लखनऊ। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाली भाजपा सरकार की पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितनी असंवेदनशील है, इसका उदाहरण हाल में महिला उत्पीड़न की दो घटनाओं से मिला, जहां पीड़िताओं की शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाए उनको थानों से बैरंग वापस कर दिया गया। इसके बाद पीड़िताओं ने उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद उनकी रिपोर्ट लिखी जा सकी।
पहले मामले में, पीलीभीत जिले के पूरनपुर ब्लॉक के थाना माधोटांडा क्षेत्र के एक गांव निवासी दलित युवती ने बताया कि गांव का एक युवक शाहगढ़ स्टेशन के पूरनपुर गेटमेन के पद पर तैनात है। गत 14 मार्च को युवक उसके घर पर आया। उसने परिजनों के बारे में पूछताछ की। इस पर युवती ने परिजनों के बाहर जाने की बात कही।
आरोप है कि इसी का फायदा उठाकर युवक ने युवती के साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दी। विरोध पर तमंचा तान जान से मारने की धमकी देते हुए जबरन दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर उसकी पिटाई की। युवती ने माधोटांडा थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी थी। लेकिन थाना पुलिस ने स्थानीय चौकी पर शिकायत करने की बात कहकर उसे भगा दिया था।
न्याय न मिलता देख युवती ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा से की। एसपी के आदेश पर माधोटांडा पुलिस ने शाहगढ़ निवासी सुनील कुमार के खिलाफ दुष्कर्म, दलित उत्पीड़न सहित कई धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया है। थाना प्रभारी बिरेश कुमार यादव ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
इसी प्रकार मेरठ में सरकारी नल से पानी भर रही वाल्मीकि समाज की महिला से रेप की कोशिश की गई। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण आ गए। उन्होंने किसी तरह आरोपियों से महिला को बचाया और पुलिस को सूचना दी। लेकिन तब तक आरोपियों ने महिला के पति की पिटाई कर दी। इसके बाद आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। थाने से मदद नहीं मिलने पर महिला ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत पत्र दिया है।
स्थानीय मीडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार सरधना थाना क्षेत्र के एक गांव में वाल्मीकि समाज का परिवार रहता है। बीते 16 मार्च को शाम करीब 5 बजे महिला सरकारी नल से पानी भरने के लिए गई थी। तभी तुषार, उज्जवल, अमित व मोनू ने विवाहिता को पकड़ लिया और उसे कमरे में लेकर चले गए। उन्होंने विवाहिता से रेप करने की कोशिश की, शोर सुनकर विवाहिता का पति और अन्य ग्रामीण आ गए।
सभी आरोपियों ने मिलकर विवाहिता के पति की जमकर पिटाई कर दी। जिस वजह से वे लहूलुहान हो गया। पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। शिकायत सुन रहे एसपी क्राइम अनित कुमार ने संबंधित थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं।
विवाहिता के पति ने बताया कि गांव में अभी भी छुआछूत की जाती है। यदि दलित परिवार ऊंची आवाज में बोलता है, तो गांव के मनबढ़ उनके साथ मारपीट करते हैं। दलित परिवार की महिलाओं पर गंदी नजर रखी जाती है। ऐसे में पुलिस भी कोई सहायता नहीं करती हैं। इसी वजह से महिला संबंधित अपराध में भी सरधना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है।
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