लखनऊ। यूपी के प्रयागराज जिले में दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। लेखपाल ने दलित महिला की जमीन कागज में हेर-फेर कर बैनामा अपनी मां के नाम करवा दिया। पीड़ित दलित महिला ने मंडलायुक्त से शिकायत की, जिसके बाद लेखपाल को निलंबित कर दिया गया।
प्रयागराज जिले के कटहुला गौसपुर में फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन की बिक्री हुई थी। किसानों ने इसकी शिकायत मंडलायुक्त से की थी। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की ओर से धरना-प्रदर्शन भी किया गया था। किसानों का आरोप था कि दस्तावेजों में हेराफेरी करके करोड़ों की संपत्ति की बिक्री की गई है। दो लेखपालों के अलावा एसडीएम व तहसीलदार की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे।
अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन की बिक्री की अनुमति मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) के कार्यालय से दी जाती है। ऐसे में सीआरओ कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लेखपाल अंशुमान सिंह पर परिवार के ही सदस्य के नाम पर जमीन लिए जाने का भी आरोप है। इसे लेकर यूनियन की ओर से गत शुक्रवार को भी कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन करने के साथ ज्ञापन सौंपा गया।
किसानों की इन शिकायतों पर एसडीएम की ओर से जांच कराई गई और प्रथम दृष्टतया लेखपाल को दोषी पाया गया। जांच में पाया गया कि अनुसूचित जाति वर्ग की पितना देवी, अजय कुमार और सुभाष चंद्र की जमीन गीता सिंह के नाम पर कराई गई। गीता सिंह लेखपाल अंशुमान की मां हैं। लेखपाल के इस कृत्य को कदाचार की श्रेणी में पाया गया। इस आरोप में लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। दूसरे आरोपी लेखपाल का कार्यक्षेत्र बदल दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी लेखपाल सदर तहसील में तैनात है। शिकायत के अनुसार, सदर तहसील के कटहुला गौसपुर संबद्ध क्षेत्र शाहा उर्फ पीपलगांव में तैनात लेखपाल अंशुमान सिंह ने शाहा उर्फ पीपलगांव के अनुसूचित जाति के फूलचंद्र के बेटों अजय व सुभाष और पत्नी पितनी देवी की जमीन कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से अपनी मां गीता सिंह के नाम बैनामा करा लिया।
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत से इसकी शिकायत हुई। मामले में मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम नवनीत सिंह चहल ने एसडीएम सदर अभिषेक सिंह, तहसीलदार व नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक की टीम से जांच कराई। रिपोर्ट के आधार पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया। मामले की विभागीय जांच भी कराई जा रही है। माना जा रहा है कि लेखपाल को शीघ्र ही बर्खास्त भी किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक शहर के अंदर पीपलगांव में इस भूमि की कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है। आरोप है कि इसके लिए लेखपाल ने भूमि स्वामियों पर कई तरह का दबाव भी बनाया था। एसडीएम सदर ने बताया कि लेखपाल के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। विभागीय जांच रिपोर्ट आने पर बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।
एसडीएम अभिषेक सिंह का कहना है कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन खरीदने की अनुमति सीआरओ ऑफिस से दी गई है या नहीं इसकी भी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत का कहना है कि पीड़ित परिवार की ओर से शिकायत की गई है। कई गंभीर आरोप हैं। अपर आयुक्त प्रशासन को जांच सौंपी गई है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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