यूपी: अन्याय का विरोध किया तो दलित नेता को भेजा जेल, मजिस्ट्रेट ने पुलिस को लगाई फटकार

अमेठी के शिवरतनगंज थाना इलाके का मामला, पीड़ित को मिली जमानत।
पुलिस गिरफ्त में दलित नेता
पुलिस गिरफ्त में दलित नेता
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लखनऊ। यूपी के अमेठी जिले में जिला प्रशासन और पुलिस की काली करतूत सामने आई है। यहां विधवा महिला के जमीन पर कब्जे का विरोध करने पर पुलिस ने एक दलित नेता पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सिविल जज ने पुलिस को फटकार लगाई है।

शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में एक विधवा महिला की पट्टे की जमीन कुछ लोगों द्वारा कब्जा की जा रही थी। महिला की जमीन पर कब्जे की खबर लगने पर दलित नेता मौके पर पहुँच गया। दलित नेता का आरोप है कि वह तहसीलदार और लेखपाल की इस करतूत का वीडियो बना रहा था। इस दौरान तहसीलदार और लेखपाल ने मिलकर उनका मोबाइल छीन लिया। आरोप है कि दोनों ने मिलकर उनके साथ हाथापाई भी की। मामले में जब दलित नेता ने थाने में शिकायत की तो उनका मुकदमा भी नहीं लिखा गया। आरोप है कि उनके खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जब दलित नेता को इसकी जानकारी मिली तो वह शिकायत लेकर एसपी कार्यालय जा रहे थे। इस दौरान उन्हें रास्ते से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले को नाटकीय ढंग से दिखाते हुए उन्हें जेल भेज दिया। मामला जब मजिस्ट्रेट के पास पहुंचा तो मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जमकर पुलिस को फटकार लगाई। फिलहाल नेता को जमानत मिल चुकी है।

उतर प्रदेश के अमेठी जिले के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र का यह पूरा मामला है। राजेंद्र भारती इस क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य हैं। राजेंद्र द मूकनायक से पूरी घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं, "मुझे जानकारी मिली कि नायब तहसीलदार तिलोई अशोक कुमार और लेखपाल सुरेन्द्र कुमार ने रिश्वत लेकर असंवैधानिक तरीके से खरगपुर गांव की एक विधवा महिला प्रेमावती पासी के पट्टे की भूमि को रमजान एवं सकरुल निशा को नाप कर कब्जा करवा रहे थे। इस भूमि पर सिविल जज रायबरेली के द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था. मौके पर पहुंच कर कोर्ट के आदेश के विरुद्ध कार्रवाई का विरोध किया।"

भारती आगे बताते हैं, "मुझे जब यह जानकारी मिली तो मैं मौके पर पहुंचा था। दोनों अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश को झूठा बताते हुए आग बबूला हो गये। मुझे मां-बहन सहित जातिसूचक गाली देने लगे। जब इसका वीडियो बनाने लगा तो मेरा मोबाइल छीन कर तोड़ दिया। तहसीलदार के होमगार्ड ने कालर पकड़ कर हाथ मरोड़ कर मेरी दो उंगली तोड़ दी। मैंने थाने पर इसकी लिखित शिकायत की थी। मेरा मुकदमा नहीं लिखा गया न ही मेरा चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो एक माह बाद प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से मेरे खिलाफ उल्टा मुकदमा लिखा दिया गया।"

दलित नेता थानेदर पर आरोप लगते हुए कहते हैं, "थानाध्यक्ष शिवरतनगंज तनुजपाल सिंह क्षेत्र में मेरे काम से नाखुश हैं। इसी रंजिश में मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जब इसकी शिकायत लेकर एसपी ऑफिस जा रहा था तो मुझे रास्ते से गिरफ्तार कर लिया गया। मेरे साथ पुलिसकर्मियों ने भी हाथापाई की। इसका मेरे पास वीडियो भी मौजूद है। मुझे जेल भेज दिया गया।"

मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 17 फरवरी को गिरफ्तारी दिखाई थी। इस मामले में एक प्रेसनोट भी जारी किया था। प्रेस नोट के मुताबिक, "17 -02-2024 को शत्रोहन लाल वर्मा थाना शिवरतन गंज मय हमराह द्वारा वांछित देखभाल क्षेत्र व चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति वस्तु वाहन के दौरान मुकदमा संख्या 11/24 धारा 147,332,353,504 भादवि 2/3 लोक सम्पत्ति छति निवारण अधिनियम थाना शिवरतन गंज जनपद अमेठी में वांछित अभियुक्त राजेंद्र भारती पुत्र तेजबहादुर निवासी ग्राम पेंडारा उम्र 28 वर्ष को गिरफ्तार किया गया।"

इस मामले में पुलिसकर्मियों ने दलित नेता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। मजिस्ट्रेट ने पूरी घटना को लेकर पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई है। इसके साथ ही दलित नेता की जमानत मंजूर कर ली है।

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