"यह गांव ठाकुरों का है, यहां च....रों की बारात नहीं चढ़ेगी" दलित इकलौती बेटी की शादी में बवाल

दलित किसान ने की मन्नत "मेरी इकलौती बेटी की बारात है, बड़ी बेइज्जती हो जाएगी साहब!"
"यह गांव ठाकुरों का है, यहां च....रों की बारात नहीं चढ़ेगी" दलित इकलौती बेटी की शादी में बवाल
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उत्तर प्रदेश। गाजियाबाद जिले में दलित की इकलौती बेटी की बारात को गांव के कथित उच्च जाति के लोगों ने रोक लिया। उन लोगों ने दूल्हे को लगभग दो घन्टे तक घोड़ी चढ़ने से रोका रखा। दलित बेटी के परिजनों ने जब इसका विरोध किया तो उन लोगों ने बारातियों सहित बेटी के परिवार वालों की पिटाई कर दी। मारपीट में कई लोग घायल हो गए, और शादी में आए रिश्तेदार दहशत में आ गए। परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। जिसके बाद भारी पुलिस बल गांव में तैनात करना पड़ा। पुलिस की निगरानी में बारात चढ़ सकी। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के एटा में मारहरा क्षेत्र के लालपुर देहामाफी गांव में रामप्रकाश पुत्र इतवारी लाल अपने तीन बेटों और इकलौती बेटी के साथ रहते हैं। राम प्रकाश के अनुसार, 22 फरवरी 2023 को मेरी एकलौती बेटी शशि की शादी गाजियाबाद से तय हुई थी। धूमधाम से बाराती गांव में बारात लेकर पहुंच गए। 22 फरवरी की रात को बैंड बजना शुरू हुआ तो बाराती नाचने गाने लगे। दूल्हा और बाराती गांव में आगे बढ़े तो गांव के ही ठाकुरों ने विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था-'बारात गांव में नहीं जाएगी।' और बारात को आगे बढ़ने से रोक दिया।

बारात को रोकने पर गांव में फैला तनाव

रामप्रकाश के घर उसकी इकलौती बेटी की बारात ना चढ़ने की बात सुनकर गांव में दलित समाज के लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने बारात चढ़ने के लिए फिर से बारात आगे बढ़ाई। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोग भी इकट्ठा हो गए।

रामप्रकाश ने बताया, "जब हमने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने बरातियों और घर के लोगों से गाली-गलौच करना शुरु कर दिया। उन्होंने शादी में घुसकर डीजे का तार हटा दिया और कहने लगे 'यह गांव ठाकुरों का है, यहां च.... रों की बारात नहीं चढेगी।' मैंने उनसे विनती की उनके आगे हाथ-पैर जोड़े। मैंने कहा-'मेरी इकलौती बेटी की बारात है, बड़ी बेइज्जती हो जाएगी साहब!' लेकिन वह नहीं माने और हमारे साथ हाथापाई शुरु कर दी। कुछ देर बाद उनके कुछ लोग लाठियां और डंडे लेकर आ गए और बारातियों की पिटाई शुरू कर दी।"

"गाजियाबाद से आए बाराती यह सब देखकर डर गए। इस घटना में करीब आठ से दस लोग मारपीट में घायल हो गए। बारात में अफरा-तफरी मच गई थी", राम प्रकाश ने बताया।

सूचना पर पहुंची पुलिस, गांव बना छावनी

मामले की जानकारी थाना पुलिस को दी गयी। सूचना मिलते ही थाना पुलिस गांव में पहुंच गई। इसके बावजूद भी बारात रोकने वाले डरे नहीं। क्षेत्रीय थाने ने और पुलिस बल मंगाया। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया था। इसके बाद पुलिस फोर्स की मौजूदगी में बारात को गांव में दाखिल हो सकी।

पुलिस के जाने के बाद विरोध करने वाले लोगों ने बारातियों को पीटा

रामप्रकाश बताते हैं, पुलिस के चले जाने के बाद उन लोगों ने फिर से मारपीट कर दी। हमला करने वालों में गांव के ही रहने वाले ठाकुर बिरादरी के करू पुत्र मुन्नालाल, विवेक और कौशल पुत्र डिम्पी, टिन्नू पुत्र राजकुमार, बॉबी पुत्र ओमवीर, टिंकू पुत्र बंटी और शिवम पुत्र बीरेश सिकरवार शामिल थे।

इस मामले में पुलिस ने रामप्रकाश की तहरीर पर सात लोगों पर आईपीसी की धारा-147, 452, 504, 506 व अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम की धारा 3 (1) (द)(घ) व 3(2) (व) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

इस मामले में थाना प्रभारी मारहरा ने बताया, "पीड़ित की तहरीर पर सुंसगत धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। अभी तक एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। शेष अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।"

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