यूपी: SC सर्टिफिकेट बनाकर महिलाओं ने आरक्षित सीटों पर लड़ा चुनाव, DM से शिकायत के बाद..

दलित एक्टिविटिस्ट की शिकायत पर डीएम ने दिए जांच के आदेश.
विश्व दलित परिषद के अध्यक्ष भूपेंद्र पाल सिंह
विश्व दलित परिषद के अध्यक्ष भूपेंद्र पाल सिंह तस्वीर- द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। यूपी के बिजनौर जिले में डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने सुनवाई के बाद तीन महिलाओं के अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता विश्व दलित परिषद के भूपेंद्र हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति (SC) का सर्टिफिकेट बनवाकर आरक्षित सीट पर चुनाव भी लड़ा गया है। जिसके बाद कमेटी ने जांच की और आरोप सही पाए जाने पर सभी प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए।

दरअसल, पूरा मामला बिजनौर का है। विश्व दलित परिषद के भूपेंद्र ने यह मामला उठाया। द मूकनायक को भूपेंद्र ने बताया कि, "सुनीता उर्फ सितारा पत्नी मोहम्मद हुसैन निवासी शादीपुर डल्ला कोतवाली देहात ने इस्लाम धर्म अपनाकर हुसैन से निकाह कर लिया। सुनीता उर्फ सितारा ने नियम विरुद्ध अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर 2022 में जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ा।"

आरोप था कि प्रमाणपत्र अनुसूचित जाति का बनवाने में कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा नीलम उर्फ खुशब पत्नी सलीम अहमद ने नियम विरुद्ध अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकार जिला पंचायत की नजीबाबाद चतुर्थ सीट से चुनाव लड़ा। वहीं शकुंतला उर्फ शकीला बेगम पत्नी अब्दुल लतीफ निवासी ग्राम भागू वाला ने भी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर जिला पंचायत सदस्य की रिजर्व सीट पर चुनाव लड़ा। डीएम ने इन तीनों मामलों की संबंधित विभागों से जांच कराने के बाद उक्त प्रकरण सुनवाई के लिए जिला स्तरीय स्कूटनी में भेज दिए।

जिला स्तरीय स्कूटनी कमेटी ने सुनीता उर्फ सितारा पत्नी मोहम्मद हुसैन निवासी शादीपुर डल्लाकोतवाली देहात के प्रकरण में सुनवाई की, लेकिन वह अपने पक्ष में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। इस पर कमेटी ने तीन जून को तहसीलदार सदर से जारी किया गया सुनीता उर्फ सितारा पत्नी मोहम्मद हुसैन निवासी शादीपुर डल्ला कोतवाली देहात का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया।

वहीं कमेटी ने नीलम उर्फ खुशबू पत्नी सलीम अहमद के प्रकरण में 23 सितंबर 23 और 31 अक्टूबर 23 को बुलावा भेजा, किंतु वह सुनवाई के लिए कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुई। इस पर कमेटी ने नीलम उर्फ खुशबू पत्नी सलीम अहमद को जारी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया। इसके अलावा कमेटी ने शकुंतला उर्फ शकीला बेगम पत्नी अब्दुल लतीफ के प्रकरण में चार अप्रैल 2022 और 13 अप्रैल 2022 को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान शकुंतला उर्फ शकीला बेगम पत्नी अब्दुल लतीफ ने साक्ष्य के रूप में निकाह की रसीद दाखिल की, किंतु वह धर्म परिवर्तन की कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। कमेटी ने शकुंतला उर्फ शकीला बेगम पत्नी अब्दुल लतीफ को जारी किया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया।

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