उत्तर प्रदेश। जालौन जिले में पेट्रोल पंप के मालिक ने एक दलित पत्रकार को बुलाकर हाथ बांधकर कमरे में बंद कर बेरहमी से पिटाई कर दी। साथ ही उस पर फर्जी लूट का मुकदमा दर्ज कराने के लिए जबरन कमर में तमंचा लगा दिया, इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेकर जांच की तो मामला उल्टा निकला. जिस पर युवक की शिकायत पर मारपीट करने वालों 4 लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर पेट्रोल पंप संचालक सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं इस मामले पत्रकार ने थानेदार पर तहरीर बदलवाने का भी आरोप लगाया है। जबकि थानेदार दिव्य प्रकाश तिवारी का कहना है कि लगाए गए सभी आरोप निराधार है। पुलिस ने इस मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई की है। इस मामले में एसपी जालौन इराज राजा ने बताया कि पत्रकार को गलत फसाया जा रहा था। पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है।
उक्त घटना जालौन जिले के गोहन थाना क्षेत्र की है। द मूकनायक को पीड़ित दलित पत्रकार आशीष कुमार बताते हैं, "कुछ दिन पहले पेट्रोल पंप पर हो रही धांधली की खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद पेट्रोल टैंक मैनेजर आशू उर्फ शैलेन्द्र सिंह का फोन आया। उनका कहना था कि पेट्रोल टैंक के विरुद्ध खबर मत चलाओ। मैंने बात नहीं मानी तो वह अन्य तीन लोगों से फोन करवाने लगा। जिसके बाद मैं अपने परिचित देवेन्द्र सोनी के कहने पर आशू के पेट्रोल टैंक पर चला गया। खाना खाने के बहाने उन्होंने कमरे में बुलाया। कमरे में पहले से दो लोग मौजूद थे। जिसके बाद वह मुझे मारने, पीटने, गाली देने लगे। मुझे जान मारने की धमकी देने लगे। मेरे साथ एक दूसरा व्यक्ति भी आया था, लेकिन वह मौके से भाग गया।"
आशीष कुमार ने आगे बताया, "आरोपियों ने मुझे फंसाने के लिये मेरे कमर में एक अवैध तमंचा लगा दिया और इसका वीडियो भी बनाया और वायरल कर दिया। जब पुलिस ने इसकी जांच की तो पूरा मामला झूठा निकला।"
पीड़ित ने बताया कि पिटाई का वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया गया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही गोहन थाना के प्रभारी निरीक्षक दिव्य प्रकाश तिवारी मौके पर पहुंचे, उन्होंने इस मामले का संज्ञान लेते हुए हकीकत जाने का प्रयास किया। जांच के दौरान पता चला कि युवक कुछ दिन पहले पेट्रोल भरवाने के लिए आया था, जिस पर उसने घटतौली की शिकायत की थी।
इस मामले में माधौगढ़ के सीओ शैलेंद्र कुमार बाजपेई का कहना है कि वायरल वीडियो का संज्ञान लेने के बाद इसकी जांच की, यह मामला 5 जनवरी 2024 का है। मारपीट करने वाले पेट्रोल पंप संचालक शैलेंद्र ने अपने साथियों के साथ युवक के साथ मारपीट की। जिसमें पेट्रोल पंप संचालक सहित 4 लोगों के खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया है। जिसमें पंप संचालक और उसके दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही अन्य की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा। पूरा विवाद घटतौली को लेकर था। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है।
इस मामले में आशीष कुमार ने पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। आशीष का कहना है पुलिस ने समुचित धारा में मुकदमा दर्ज नहीं किया है। इसके साथ ही तहरीर बदलने का भी आरोप लगाया है। इस मामले में द मूकनायक ने थानेदार का पक्ष भी जाना। थानेदार दिव्य प्रकाश तिवारी का कहना है कि लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। पुलिस ने इस मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए कार्रवाई की है। इस मामले में एसपी जालौन इराज राजा ने बताया कि, पत्रकार को गलत फसाया जा रहा था। पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है। पत्रकार द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
बीते दिसंबर 2023 में मध्यप्रदेश के भिंड जिला एवं सत्र न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उनके खिलाफ भिंड के देहात थाने में एक दलित व्यक्ति बाबूराम जामौर को अवैध तरीके से बंधक बनाकर मारपीट करने और उसकी जाति पर टिप्पणी कर उसे अपमानित करने का मुकदमा दर्ज है। इसमें गोहद के वर्तमान में कांग्रेस विधायक केशव देसाई सहित चार लोग आरोपी बनाए गए थे। इसमें रामलखन नामक व्यक्ति की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। यह मामला 2015 का था। जब भिंड में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव का समय था। उस समय बाबूराम जामौर भी सदस्य के रूप में वार्ड छह जवासा से अपना नामांकन दाखिल करना चाह रहे थे। यही से भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह की पत्नी मिथलेश कुशवाह अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में थीं। भिंड विधायक नरेंद्र कुशवाह गोहद विधायक केशव देसाई और उनके समर्थकों ने बाबूराम जामौर को बीच बाजार से अगवा कर लिया और जंगल में ले जाकर उनके साथ जमकर मारपीट की उनका अपमान भी किया गया।
वहीं बीते मई 2023 में राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर के गांव नीमूचाणा के एक दलित युवक को दो युवकों ने बंधक बनाकर फिरौती मांगी गई थी। आरोपियों ने युवक को नंगा कर मारपीट की और वीडियो भी बनाया। फिरौती के नाम आरोपियों ने पीड़ित से 1.50 लाख रुपये के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं देने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल की धमकी दी थी। पुलिस ने एससी-एसटी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को बानसूर के मोठुका गांव से गिरफ्तार किया था।
एनसीआरबी की रिपोर्ट से भी पता चलता है कि दलितों उत्पीड़न में अभी कमी नहीं आई है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ अपराध के तहत 57,582 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2021 में यह मात्र 50,900 ही थे। सबसे अधिक मामले साधारण चोट की श्रेणी के तहत दर्ज किए गए। उनकी संख्या 18,428 है। इसके बाद 5,274 ‘आपराधिक धमकी’ के तहत मामले और 4,703 मामले एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज किए गए है। उत्तर प्रदेश ऐसे अपराधों के मामले में शीर्ष पर है। 2022 में कुल 15,368 मामले सामने आये थे। जबकि 2021 में 13,146 मामले थे।
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