और उसकी मां दो दिन से भूखी थी। सीएम से मुलाकात न हो सकी इसलिए सीएम आवास के पास दर बदर भटकती नजर आई। शाम को कमजोरी की स्थिति में पीड़िता अचानक बेहोश होकर गिर गई। आस-पास मौजूद लोगों ने बच्ची को एम्बुलेंस बुलाकर सिविल अस्पताल में भिजवाया जहां उसका इलाज चल रहा है। पीड़िता का आरोप है आरोपी जेल से बाहर आकर उसे धमका रहा है।
यूपी के बुलंदशहर के ककोड़ थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाला दलित परिवार अपनी चार नाबालिग बेटियों गांव के ही रोहित ठाकुर के घर मजदूरी करता था। घटना नवम्बर 2021 की है। आरोप है कि इस दौरान रोहित ठाकुर ने दलित परिवार की 16 साल की नाबालिग बच्ची के साथ अवैध शरीरिक सम्बन्ध बनाता रहा। उसने पीड़िता को यह बात किसी को भी बताने के लिये मना की थी। आरोपी युवक ने कहा था अगर बात किसी को बताई तो वह पूरे परिवार को खत्म कर देगा। इस डर से सहमी पीड़िता ने परिवार में किसी को नहीं बताया।
पीड़िता की मां ने द मूकनायक को बताया, "17 अप्रैल 2022 को मेरी बेटी के पेट में अचानक दर्द उठा। मैं उसे डॉक्टर के पास ले गई तब उसके पेट में छह माह का बच्चा होने की जानकारी हुई। जब मैंने उससे पूछा तो उसने पूरी घटना बताई।"
हालांकि, पीड़िता का इलाज चल रहा है। लेकिन उसे अभी भी न्याय की आस है।
पीड़िता की मां ने बताया, "जब मुझे बेटी ने सबकुछ बताया तो मैं डर गई। मैं रोहित के घर बेटी को लेकर पहुंची। उनकी मां को पूरी बात बताई। मैंने उनसे कहा कि तुम ठाकुर हम जाटव- हम तुम्हारी बराबरी नहीं कर सकते। फिर भी बेटी के साथ जो हुआ उसको किसी तरह निपटा लिया जाये। मैने रोहित से शादी की बात भी की लेकिन वह इसके लिये तैयार नहीं हुए।"
पीड़िता की मां का आरोप है कि, "रोहित ठाकुर की मां ने मेरी बेटी के पेट में पल रहे 6 महीने के गर्भ को गिराने की बात कही। उन्होंने मुझसे कहा कि इस गंदगी को पेट से साफ करवा दो। इसका पैसा भी नहीं मिलेगा।"
पीड़िता की मां ने द मूकनायक को बताया, "इस मामले में हमने क्षेत्रीय थाने में शिकायत की थी। इस मामले में पुलिस हमारी सुनवाई नहीं कर रही थी। एक महीने बाद हमारी एफआईआर दर्ज की गई।"
जानकारी के मुताबिक मामले में पुलिस ने 376 सहित एससी एसटी सहित पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
पीड़िता की मां ने बताया कि रोहित ठाकुर जेल में डेढ़ साल तक बन्द रहा। अब वह जेल से छूटकर वापस आ गया है। मेरी बेटी ने अपने बच्चे की परवरिश के लिए 6 हजार रुपये महीने पर काम शुरू किया है। इससे वह अपना और अपने बच्चे का पेट पालती है। लगभग 15 दिन पहले रोहित ने मेरी बेटी को रास्ते में रोक लिया था। वह उसे धमका रहा था। पीड़िता के मुताबिक रोहित उसे बिना शादी किये ही साथ रखने की बात भी कह रहा था।
शुक्रवार सुबह पीड़िता और उसकी मां डेढ़ साल की बेटी को गोद में लेकर न्याय की गुहार लेकर सीएम आवास पहुंची थी। इस दौरान सीएम से मुलाकात नहीं हो सकी। दोनों मां और बेटी बच्ची को लिये सीएम कार्यालय के आस-पास न्याय की आस लेकर भटकती नजर आई। दोनों मां बेटी ने द मूकनायक को बताया हम दो दिन से भूखे हैं। कुछ समय बाद नाबालिग बेहोश होकर गिर गई। जिसके बाद आस पास मौजूद लोगों ने उसे एम्बुलेंस बुलाकर सिविल अस्पताल इलाज के लिये भिजवाया।
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