दनकौर। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के कोतवाली क्षेत्र के गांव बांजरपुर में गत बुधवार रात आठ साल के बच्चे सिद्धार्थ की बीमारी की वजह से मौत के बाद परिजन और अन्य ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने श्मशान घाट पहुंचे। आरोप है कि गांव के जातिवादी लोगों ने अंतिम संस्कार के लिए लाई गई सामग्री नहर में फेंक दी।
हंगामे के बाद पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया गया। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने दो नामजद समेत पांच आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पहुंचकर शिकायत की है। दो माह पहले भी गांव रीलखा में सपेरा समाज के व्यक्ति की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया था। इसके विरोध में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था।
गांव बांजरपुर निवासी दलित रोहित का 8 वर्षीय बेटा सिद्धार्थ पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। काफी इलाज के बाद भी ठीक नहीं हुआ और बुधवार देर शाम उसकी मौत हो गई। परिजन व अन्य ग्रामीण अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पर पहुंचे। आरोप है कि श्मशान की जमीन को अपनी बताते हुए गांव के प्रभावशाली लोगों ने अंतिम संस्कार की सामग्री को नहर में फेंक दिया। इसके बाद दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए। गांव के नजदीक नहर पर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि मौजूदा समय में वह गांव के मिश्रित श्मशान घाट पर ही अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। दलित समाज के लोगों ने ग्रेनो प्राधिकरण से श्मशान के लिए जमीन की मांग की थी। राजस्व दस्तावेजों में दलित समाज के लिए अलग से श्मशान घाट दर्ज किया गया, लेकिन चिह्नित की गई जमीन गांव के प्रभावशाली लोगों के कब्जे में है। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच कर सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
द मूकनायक को दनकौर एसडीएम ने बताया कि मामले में तहसीलदार को जांच के आदेश दिए है, राजस्व रिकार्ड के आधार पर श्मशान भूमि की नपती कर कब्जा दलित समाज के सुपुर्द कराया जाएगा।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.